क्राइम रिपोर्टर // वसीम बारी (रामानुजगंज // टाइम्स ऑफ क्राइम)
क्राइम रिपोर्टर से सम्पर्क : 9575248127 toc news internet chainal
रामानुजगंज। नगर पंचायत रामानुजगंज के अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 12 में स्थित दो मंजिला आलीशान बंगला जो बाहर से दिखने में नेहायत खुबसुरत पर उसके अन्दर इतने घिनौने काम, ह़े राम........छी.। माना कि एैषो-आराम के लिए दौलत कमाना जरूरी है पर मौत का सामान बेचकर, ना बाबा ना,भगवान बचाए ऐसे लोगों से। किसी जमाने में लकडी,पटरा,कथा के माफीया रह चुके करिश्मा रोड लाइन्स के मालीक कृष्णा प्रसाद गुप्ता की इतनी थु थु पहले कभी नही हुई थी, जितना के आज हो रही है। अरे भाई..... मस्जिद के ठिक सामने वाली आलीषान भवन की बात कर रहा हुँ मै, समझें। जब पुलिस द्वारा मुखबिर के सुचना पर कार्रवाई करते हुए लगभग 5 लाख की लैब के सामान व दवाईयां जप्त करने की खबर ष्हर में आग की तरह फैली तो मानो षहर की रफ्तार कुछ पल के लिए थम सा गया हो। पुलिस अधिक्षक नरेन्द्र खर्रे के निर्देषन में एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजय महादेवन के मार्गदर्षन में उसी आलीशान भवन में छापा मारा जहां से 5 लाख की दवाएं बरामद की गई। मेसर्स सूर्या एजेंसी रामानुजगंज के प्रोपराइटर सुनिल गुप्ता से पुछ-ताछ के दौरान एजेंसी मालीक ने बताया की कला संकाय से 12 वीं पास हुँ और हमारे पास दवा बेचने का स्टेट ड्रग्स लायसेंस आर्थरिटी रायपुर के द्वारा जारी लायसेंस है जिसमें 2010 से 2014 तक का पंजीयन भी किया हुआ है।
जब एसडीओपी संजय महादेवन ने पुछा कि स्टाफ व स्टाक पंजी कहाँ है और प्रतिष्ठान कहां है तब एजेंसी मालिक ने बताया कि सारा कारोबार घर से ही संचालित होता है। इसके बाद पूरे घर की तलाशी ली गई किचन रूम से मेडिसिन प्राप्त हुए। पुष्तैनी मकान एवं सगे संबंधियों के घर की तलाशी के साथ साथ बडे भाई कृष्णा प्रसाद गुप्ता के चोरपहरी स्थित सिमेंट गोदामों की भी तलाषी ली गई लेकिन इन सभी जगहों से कुछ भी बरामद नही हुआ। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक सघन जांच पडताल व कार्रवाई करने के बाद एसडीओपी संजय महादेवन ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 10 मार्च को मुखबिर द्वारा सुचना दिया गया कि रामानुजगंज से अम्बिकापुर जाने वाली बस में अवैध ड्रग्स जा रहा है तत्काल पस्ता चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक शिवराम कौषिक के द्वारा बस की तलाशी कराने पर एक पेटी ड्रग्स बरामद किया गया। जिसपर बिलासपुर लिखा हुआ था। पेटी खोलने पर उसमें 26000 रूपया का पर्ची मिला। श्री महादेवन ने बताया कि घर से जब्त माल की रसीद मांगने पर 45000 रूपया का दिया। जबकि बीएमओ डा. अजय तिर्की ने बरामद ड्रग्स की लागत लगभग 5 लाख रूपया बताई है। मौके पर उपस्थित एसडीएम जी.आर. राठौर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि संबंधित विभाग से सुनिल गुप्ता के लायसेंस की जांच व ड्रग्स इंस्पेक्टर से जब्त माल की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। श्री राठौर ने कहा कि बिना प्रतिष्ठान के ड्रग जैसे कारोबार करना अपराध के श्रेणी में आता है। जांच के बाद सारा मामला आईने के तरह साफ हो जाएगा। ज्ञात हो कि सुनिल गुप्ता द्वारा पांच साल पूर्व से ही यह व्यापार किया जा रहा है, जबकि लायसेंस एक साल पूर्व का ही बना हुआ है।
