उज्जैन // डॉ. अरुण जैन
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उज्जैन . करीब दो वर्ष पूर्व तापी कंपनी को शहर की जलप्रदाय की पाइप लाइन का ठेका देना अब निगम व पीएचई के अधिकारियों को भारी पड़ गया। लोकायुक्त ने अधूरे काम के बावजूद तापी कंपनी को करोड़ों रुपए के भुगतान पर संज्ञान ले लिया हैं। मामले में गुरुवार को लोकायुक्त ने पूर्व निगमायुक्त चंद्रमौली शुक्ल व रामेश्वर गुप्ता सहित सात अधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दी है। नगर पालिक निगम ने वर्ष 2009 में केंद्र की जेएनएनयूआरएम (जवाहरलाल नेहरु राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन) के तहत महाराष्ट के भुसावल की तापी प्रीस्ट्रेस्ड प्रॉडक्ट लिमिटेड कंपनी को करीब 60.14 करोड़ रुपए में पूरे शहर की करीब 400 किमी पाइप लाइन बदलने का ठेका दिया था। कंपनी को फरवरी 2011 तक कार्य पूर्ण करना था। तय समय तक कंपनी 25 प्रतिशत कार्य भी पूर्ण नहीं कर पाई और काम बंद हो गया। इसके बाद भी कंपनी को करीब 6 करोड़ का भुगतान हो गया। वर्ष 10 में इस संबंध में मिली शिकायत की पुष्टि के बाद लोकायुक्त ने गुरुवार को तत्कालीन निगमायुक्त गुप्ता, शुक्ल, अपर आयुक्त ओपी पगारे, उपायुक्त अशोक शुक्ला, अधीक्षण यंत्री जगदीश डगांवकर, लेखाधिकारी धर्मराज जीनवाल व ईई विमल कुमार सोनी पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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