भैसदेही जनपद सीईओं का तुगलकी फरमान
ब्यूरो प्रमुख // संतोष प्रजापति (बैतूल// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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Present by : toc news internet channal
बैतूल. जिले में राज्य सरकार का लोक सेवा गांरटी कानून तभी लागू हो पाएगा जब लोक सेवक गांव मे मौजूद रहेगा। बैतूल जिले की भैसदेही जनपद के मुख्य कार्यपालक सीईओं ने एक पखवाड़े तक चलने वाले पूर्णा माई मेले की वसूली का ठेका इस बार ग्राम पंवचायत के सचिवो को दे दिया है। अपनी ग्राम पंचायत में शासन की योजनाओं को आधा अधुरा छोड़ कर प्रति दिन बारी - बारी एक दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के सचिव मेले में लगी दुकानो की लम्बाई-चौड़ाई नाप कर मेले में लगी दुकानों की वसूली करने में लगे हुए है। भैसदेही जनपद की पचास ग्राम पंचायतो में पूरा एक पखवाड़ा पंचायती काम काज प्रभावित होता रहेगा। हर साल पूरा पूर्णा माई मेला 1 लाख 98 हजार रूपए में नीलाम किया जाता है लेकिन इस बार पूरे मेले की वसूली ग्राम पंचायतो के सचिवों को सौप दी गई है। गांव की समस्याओं के निराकरण करने वाले सचिव अब दुकानदारों की समस्याओं के निराकरण के साथ दुकानों से वसूली भी करेगें। इस बार पूर्णा मेले में दुकानों ंकी संख्या और सकर्स तथा झूलो के आ जाने से मेले में रौनकता आ गई है। ग्राम पंचायतो के सचिवों के मेला वसूली के फरमान से पूरी जनपदे ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायते भी खफा है लेकिन जनपद पंचायत सीईओं के इन सब बातों ंसे कोई लेना-देना नहीं है। ग्राम का लोक सेवक पूरे एक पखवाड़े जनपद वसूली के नाम से तो अपनी गांव से निकलेगा लेकिन पहुंचेगा कहां पता नहीं क्योकि जिस हिसाब से पंचायत सचिवों की मेला डुयूटी लगाई गई है उस हिसाब से मेले में वसूली के लिए सचिव पहुंच नहीं पा रहे है। सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायतो में पंचायती राज का बेडा गर्क करने में महारथ हासिल कर चुके पंचायत सचिव इस बगार कितनी मेला राशी वसूल करते है यह तो समय ही बताएगा। जनपद पंचायत के अधिकांश सदस्यों एवं पदाधिकारियों का सीधा आरोप है कि पूर्णा माई के मेले के पैसों से मेला स्थल का निर्माण तो दूर पूर्णा नदी के दोनो तटो का तक समुचित विकास नहीं हुआ है। पूरी नदी गंदगी का दलदल बनी हुई है। आस्था के नाम पर पूरी की नदी एवं मेलों को गंदा और मैला करने वाला मेला प्रबंधन वसूली करने के बाद मेले एवं पूर्णा माई के लिए कुछ नहीं करता है। इस समय पूर्णा मेले की सचिवों द्वारा की जाने वालीद वसूली भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
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