लायसेंस के मुताबिक दवा व लैब का व्यापार करने के लिए निर्धारित मापडण्डों का पालन नही किए जाने पर श्री राठौर ने लायसेंस निरस्त किए जाने की अनुषंसा की है। इस पुरे कार्रवाई में एसडीओपी संजय महादेवा, एसडीएम जी.आर.ीरठौर, बीएमओ डा. अजय तिर्की, खाद्य अधिकारी पी.एल.हंसा की संयुक्त टीम के साथ थाना प्रभारी एम्बोस कुजूर, एसआई जेडी कुशवाहा, आरक्षक वैभव सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, मिथलेष पाठक, मंटुसिंह सहित अन्य कर्मी षामिल थें। इसी तारम्यतय में जनचर्चा के मुताबिक कार्रवाई टीम को पहुंचने से कबल ही खबरीलाल ने छापा पडने की खबर एजेंसी मालिक तक पहुंचा दी थी। पुलिस का मुखबिर आम पब्लिक में से कोई एक हो सकता है यह बात तो समझ में आती है पर एक पब्लिक का मुखबिर...... पु ......... या फिर कौन हो सकता है? यह समझ से परे की बात है।
यह पब्लिक है भाई सब जानती है और सब समझती भी है। तो एसडीओपी साहब आपको जनता जनार्धन यह बताना चाह रही है कि गडबडी आपके महकमें के अन्दर ही है। वाकई आप अवैध कारोबार व कालाबाजारी पर अंकुश लगाना चाहते हैं अपराध मुक्त करना चाहते हैं और शहर को विकास कि मुख्य धारा से जोडना चाहते हैं तो जनता सदैव आपके साथ है पहले आप महकमें को सुधारिए....... सब ठिक हो जाएगा। हालांकि एसडीओपी संजय महादेवा के कार्यो की प्रशंसा जनता तहे दिल से कर रही है पर............... जनता रिजल्ट भी चाहती है? माना कि आईएस अधिकारी अमित कटारिया इस शहर में एसडीएम प्रभारी बनकर आएं और ज्यादा दिन तक नही रह पाएं, पर अपने कार्यो से जनता के बीच एैसा छाप छोड गये, कि जनता आज भी उन्हे दिल से याद करती है। यकिनन अमित कटारीया के बाद दुसरा अधिकारी जनता एसडीओपी संजय महादेवा को समझ रही है और जनता को श्री महादेवा से काफी उम्मीदें वाबस्ता हैं। क्या संजय महादेवा जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगें ? पढिए, क्राइम रिपोर्टर की कलम से टाइम्स आफ क्राइम के अगले अंक में। इसी कडी में सुत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन एसडीएम आर.एस.तिवारी व एसडीओपी निरज चंद्राकर के समय मेडिकल स्टोरों में कालातीत दवाईयों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी कार्रवाई के दौरान एक्सपायरी दवा सहित कई कालातीत दवाओं का जखीरा बरामद हुआ था। जिसमें कई डिस्पेंसरी दुकानों को सील भी किया गया था। लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर का रोना रो कर मामले को दबा दिया गया था तथा 24 घण्टे बाद सील की गई दुकाने खुल गई थी।
उक्त एजेंसी मालिक के द्वारा रामानुजगंज से पूरे सरगुजा जिले में अवैध तरीके से कालातीत दवा सप्लाई करने का चर्चा-ए-आम रहा है। अल्प समय में अवैध कारोबार के जरीए करोडो का सम्पत्ती अर्जित कर लेना कई संदेहों को जन्म देता है। पूर्व में अपराधि सर चढ कर बोल रहें थें लेकिन जब से एसडीओपी संजय महादेवा यहां पदस्थ हुए हैं तब से अपराधों पर लगाम लगना प्रारंभ हो गया है और अपराधी प्रवृति के लोग श्री महादेवा के डर से वर्तमान समय में अन्डरग्राउण्ड हो गए
जब एसडीओपी संजय महादेवन ने पुछा कि स्टाफ व स्टाक पंजी कहाँ है और प्रतिष्ठान कहां है तब एजेंसी मालिक ने बताया कि सारा कारोबार घर से ही संचालित होता है। इसके बाद पूरे घर की तलाशी ली गई किचन रूम से मेडिसिन प्राप्त हुए। पुष्तैनी मकान एवं सगे संबंधियों के घर की तलाशी के साथ साथ बडे भाई कृष्णा प्रसाद गुप्ता के चोरपहरी स्थित सिमेंट गोदामों की भी तलाषी ली गई लेकिन इन सभी जगहों से कुछ भी बरामद नही हुआ। सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक सघन जांच पडताल व कार्रवाई करने के बाद एसडीओपी संजय महादेवन ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 10 मार्च को मुखबिर द्वारा सुचना दिया गया कि रामानुजगंज से अम्बिकापुर जाने वाली बस में अवैध ड्रग्स जा रहा है तत्काल पस्ता चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक शिवराम कौषिक के द्वारा बस की तलाशी कराने पर एक पेटी ड्रग्स बरामद किया गया। जिसपर बिलासपुर लिखा हुआ था। पेटी खोलने पर उसमें 26000 रूपया का पर्ची मिला। श्री महादेवन ने बताया कि घर से जब्त माल की रसीद मांगने पर 45000 रूपया का दिया। जबकि बीएमओ डा. अजय तिर्की ने बरामद ड्रग्स की लागत लगभग 5 लाख रूपया बताई है। मौके पर उपस्थित एसडीएम जी.