ब्यूरो प्रमुख// राजेश रजक (सागर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 94065 56846
toc news internet channel
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 94065 56846
toc news internet channel
सागर।तिली रोड स्थित बीड़ी अस्पताल अस्पताल का निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा करीब दो साल पहले किया गया था जिसके निर्माण में केन्द्र सरकार ने लाखों की राशि खर्च की थी। लेकिन अस्पताल बन जाने के बाद भी यह अस्पताल मात्र दिखावा साबित हो रही है। यहां आने वाले बीड़ी श्रमिकों को परेशानियां उठानी पड़ती है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार यहां पर दलाली प्रथा की जाती है जो बीड़ी श्रमिकों का उपचार संबंधी कार्ड बनवाने के लिए उनसे रूपयों की मांग करते है। जो गरीब बीड़ी श्रमिक रूपये नहीं दे पाते उनके कार्ड भी नहीं बन पाते।जिले में करीब साढ़े तीन लाख के आसपास पंजीकृत बीड़ी श्रमिक है। जो अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर बीड़ी बनाने का कार्य करते है जिससे उन्हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक हो जाती है। इस अस्पताल में इलाज करने के लिए प्रतिदिन करीब दो सौ मरीज आते है जो छोटी मोटी बिमाारियों के अलावा हार्ट अटैक, शुगर,आदि बिमारियों से ग्रसित रहते है। भर्ती होने क लिए पलंग तक नसीब नहीं हो पाते। नि:शुल्क कार्ड भी नहीं बन पाते।
सरकार ने भले ही बीड़ी श्रमिकों के लिए यह अस्पताल बनवाया है लेकिन इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है। एक तो इस अस्पताल के खुलने व बंद होने का समय कम है ऊपर से यहां मरीजों को दवाईयां नहीं मिल पाती। शहर से अस्पताल इतनी दूर है कि गरीबों को आने जाने में परेशानी होती है। अचानक कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाता है, तो उसे आने जाने के लिए टाइम पर कोई साधन नहीं मिलता आटो रिक्शा वाले इतनी दूर जाने के लिए 50-60 रूपये लेते है तब कहीं वे अस्पताल जा पाते है। दूर अस्पताल होने के कारण गरीब व्यक्ति अपनी कई योजनाओं से वंचित रहता है। जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता।
सरकार ने भले ही बीड़ी श्रमिकों के लिए यह अस्पताल बनवाया है लेकिन इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ता है। एक तो इस अस्पताल के खुलने व बंद होने का समय कम है ऊपर से यहां मरीजों को दवाईयां नहीं मिल पाती। शहर से अस्पताल इतनी दूर है कि गरीबों को आने जाने में परेशानी होती है। अचानक कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाता है, तो उसे आने जाने के लिए टाइम पर कोई साधन नहीं मिलता आटो रिक्शा वाले इतनी दूर जाने के लिए 50-60 रूपये लेते है तब कहीं वे अस्पताल जा पाते है। दूर अस्पताल होने के कारण गरीब व्यक्ति अपनी कई योजनाओं से वंचित रहता है। जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता।
No comments:
Post a Comment