उज्जैन // डॉ. अरुण जैन
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उज्जैन । सहकारी साख संस्था में 18 लाख से अधिक रुपयों की अमानत
में खयानत करने के एक मामले में न्यायालय ने संस्था के छह सदस्यों को दोषी
करार देते हुए तीन-तीन साल की सजा और दो- दो हजार रुपए के जुर्माने से
दंडित किया है।
27 फरवरी 2011 को कायस्थ सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की उज्जैन शाखा के व्यवस्थापक कैलाशचंद्र निगम ने प्रीमियर सहकारी साख संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ माधवनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि प्रीमियर सहकारी साख संस्था के संचालक उनकी सहकारी साख संस्था द्वारा जमा किए 18 लाख 29 हजार 316 रुपए वापस नहीं कर रहे हैं। कायस्थ सहकारी संस्था के संचालक श्री निगम का आरोप था कि आरोपियों ने अपनी संस्था में यह रुपया जमा करवाने के एवज में 13 फीसदी ब्याज देने की बात कही थी। बाद में आरोपी रुपए देने में आनाकानी करने लगे। मामले में 11 साल बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पंकजसिंह माहेश्वरी ने प्रीमियर सहकारी साख संस्था के संचालक मंडल के जगदीशचंद्र शर्मा, चंद्रमोहन रावत, नंदलाल कसेरा, मदनलाल व्यास, सुदेश कुमार व श्याम मेहता को दोषी पाते हुए आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा व दो-दो हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।
27 फरवरी 2011 को कायस्थ सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर की उज्जैन शाखा के व्यवस्थापक कैलाशचंद्र निगम ने प्रीमियर सहकारी साख संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ माधवनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि प्रीमियर सहकारी साख संस्था के संचालक उनकी सहकारी साख संस्था द्वारा जमा किए 18 लाख 29 हजार 316 रुपए वापस नहीं कर रहे हैं। कायस्थ सहकारी संस्था के संचालक श्री निगम का आरोप था कि आरोपियों ने अपनी संस्था में यह रुपया जमा करवाने के एवज में 13 फीसदी ब्याज देने की बात कही थी। बाद में आरोपी रुपए देने में आनाकानी करने लगे। मामले में 11 साल बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पंकजसिंह माहेश्वरी ने प्रीमियर सहकारी साख संस्था के संचालक मंडल के जगदीशचंद्र शर्मा, चंद्रमोहन रावत, नंदलाल कसेरा, मदनलाल व्यास, सुदेश कुमार व श्याम मेहता को दोषी पाते हुए आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा व दो-दो हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।
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