नगर पालिका वारासिवनी |
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⧫ बालाघाट से आनंद ताम्रकार की रिपोर्ट : 9303939567
बालाघाट नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा नगर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नाम से बनाये जाने वाले प्रवेश द्वार की आड़ में गंदी राजनीति का खेल फिर से शुरू कर दिया है। विगत 13 जुलाई 2018 को परिषद की सामान्य बैठक में सेनानीयों के प्रवेश द्वार बनाये जाने हेतु 2 प्रस्ताव पारित किये गये जिसमें से एक प्रस्ताव में एक प्रवेश द्वार बनाया जायेगा जिसमें सभी सेनानीयों के नाम अंकित रहेगें लेकिन दूसरे अन्य प्रस्ताव में पृथक से 2 सेनानीयों के नाम से प्रवेश द्वार बनाये जाने हेतु प्रस्ताव पारित किया गया है।
यह उल्लेखनीय है की नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा 28 जनवरी 2018 को 3 सेनानीयों के नाम से प्रवेश द्वार बनाये जाने के निर्णय के विरोध में 28 जनवरी 2018 को गांधी चैक वारासिवनी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के जिला अध्यक्ष श्री आंनद ताम्रकार एवं अन्य सदस्यगण नगर में केवल एक ही प्रवेश द्वार बनाये जाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गये थे।
इस संबंध में प्रशासन की ओर से माननीय कलेक्टर, विधायक डाक्टर श्री योगेन्द्र निर्मल, श्री संजयसिंह मसानी, श्री गौरवसिंह पारधी तथा उत्तराधिकारी संगठन के सदस्यों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के मध्य हुई चर्चा के आधार पर यह आश्वासन देते हुये भूख हड़ताल समाप्त करवाई गई थी की नगर में परिषद की ओर से केवल एक ही प्रवेश द्वार बनाया जायेगा जिसमें सभी सेनानीयों के अंकित किये जायेगे तथा पृथक से कोई प्रवेश द्वार नही बनाया जायेगा।
इस निर्णय के संबंध में नगर पालिका परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री निशांत ठाकूर ने पत्र क्रमांक 349 दिनांक 1/2/2018 के माध्यम से अवगत कराया है की संगठन की ओर से लिखे गये पत्र दिनांक 27 जनवरी 2018 के परिपेक्ष्य मे सूचित किया जाता है की वारासिवनी नगर में सभी सम्मानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नाम अंकित कर एक ही प्रवेश द्वारा निर्माण कराये जाने के संबंध में आगामी परिषद की बैठक में निर्णय उपरांत प्रवेश द्वार के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी तथा किसी व्यक्तिगत नाम से प्रवेश द्वारा नही बनाये जायेगें।
इस पत्र की प्रतिलिपि अध्यक्ष नगर पालिका परिषद वारासिवनी, कलेक्टर महोदय बालाघाट, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वारासिवनी एवं थाना प्रभारी पुलिस थाना वारासिवनी को प्रेषित की गई थी। उपरोक्त पत्रानुसार इस आशय के निर्णय लेने के बाद 13 जुलाई 2018 को परिषद की बैठक में स्व.राधाकिशन जी मिश्रा एवं स्व.रोशनलाल जी सोनी के नाम से पृथक से दो द्वार बनाने के संबंध में लिये गये निर्णय का औचित्य क्या है? इस प्रकार का निर्णय लेकर नगर पालिका परिषद द्वारा सम्मानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नाम पर गंदी राजनीति का फिर से सूत्रपात किया जा रहा है जिसके कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के उत्तराधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है।
उत्तराधिकारी संगठन के जिला अध्यक्ष आनंद ताम्रकार ने कहा की नगर पालिका परिषद में सम्मानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानीयों के नाम पर की जाने वाली गंदी राजनीति का सिलसिले पर यदि अंकुश नही लगाया गया तो संगठन के सदस्य पून आंदोलित होगें और परिषद के निर्णय के विरोध में भूख हड़ताल में बैठेगे जिसकी जवाबदारी प्रशासन और परिषद की होगी। इस संबंध में विधायक डाक्टर श्री योगेन्द्र निर्मल ने भी परिषद द्वारा पृथक से प्रवेश द्वार बनाये जाने हेतु पारित प्रस्ताव के संबंध में कहा की परिषद का यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है
मैं इसकी निंदा करता हूं परिषद को तो माननीय कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, नगर पालिका परिषद के सीएमओ तथा मेरे साथ हुई चर्चा के बाद लिये गये इस निर्णय पर अमल करना चाहिये की नगर में सेनानीयों की स्मृति में केवल एक ही प्रवेश द्वार बने जिसमें सभी सेनानीयों के नाम अंकित हो। मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री निशंात ठाकुर से इस संबंध में चर्चा किये जाने पर उन्होने कहा की परिषद के प्रस्ताव पारित कर देने से कुछ नही होता सेनानीयों के प्रवेश बनाये जाने के संबंध में एक ही प्रवेश द्वार बनाया जायेगा तथा इस संबंध में माननीय कलेक्टर महोदय से चर्चा की जायेगी उसके बाद ही निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी.
पृथक से कोई प्रवेश द्वार नही बनेगा। बेहतर होगा की नगर पालिका परिषद नगर के सम्मानीय सेनानीयों का सम्मान करते हुये नगर में मात्र एक ही प्रवेश द्वार बनाये ताकि सेनानीयों के त्याग और आजादी के आंदोलन में उनके योगदान तथा उनकी स्मृति को चिरकाल तक संजोकर रखा जा सके और आने वाली पीढी को नगर के सेनानीयों द्वारा आजादी की लडाई में दिये गये योगदान को याद कर सके।
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