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आजमगढ़। आजमगढ़ के रजादेपुर का एक संत आसाराम बापू से भी आगे निकला। इस संत ने अपने ही शिष्य को वर्षो तक कैद में रखकर दुराचार करता रहा। पिछले दिनों किसी तरह बाबा के चंगुल से छूटी युवती बुधवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और उसने बाबा के संबंध में जो खुलासा किया उसे सुनकर लोगों का होश उड़ गया।
जीयनपुर थाना क्षेत्र के भटौली गांव निवासी युवती के परिवार वालों के मुताबिक रजादेपुर मठ के मठाधीश उनके गुरू हैं। दीक्षा लेने के कारण वे अक्सर मठ पर जाते थे और महंत का भी उनके गांव में आना जाना था। 10 अक्टूबर 2014 को बाबा अपने चालक के साथ आये और घर के उपरी तल पर रहने को कहा। शिष्य होने नाते उन्होंने महंत के रहने की व्यस्था कर दी साथ ही भोजन पानी की व्यवस्था के लिए अपनी पुत्री को लगा दिया। 21 अक्टूबर तक उनके आवास पर बाबा के शिष्यों का आना जाना लगा रहा। महंत के रहन सहन से किसी को उनपर कोई संदेह नही हुआ।
22 अक्टूबर की भोर में महंत और उनके शिष्य एकाएक गायब हो गये। खोजबीन में पता चला कि उनकी पुत्री भी घर पर नहीं है। उन्होंने काफी खोजबीन की महंत से मिलने का प्रयास करते रहे लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया। लड़की का मोबाइल देखने के बाद पता चला कि महंत उससे अक्सर बात करते थे।
18 सितंबर 2016 को लड़की के पिता के मोबाइल पर एक गुमनाम फोन आया कि तुम्हारी लड़की अजमतगढ़ रोड़ पर घायल पड़ी है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे और उसे साथ ले आये। युवती के मुताबिक महंत 22 अक्टूबर 2014 को पानी के मांगने के बहाने कमरे में बुलाये और फिर अपने चालक के साथ उसे बेहोश कर के उठा ले गये।
मठ पर लेजाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद हर दिन उसे नशीला इंजेक्शन लगाया जाता था। मंहत उसे वाराणसी, दिल्ली सहित कई स्थानों पर कैद कर रखा। हर दिन उसके साथ रेप किया जाता था। हाल में उसे गोरखपुर के सूरजकुंड और बेतिया में कैद कर रखा गया था। विरोध करने पर उसे लोग मारते पीटते थे। 18 सितंबर 2016 को उसे मौका मिला तो वह फरार हो गयी। पीड़ित ने एसपी को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की।
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