आर. राठौर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि संबंधित विभाग से सुनिल गुप्ता के लायसेंस की जांच व ड्रग्स इंस्पेक्टर से जब्त माल की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। श्री राठौर ने कहा कि बिना प्रतिष्ठान के ड्रग जैसे कारोबार करना अपराध के श्रेणी में आता है। जांच के बाद सारा मामला आईने के तरह साफ हो जाएगा। ज्ञात हो कि सुनिल गुप्ता द्वारा पांच साल पूर्व से ही यह व्यापार किया जा रहा है, जबकि लायसेंस एक साल पूर्व का ही बना हुआ है।
लायसेंस के मुताबिक दवा व लैब का व्यापार करने के लिए निर्धारित मापडण्डों का पालन नही किए जाने पर श्री राठौर ने लायसेंस निरस्त किए जाने की अनुषंसा की है। इस पुरे कार्रवाई में एसडीओपी संजय महादेवा, एसडीएम जी.आर.ीरठौर, बीएमओ डा. अजय तिर्की, खाद्य अधिकारी पी.एल.हंसा की संयुक्त टीम के साथ थाना प्रभारी एम्बोस कुजूर, एसआई जेडी कुशवाहा, आरक्षक वैभव सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, मिथलेष पाठक, मंटुसिंह सहित अन्य कर्मी षामिल थें। इसी तारम्यतय में जनचर्चा के मुताबिक कार्रवाई टीम को पहुंचने से कबल ही खबरीलाल ने छापा पडने की खबर एजेंसी मालिक तक पहुंचा दी थी। पुलिस का मुखबिर आम पब्लिक में से कोई एक हो सकता है यह बात तो समझ में आती है पर एक पब्लिक का मुखबिर...... पु ......... या फिर कौन हो सकता है? यह समझ से परे की बात है।
यह पब्लिक है भाई सब जानती है और सब समझती भी है। तो एसडीओपी साहब आपको जनता जनार्धन यह बताना चाह रही है कि गडबडी आपके महकमें के अन्दर ही है। वाकई आप अवैध कारोबार व कालाबाजारी पर अंकुश लगाना चाहते हैं अपराध मुक्त करना चाहते हैं और शहर को विकास कि मुख्य धारा से जोडना चाहते हैं तो जनता सदैव आपके साथ है पहले आप महकमें को सुधारिए....... सब ठिक हो जाएगा। हालांकि एसडीओपी संजय महादेवा के कार्यो की प्रशंसा जनता तहे दिल से कर रही है पर............... जनता रिजल्ट भी चाहती है? माना कि आईएस अधिकारी अमित कटारिया इस शहर में एसडीएम प्रभारी बनकर आएं और ज्यादा दिन तक नही रह पाएं, पर अपने कार्यो से जनता के बीच एैसा छाप छोड गये, कि जनता आज भी उन्हे दिल से याद करती है। यकिनन अमित कटारीया के बाद दुसरा अधिकारी जनता एसडीओपी संजय महादेवा को समझ रही है और जनता को श्री महादेवा से काफी उम्मीदें वाबस्ता हैं। क्या संजय महादेवा जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगें ? पढिए, क्राइम रिपोर्टर की कलम से टाइम्स आफ क्राइम के अगले अंक में। इसी कडी में सुत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तत्कालीन एसडीएम आर.एस.तिवारी व एसडीओपी निरज चंद्राकर के समय मेडिकल स्टोरों में कालातीत दवाईयों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी कार्रवाई के दौरान एक्सपायरी दवा सहित कई कालातीत दवाओं का जखीरा बरामद हुआ था। जिसमें कई डिस्पेंसरी दुकानों को सील भी किया गया था। लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर का रोना रो कर मामले को दबा दिया गया था तथा 24 घण्टे बाद सील की गई दुकाने खुल गई थी।
उक्त एजेंसी मालिक के द्वारा रामानुजगंज से पूरे सरगुजा जिले में अवैध तरीके से कालातीत दवा सप्लाई करने का चर्चा-ए-आम रहा है। अल्प समय में अवैध कारोबार के जरीए करोडो का सम्पत्ती अर्जित कर लेना कई संदेहों को जन्म देता है। पूर्व में अपराधि सर चढ कर बोल रहें थें लेकिन जब से एसडीओपी संजय महादेवा यहां पदस्थ हुए हैं तब से अपराधों पर लगाम लगना प्रारंभ हो गया है और अपराधी प्रवृति के लोग श्री महादेवा के डर से वर्तमान समय में अन्डरग्राउण्ड हो गए
No comments:
Post a Comment