महिला शिक्षिका बनी बाजी बाई सिंघम
समापन कार्यक्रम में आखिर क्यों बरपा हंगामा
समापन कार्यक्रम में आखिर क्यों बरपा हंगामा
रामकिशोर पंवार (बैतूल//टाइम्स ऑफ क्राइम)
जिला प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479
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बैतूल . यदि आपको किसी ने यह कहा होगा कि शिक्षक समाज का आइना है तो निश्चीत तौर पर उसने आपके साथ बेहूदा मजाक किया होगा क्योकि आज का शिक्षक समाज का आइना हो ही नहीं सकता क्योकि आइना के समाने पर दो पल के लिए खड़ा रह नहीं पा रहा है।
अभी तक आपने केवल शिक्षको के शराब पीकर हंगामा मचाने के समाचार सुने एवं पढ़े होगें लेकिन बैतूल की एक शिक्षिका ने अपनी नई पहचान दिखा कर सबकी बोलती बंद कर दी। इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी में अपने स्कूल के बच्चों का चयन नहीं होने से नाराज एक शिक्षिका ने शराब के नशे में समापन कार्यक्रम के दौरान वो हंगामा मचाया कि लोगो की आंखे फटी की फटी रह गई। शिक्षिका ने दबंग वाली स्टाइल में बाजी बाई सिंघम बनने का जो प्रयास किया तो लोग दुबक कर कोने में छुप गए। कुछ लोगो ने हिम्मत करके पुलिस को बुलाया तब जाकर पुलिस ने शिक्षिका को पकड़कर उसकी एमएलसी कराई। उक्त शर्मसार कर देनी वाली घटना बैतूल जिला मुख्यालय पर उत्कृष्ट स्कूल में आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के समापन समारोह के दौरान हुई। इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत उत्कृष्ट स्कूल में तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसके समापन कार्यक्रम के दौरान ही आमला ब्लॉक के ग्राम देवठान स्कूल की शिक्षिका श्रीमति कमला नर्रे ने शराब के नशे में वो हंगामा मचाया कि पूरा कार्यक्रम स्थल को सांप सुंघ गया। शिक्षिका का कहना था कि उसके स्कूल के छात्रों के मॉडल का चयन नहीं किया है। स्कूल परिसर में हंगामा करने के बाद शिक्षिका कार्यक्रम में शिक्षकों के बीच आ गई।
गेट पर तैनात एनसीसी के छात्रों ने उसे रोकने का भी प्रयास किया। इसके बाद भी शिक्षिका नहीं रूकी। कार्यक्रम के दौरान भी शिक्षिका हंगामा करती रही। शिक्षिका ने लगभग आधा घंटे हंगामा किया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने फोन पर पुलिस को शिक्षिका द्वारा हंगामा करने की सूचना दी। जिस पर कोतवाली से आई महिला पुलिस ने शिक्षिका को पकड़ लिया। यहां से शिक्षिका को जिला चिकित्सालय ले जाकर उसकी एमएलसी कराई। शिक्षिका ने शराब के नशे में स्कूल परिसर में पंजीयन के लिए तैनात शिक्षकों के साथ भी गाली-गलौच की। आदिवासी दुरस्थ क्षेत्रो में अकसर शराब पीकर शिक्षको के उत्पात मचाने की शिकवा - शिकायते सुनने को मिलती रही है लेकिन इस आदिवासी शिक्षिका ने सारी मर्यादा और हदो को पार कर दिया। जहां एक ओर लोग इसे शिक्षिका के गलत आचरण से शिक्षक समाज की कथित बदनामी की बाते कह रहा है वही दुसरी ओर शिक्षिका के छात्रो के प्रति प्रेम की भी लोग सराहना करने से नहीं चूक रहे है। आदिवासी जागृति मंच का कहना है कि हमारे समाज में स्त्री - पुरूष दोनो ही शराब पीते है और ए हमारे सामाजिक संस्कार है लेकिन शिक्षिका का यह कृत्य निदंनीय होने के साथ तारीफे काबील भी है क्योकि शिक्षिका को ऐसा लगा कि आमला जैसे विकास खण्ड के दुरस्थ ग्रामो से यदि बच्चे विज्ञान प्रर्दशनी में आने के बाद उनका चयन नहीं किया जाता है तो निश्वीत तौर पर आक्रोष तो भड़केगा ही इस बार छात्रो की जगह शिक्षिका का आक्रोष भड़क गया। पूरी घटना के बारे में बताया गया कि उत्कृष्ट स्कूल में चल रही विज्ञान प्रदर्शनी के समापन समारोह में अतिथि के रूप में शिक्षा समिति के अध्यक्ष व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पवार सहित अन्य मौजूद थे।
यह कार्यक्रम शुरू हुआ था, कि स्कूल के बाहर मॉडल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर एच एम माडल को लेकर शुरू हुई बहस के उग्र रूप लेने पर आमला ब्लॉक के मिडिल स्कूल की हेडमास्टर श्रीमति कमला नर्रे ने कुछ आपत्ति उठाई लेकिन जब उसकी बातो को नहीं सुना तो वह कुछ देर के लिए बाहर गई और जब आई तो शराब के नशे में झुमती हुई लोगो को अनाप - शनाप गालियां बकती हुई हुई सीधे समारोह स्थल के पास पहुंच गई और कुर्सी पर जाकर बैठ गई। इससे समारोह में मौजूद अतिथियों और लोगों का ध्यान महिला की तरफ हो गया था। वह कार्यक्रम के बीच-बीच में खड़े होकर हंगामा कर रही थी। इस पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अन्य महिला कर्मचारियों को एचएम के पास बैठाया और इसकी सूचना कंट्रोल रूम और कोतवाली में दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एचएम को कार्यक्रम से उठाकर ले गई। सवाल यह उठता है कि आखिर हंगामा क्यों बरपा ..?
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