अनोखी प्रथा: यहां गर्म रॉड और लकड़ी से दागे जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट
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अफ्रीका के गिनियन गल्फ में स्थित कैमरून की आबादी करीब 15 मिलियन है और यहां तकरीबन 250 जनजातियां रहती हैं। टोगो, बेनिन और इक्वाटोरिअल गुनिया से सटे इस देश को 'मिनिएचर अफ्रीका' भी कहा जाता है। एक अजीबो-गरीब प्रथा के कारण पिछले कुछ समय से कैमरून काफी समय से चर्चा में है। यह अनोखी प्रथा है 'ब्रेस्ट आयरनिंग', जिसमें किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के ब्रेस्ट को लकड़ी के टुकड़ों से दागा जाता है, ताकि वे बढ़ न सकें।
इस अनोखी प्रथा में विचलित करने वाली बात यह है कि इसे लड़की की मां ही अंजाम देती है। इसके पीछे मान्यता यह है कि गर्म वस्तुओं से ब्रेस्ट दागने से लड़कियों की छाती चपटी हो जाती है और उन पर पुरुषों का ध्यान नहीं जाता। इस संबंध में कैमरून की महिलाओं का मानना है कि अगर लड़कियों के जवानी के लक्षण जल्द दिखाई देने लगें तो पुरुषों का ध्यान उन पर जाता है और ऐसे में लड़कियों के शादी से पहले ही गर्भवती होने का डर बना रहता है।
कैमरून की अधिकतर लड़कियां 9 साल की उम्र में ब्रेस्ट आयरनिंग की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती हैं। ब्रेस्ट आयरनिंग की यह वीभत्स प्रक्रिया लड़कियों के साथ 2 से 3 महीनों तक लगातार की जाती है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट आयरनिंग के 58 प्रतिशत मामलों में लड़की की मां ही इसे अंजाम देती है।
इस अनोखी प्रथा से कैमरून के सभी 10 क्षेत्रों की महिलाओं की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। यह प्रथा कैमरून के लिटोरल प्रांत में सबसे अधिक (53 प्रतिशत) प्रचलित है।
गौरतलब है कि अन्य अफ्रीकी देशों की तुलना में कैमरून की साक्षरता दर सबसे अधिक सन् (2003 में 79 प्रतिशत) है, जबकि किशोरियों के गर्भधारण के मामले सन् 1996 से कम हुए हैं। सेक्सुअल आकर्षण और दिखावे से बचाने के लिए की जाने वाली वीभत्स प्रथा ब्रेस्ट आयरनिंग के बावजूद यहां लड़कियों के कम उम्र में गर्भवती होने के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। मानवाधिकार संस्थाएं और बुद्धिजीवी ब्रेस्ट आयरनिंग को एक टैबू के रूप में देखते हैं।