बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही सुशासन के लाख दावे कर लें, परंतु उनके ही राज्य में अगर किसी थानेदार द्वारा मांगी गई रिश्वत की राशि देने के लिए बच्चे को भीख (मदद) मांगनी पड़े तो इसे आप क्या कहेंगे? यह बात आपको भले ही अजीब लग रही हो परंतु पूरे विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाली धरती बिहार के वैशाली जिले में एक बच्चे को अपना भू-खंड का एक टुकड़ा बचाने के लिए थानेदार द्वारा मांगी गई रिश्वत की राशि जुटाने के लिए सड़क पर लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ा।
वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने शुक्रवार को जब एक अनाथ बच्चे को गले में तख्ती लगाकर भीख मांगते देखा गया तब यह मामला प्रकाश में आया। उसके साथ उसके संरक्षक भी मौजूद थे।
कटहरा के चेहराकला गांव का रहने वाला विवेक अनाथ है और उसके पास पूर्वजों की एक एकड़ से ज्यादा जमीन है। विवेक का आरोप है कि इस जमीन पर गांव के ही कुछ दबंगों ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया। इसकी शिकायत करने जब वह कटहरा सहायक थाना प्रभारी के पास पहुंचा, तो उसने बतौर रिश्वत 10 हजार रुपये की मांग की।
विवेक बताता है, "मेरे पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, इस कारण मैं लोगों से मदद मांगकर रुपये इकट्ठे करने लगा।" इसकी सूचना जब जिलाधिकारी को मिली तब उन्होंने विवेक को अपने पास बुलाया। प्रभारी जिलाधिकारी प्रभुनारायण यादव ने शनिवार को बताया कि मामले की जांच महुआ अनुमंडल अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक और अंचलाधिकारी के निर्देशन में कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इधर, कटहरा सहायक थाना प्रभारी राकेश रंजन रिश्वत मांगने के आरोप को बेबुनियाद बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि विवेक को उसके संरक्षक महेंद्र राय को सौंप दिया गया है। महेंद्र राय ने कहा कि अदालत द्वारा जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया है परंतु कुछ लोग उस पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। बहरहाल, यह मामला यहां चर्चा का विषय बना हुआ है।
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