Friday, March 25, 2011

महिलाओं की ताकत को छत्तीसगढ ने पहचाना

क्राइम रिपोर्टर // वसीम बारी (रामानुजगंज //टाइम्स ऑफ क्राइम)
क्राइम रिपोर्टर से सम्पर्क : 9575248127

toc news internet chainal
रामानुजगंज।लोकतंत्र में जनता के मूल्यवान मतों से चुनी हुई सरकारों का जनता के प्रति क्या फर्ज होता है, इसे देखना और समझना हो, तो आप छत्तीसगढ को देखें और यहां के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण कार्य-शैली को समझने की कोशिश करें, जिन्होने स्कूली बालिकाओं और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को मुफ्त सायकल देने की लोकप्रिय योजनाओं की सफल शुरूआत कर उन्हे कामयाबी के सा अमलीजामा भी पहनाया। खेतिहर महिला श्रमिकों को खेतों में काम के समय बारिश में भींगने बचाने के लिए नि:शुल्क बरसाती (रेन कोट) देने की योजना शुरू की। उन्होने भवन-निर्माण गतिविधियों में लगी महिला-मजदूरों के लिए नि:शुल्क सायकल और सिलाई मशीन वितरण की योजना का आगाज किया है। यह महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक दृष्टी से ऊर्जावान बनाने के रमन सरकार के नेक इरादे की एक अनोखी झलक है। ये तो कुछ उदाहरण मात्र है। राज्य सरकार ने अपनी और भी कई योजनाओं के जरिए यह प्रमाणित कर दिया है कि महिलाओं की ताकत को छत्तीसगढ ने बखूबी पहचाना है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ में महिला-पुरूस जनसंख्या लगभग बराबरी पर है। जनसंख्या अनुपात के मामले में केरल के बाद छत्तीसगढ देश का दूसरा आदर्ष राज्य है, जहां प्रत्येक एक हजार की पुरूस आबादी पर महिलाओं की संख्या 989 है। इस प्रकार राज्य में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है, जो छत्तीसगढ की एक बडी ताकत है। डा. रमन सिंह की सरकार ने महिलाओं की इस ताकत को पहचाना है और राज्य की विकास यात्रा में उन्हें भी बराबरी के साथ भागीदारी बनाने की सार्थक पहल करते हुए पिछले करीब सात साल में ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें महिला-सशक्तिकरण के लिए रमन-सरकार की वचनबद्धता का परिचय मिलता है। प्रदेश सरकार ने पंचायत राज संस्थाअसें में महिलाओं का आरक्षण 33 प्रतिशत से बढाकर 50 प्रतिशत का दिया है। पिछले साल 2010 में प्रदेश के 18 जिला पंचायतों, 146 जनपद पंचायतों और 9 हजार 734 ग्राम पंचायतों में आम चुनाव सम्पन्न हुए, जिनमें महिला आरक्षण बढनें का उत्साहजनक प्रभाव देखा गया। इन त्रि-स्तरीय पंचायतों के चुनाव में लगभग 55 प्रतिशत महिला निर्वाचित हुई।

ग्राम पंचायतों में पंच के एक लाख 45 हजार 791 पदों में से 80 हजार 829 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। ग्राम पंचायतों में सरपंच के पदों पर भी कुल 9 हजार 724 में से 4 हजार 935 पद महिला वर्ग के लिए आरक्षित किए गए। जनपद पंचायत के 146 अध्यक्ष पदों में से 81 पद महिला वर्ग के लिए आरक्षित की गई। प्रदेश की 18 जिला पंचायतों में से दस जिला पंचायतों में महिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई। महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से स्व-सहायता समूहों की योजना को भी संचालन किया जा रहा है। साल 2000 में महिला समूहों की संख्या 45 हजार के आस-पास थी, जबकि आज इनकी संख्या 76 हजार से अधिक हो गई है। जिनमें आठ लाख से अधिक महिलाएं सदस्य के रूप में शामिल है, जिन्हें विभिन्न प्रकार की रोजगार गतिविधियों से जोडऩे का कार्य लगातार चल रहा है। इन महिला समूहों द्वारा सामूहिक रूप से संचालित बचत खातों में अब तक 55 करोड रूपए की राशि बचत करने का कीर्तिमान बनाया गयाहै। छत्तीसगढ महिला कोश की ऋण योजना के तहत इनमें से बडी संख्या में 15 हजार से अधिक महिला समूहों को अब तक 20 करोड रूपए का ऋण दिया जा चुका है। अंचल सम्पत्ति में महिलाओं की भागीदारी बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें इस प्रकार की परिसम्पत्तियों के पंजीयन में मुद्राक शुल्क से दो प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
महिलाओं के नाम पर सम्पत्ति हस्तांतरण में इसका लाभ दिया जा रहा है। साल 2007-08 के प्रदेश सरकार के बजट में इसकी घोषणा की गई थी। चालू वित्तिय साल 2010-11 में प्रदेश भर में अब तक एक लाख 56 हजार से अधिक सम्पत्ति पंजीयन के प्रकरणों में से 42 हजार मामलों में महिलाओं की पंजीयन शुल्क से 32 करोड 09 लाख रूपए की छूट दी जा चुकी है। टोनही जैसे अंध विश्वास आधारित सामाजिक कुरीति से महिलाओं को समय-समय पर मिलने वाली प्रताडऩा को गंभीरता से लेते हुए उन्हें इस उत्पीडन से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने साल 2005 से राज्य में टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम लागू कर दिया है। इसमें महिलाओं को प्रताडित करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकतम पांच साल के कारावास की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए राज्य सरकार ने महिला और बाल विकास विभाग के माध्यम से कई योजनाएं संचालित की है। इस विभाग के वार्षिक बजट में साल-दर-साल लगातार बढ़ोतरी महिलाओं के विकास के लिए रमन सरकार की वचनबद्धता का एक बड़ा उदाहरण है। वित्तीय साल 2003 में जहां इस विभाग के लिए कुल बजट 177 करोड रूपए का था वहीं वित्तीय साल 2008-09 में यह बढकर 404 करोड 54 लाख रूपए, साल 2009-10 में बढकर 703 करोड 63 लाख रूपए और साल 2010-11 में 825 करोड 70 लाख रूपए तक पहुंच गया।

मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने आगामी वित्तीय साल 2011-12 के बजट में इस विभाग के लिए 876 करोड़ 13 लाख रूपए का प्रावधान किया है।, जो पिछले साल के मुकाबले 6.11 प्रतिशत अधिक है। गरीब परिवारों की विवाह योग्य बेटियों की शादी के लिए सहायता देने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या दान योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजन के तहत सभी जिलों में प्रशासन द्वारा समाज सेवी संस्थाओं के सहयोग से सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं। साल 2005-06 से प्रारंभ इस योजना में अब तक 25 हजार बेटियों ने गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया है। ऐसे प्रत्येक विवाह के लिए राज्य सरकार की ओर से पांच हजार रूपए की सहायता देने का प्रावधान है, जिसे आगामी वित्तीय साल 2011-12 के बजट में बढ़ाकर दस हजार रूपए करने का एलान मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने किया है। राज्य में महिलाओं के लगभग चौहत्तर हजार स्वयं-सहायता समूह हैं, जिनमें साढ़े आठ लाख से ज्यादा महिलाएं सदस्य है।
उनके द्वारा छोटी-छोटी बचतों के जरिए बैंको में तिरेपन करोड रूपए से भी ज्यादा राशि की बचत की गयी है। उन्हें छत्तीसगढ़ महिला कोष से अपने समूह के लिए पचास हजार ऋण दिया जा रहा है। मात्र साढे छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर इन महिला समूहों को विभिन्न व्यवसायों के लिए ऋण मिल सकता है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की करीब साढे दस हजार उचित मूल्य दूकानों में से दो हजार 221 दुकाने महिला स्वयं-सहायता समूहों को सौंपी गयी है, यह कहना शायद गलत नही होगा कि डेढ लाख से ज्यादा स्कूली बालिकाओं और चौंतीस हजार से ज्यादा आँगन बाड़ी कार्यकर्ताओं को मुफ्त सायकल देने के बाद अब महिला -श्रमिकों को नि:शुल्क देने की योजना वाकई छत्तीसगढ की महिलाओं के जीवन में बदलाव की बयार ले कर आयी है, अब ये कर्मवीर महिलाएं अपने कर्म-क्षेत्र में सायकल से आना-जाना करेंगी, इससे इनका समय बचेगा और वे काम खत्म होने के बाद जल्द से जल्द घर पहुंच सकेंगी, सायकल के पहिए उनके जीवन में विकास की गति बढा कर उन्हें खुशहाली की ओर ले जाऐंगे, इस योजना में महिलाओं को यह विकल्प भी दिया गया है कि अगर वह साकल नही लेना चाहती हैं, तो राज्य सरकार उन्हे नि:शुल्क सिलाई-मशीन देगी ताकि वे कपड़े सिलकर अपने घर-परिवार के लिए कुछ अतिरिक्त आमदनी हासिल कर सकें...... इसके लिए उन्हे सिलाई-प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

