कमाई के चक्कर में बच्चों की जान की दुश्मन बनी योजना
रामकिशोर पंवार (बैतूल//टाइम्स ऑफ क्राइम)
जिला प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479
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बैतूल . एमडीएम योजना में भारी भ्रष्ट्राचार के बाद भी जिला प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा हुआ है जिसके चलते अब बच्चों की जान पर आ गई है। नीचे से लेकर ऊपर तक मिलने वाली मोटी कमाई के चक्कर में इस योजना के कर्मचारी से लेकर अधिकारी अंधे हो गए है। कहीं पर बच्चों को स्वंय खिचड़ी बनानी पड़ रही है तो कहीं पर उन्हे मिली दाल में इल्ली मिल रही है। भारत के प्रथम प्रधान मंत्री स्वर्गीय जवाहर नेहरू के जन्म दिवस पर बैतूल जिला मुख्यालय के एक स्कूली बच्चों को दिए दोपहर भोजन में इल्ली निकले पर बच्चों ने हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने भोजन छोड़कर हेडमास्टर से इसकी शिकायत की। सीएसी ने स्कूल पहुंचकर पंचनाम बनाया और दाल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया। बैतूल नगर पालिका क्षेत्र के विनोबा नगर के मिडिल स्कूल में बाल दिवस समारोह मनाया गया। इसके बाद स्कूली बच्चों को दोपहर भोजन दिया। जयश्री स्वसहायता समूह ने भोजन में बच्चों को दाल रोटी दी थी। इस दौरान दाल में इल्ली नजर आने पर सभी बच्चे भोजन छोड़कर खड़े हो गए। उन्होंने दाल में इल्ली होने को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। बच्चों ने हेडमास्टर साधना वर्मा से इसकी शिकायत करखाना खाने से इंकार कर दिया।श्रीमती वर्मा ने स्थिति को देखते हुए इसकी सूचना जनशिक्षा केंद्र समन्वयक अनिल मरवाह को दी। वे तुरंत स्कूल पहुंचे और दाल के सेंपल जब्त कर पंच नामा तैयार किया। इस दौरान स्कूल में 55 बच्चे मौजूद थे। जबकि स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक में 132 बच्चे दर्ज हैं। श्री मरवाह ने बताया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई बीआरसी करेंगे। दाल में इल्ली निकलने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलैक्टर बी. चंद्रशेखर ने कहा कि इसमें कार्रवाई की जाएगी। बैतूल जिले में करोड़ो रूपयो की एमडीएम योजना के फर्जी स्वसहायता समूहो में मां -बेटी , सास -बहू , देवरानी - जेठानी, ननद - भौजाई अध्यक्ष एवं सचिव बन बैठी है। कई गांवो के तो यह हाल है कि सरपंच महोदया एवं शिक्षको तथा जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार स्वसहायता समूह संचलित कर रहे है। इस स्कूल में भी मां - बेटी दोनो ही स्वसहायता समूह संचालित कर रही है। अधिकांश स्वसहायता समूह का संचालन प्रधान पाठक या प्रभारी पाठक द्वारा किया जाता है। बैतूल जिले में इस समय दर्जनो ऐसे स्व सहायता ससमूह जिसके रूपयो का लेन - देन स्वंय प्रधान पाठक कर रहे है। बोदल पठार का मामला उजागर होने के बाद भी टास्क मैनेजर श्रीमति किरण पंवार ने प्रधान पाठक को क्लीन चिट देकर यह बताया दिया कि सर से पांव तक के एमडीएम योजना के भ्रष्टाचार में सभी शामिल है। बैतूल जिले में स्कूलों के दोपहर भोजन की मानिटरिंग के नाम पर आज तक महज खानापूर्ति होकर रह जाती है क्योकि करोड़ो रूपए की इस योजना का भाई बटवारा ऊपर से नीचे तक हो रहा है। जिला मुख्यालय स्थित विनोबा नगर की इस घटना के बाद उस स्व सहायता समूह के खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी लेकिन स्व सहायता समूह की दलील को कोई सुनने को तैयार नहीं है। यहां पर भी पिछले कई दिनो से प्रधान पाठक एवं स्वसहायता समूह के बीच लेन - देन को लेकर वाद विवाद हुए है। विनोबा नगर के माध्यमिक स्कूल मे छात्रों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन में इल्ली मिलने की घटना कोई पहली घटना नहीं है।
जिले में इसके पूर्व भी छिपकली , काकरोच , मेढ़क , तक निकल चुके है। बार-बार भोजन में इस तरह की सामग्री मिलने के बाद भी स्व सहायता समूहो के भोजन की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और सबके सब बहती गंगा में डुबकी लगाने में लगे हुए है। इधर एमडीएम योजना के प्रभारी संजीव श्रीवास्तव का रटा - रटाया जवाब रहता है कि मिटिंग में हूं या फिर भोपाल में हूं। ऐसी स्थिति में योजना की ट्रास्क मैनेजर श्रीमति किरण पंवार स्वंय को पूरी योजना की कत्र्ताधत्र्ता समझ कर पूरी योजना का पलीता करने में लगी हुई है। बोदल पठार के मामले में स्वंय जिला पंचायत सीईओ ने पूरे मामले की शिकायतकत्र्ता द्वारा पेश सीडी की बिन्दुवार जांच न करके सिर्फ खानापूर्ति करके शिक्षक को बचाने का प्रयास किया गया जो कि कहीं न कहीं किसी न किसी बड़े खेल की ओर इशारा करती है। बरहाल जिला कलैक्टर को चाहिए कि वे इस मामले को भी जांच में शामिल करे कि अशिक्षित स्वसहायता समूह की अध्यक्ष एवं सचिवो की आड़ में कौन एमडीएम योजना का पलीता निकाल रहा है।
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