दत्तक पुत्री नमिता ने दी वाजपेयी को मुखाग्नि, पंचतत्व में विलीन हुए 'अटल' |
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जानेमाने कवि, प्रखर वक्ता, पत्रकार के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय समृति स्थल पर मुखाग्नि दे दी गई. वाजपेयी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने मुखाग्नि दी. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, हमेशा से ही पुरुष ही मुखाग्नि देता है लेकिन यहां पर इसके उलट हुआ और जिसे वाजपेयी ने गोद लिया था उन्होंने ही मुखाग्नि दी.
वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर हुआ. इस दौरान जो भी प्रक्रियाएं होती हैं, उसे नमिता ने ही पूरा किया. हिंदू धर्म में आमतौर पर पुत्र, पिता को मुखाग्नि देता है. हालांकि यह परंपरा धीरे-धीरे टूट भी रही है. वाजपेयी ने नमिता को गोद लिया था और अपना पुत्री माना था. इस कारण बेटी ने ही अपने पिता को आज मुखाग्नि दी.
अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किया गया. गुरुवार शाम 5.05 मिनट पर वाजपेयी ने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली थी. वाजपेयी का शरीर भले ही अब इस दुनिया में नहीं रहेगा लेकिन उनके विचार हमेशा इस देश में कायम रहेंगे.
वाजपेयी की नातिन और दत्तक पुत्री नमिता की बेटी निहारिका ने पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर से तिरंगा ग्रहण किया. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन था. परिवार के लोग ही नहीं स्मृति स्थल पर मौजूद हर शख्स इस की आंखे इस दुःख की घड़ी में नम हो गई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद एम्स में गुरुवार को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर हुआ. वाजपेयी को 11 जून 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था और डाक्टरों की निगरानी में पिछले नौ हफ्तों से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी. एम्स के अनुसार, 'दुर्भाग्यवश, उनकी स्थिति पिछले 36 घंटों में बिगड़ी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हमने उन्हें खो दिया.' वाजपेयी के निधन की सूचना मिलते ही पूरा देश शोक में डूब गया.
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