डा. रमन सिंह की सरकार ने गरीबी-रेखा ऊपर यानी कि ए.पी.एल. श्रेणी के उन मेहनतकश मजदूरों को भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल करने का फैसला किया है, जो असंगठित क्षेत्रों में काम करतें हैं उन्हे इस बीमा योजना के तहत सरकारी और निजी क्षेत्र के पंजीकृत अस्पतालों में एक साल में अपने परिवार के लिए तीस हजार तक नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी, इसके लिए उन्हें स्मार्ट-कार्ड दिए जा रहें हैं। प्रदेश के मुखिया डा. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में 17 सितंबर को श्रम और सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा पूजन पर्व के मौके पर शहीद स्मारक भवन में हुए एक समारोह में दो सौ महिला-श्रमिकों को सायकल और असंगठित-क्षेत्र के मजदूरों को स्वास्थ्य-बीमा योजना का स्मार्ट कार्ड देकर इन योजनाओं की शुरूआत का दी, उन्होंने इस मौके पर भवन-निर्माण उद्योग में राज-मिस्त्री, प्लांबर, इलेक्ट्रीशियन जैसे कार्यो में लगे करीब ढाई सौ श्रमिकों को नि:शुल्क औजार देकर राज्य के सभी ऐसे श्रमिकों के लिए मुफ्त औजार वितरण की योजना का भी शुभारंभ किया, मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि इस साल राज्य में भवन-निर्माण से जुड़े लगभग दस हजार मजदूरों को उनकी क्षमता बढाने के लिए सरकारी खर्च पर दो-तीन माह का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, इस ट्रेनिंग में हर मजदूर पर दस हजार रूपए का खर्च प्रदेश साकार देगी, भगवान विश्वकर्मा पूजन का पर्व राज्य सरकार की पहल पर छत्तीसगढ़ श्रम दिवस के रूप में हर साल मनाया जा रहा है, ऐसे में श्रमिकों के हित में इस प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत के लिए इससे अच्छा दिन और क्या हो सकता था ?

श्रम-दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ की श्रम-शक्ति को मुख्यमंत्री के हाथों सचमुच एक बड़ा सम्मान मिला है, इन इन योजनाओं के सकारात्मक नतीजे निश्चित रूप से जल्द सामने आएँगे, यह कहने का ठोस आधार भी है, उदाहरण ले लीजिए, राज्य में हाई-स्कूल और हायर-सेकेण्डरी स्कूल स्तर पर अनुसूचित-जातियों,जन-जातियों और गरीबी-रेखा श्रेणी की बालिकाओं को मुफ्त सायकल देने की योजना का सबसे अच्छा असर ये हुआ है कि स्कूलों में हमारी बेटियों की चहल-पहल एकदम से बढ़ गई है, सवेरे और शाम छत्तीसगढ की इन बेटियों को झुण्ड के झुण्ड सायकलों से स्कूल आते-जाते देखना उनके माँ-बाप के साथ-साथ हम जैसे आम-नागरिकों के लिए भी सचमुच काफी सुकून भरा अनुभव होता है, कि हमारी बेटियाँ सायकल से स्कूल जा रहीं हैं। बेटियाँ पढेंगी, आगे बढेंगी और अपने घर-परिवार राज्य और देश का नाम रौशन करेंगी, यह सुकून भरा अनुभव पहले कहाँ थी ? पहले किसने सोचा था कि बढ़ती महंगाई के इस दौर में छत्तीसगढ़ के लगभग 33 लाख गरीब परिवारों को सिर्फ एक रूपए और दो रूपए किलों में हर माह पैंतीस किलो के हिसाब से बेहद किफायती मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा, साथ में दो किलो नमक मुफ्त, भला और क्या चाहिए ?

किसानों को सिंचाई के लिए पांच हर्स पावर के पम्पों पर सालाना छह हजार यूनिट बिजली नि:शुल्क मिलेगी, उन्हे खेती के लिए सहकारी समितियों से सिर्फ तीन प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर सबसे सस्ते कर्ज की सुविधा मिलेगी, गरीब परिवारों के हृदय-रोग से पीडित बच्चों के दिलों के खर्चीले आपरेशन सरकारी खर्च पर होंगे, लाखों स्कूली बच्चों को पाठय पुस्तकें मुफ्त मिलेंगी, गाँव-गाँव में सडको का जाल बिछेगी, खेती के लिए सिंचाई-सुविधाओं का विस्तार होगा और सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में 11.49 की विकास दर के साथ छत्तीसगढ़ विकास की राह पर भारत के अन्य सभी राज्यों से काफी आगे निकल जाएगा। डा. रमन सिंह की सरकार ने जनता को यह सुकून भरा अहसास दिलाया, इसी कड़ी में महिलाओं के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं से यह साबित होता है कि महिला-सशक्तिकरण की भावना को जमीन पर साकार करने की सार्थक पहल छत्तीसगढ में हो रही है।

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news