- आतंकवाद प्रभावित पाक में महिलाओं का उत्पीड़न -
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इस्लामाबाद :
अफ़गानिस्तान सीमा से लगे पाकिस्तान के आतंकवाद प्रभावित कबायली क्षेत्र
में महिलाओं के उत्पीड़न को बयां करने वाली एक नयी रिपोर्ट में उस वीभत्स
घटना का जिक्र किया गया है जिसमें पाकिस्तानी तालिबान लड़ाकों ने बच्चे को
स्तनपान करा रही एक महिला के स्तन काट दिए थे और दूसरी महिला से उसके
टुकडों को खाने को कहा था.
‘द एक्सप्रेस टिब्यून’ ने ‘‘फ़ाटा एफ़एटीए में महिलाओं और लड़कियों पर
संकट का प्रभाव’’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के हवाले से बताया कि यह घटना उस
वक्त हुई थी जब पांच आतंकवादी एक घर में घुस गए और महिला को अपने बच्चे को
स्तनपान कराते देखा. यह रिपोर्ट मानवाधिकार संगठन ‘ख्वेंदो कोर’ ( पश्तो
में इसका मतलब है बहनों का घर ) ने संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय मदद से जारी
की.
यह रिपोर्ट खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवाद और आतंकवाद निरोधक
अभियान के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए बनाए गए शिविरों में रहने वाली
कबायली क्षेत्र की महिलाओं पर किए गए अध्ययन पर आधारित है. रिपोर्ट में कहा
गया है कि संघ प्रशासित कबायली क्षेत्रों में महिलाएं संघर्ष का हिस्सा
हों या न हों लेकिन संघर्ष के बाद के परिदृश्य में हिंसा और उत्पीड़न के
लिए ज्यादा संवेदनशील हैं.
रिपोर्ट में एक और खुलासा किया गया है कि राहत शिविरों में महिलाओं को
भोजन और गैर खाद्य वस्तुओं के बदले में सेक्स करने पर मजबूर किया गया.
इसमें कहा गया है कि लड़कियों और विधवाओं पर इस तरह के उत्पीड़न का ज्यादा
खतरा था. रिपोर्ट में जालोजई शिविर में रहने वाली 22 वर्षीय एक महिला ने
कहा है, ‘‘शिविर के मुख्य प्रवेश द्वार पर जब मैं खाना ले रही थी तो एक
सुरक्षा अधिकारी ने खाद्य तेल और दाल के बदले में मुङो उसके साथ यौन संबंध
बनाने पर मजबूर किया.’’
यह सर्वेक्षण नाहकई और जालोजई राहत शिविरों में किया गया है. सर्वेक्षण
में दर्शाया गया है कि निजता के अभाव के कारण महिलाएं शौचालय जाने में असहज
रहती हैं क्योंकि वहां पुरुष लगातार आस-पास में छिपे रहते हैं. रिपोर्ट
में कहा गया है कि झूठी शान की खातिर हत्या के मामलों में वृद्धि हुई है.
इसके तहत जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था उनकी हत्या कर दी गई क्योंकि
बलात्कार को परिवार के लिए बदनामी समझा गया.
जबरन विवाह, झूठी शान की खातिर हत्या, कबीलों के बीच महिलाओं के
आदान-प्रदान और रिश्ते की बहनों से शादी से पैदा होने वाले विकलांग बच्चों
ने कबायली क्षेत्र में महिलाओं की निर्भरता बढ़ा दी है. रिपोर्ट के अनुसार
समाज में महिलाओं की भूमिका भी 39 फ़ीसदी से घटकर 19 फ़ीसदी पर आ गई है.
बाजौर कबायली क्षेत्र से सांसद अखुनजादा चट्टन ने कहा कि धार्मिक श्रद्धा
से किए गए जाने वाले कुछ रिवाजों ने महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित
किया है.
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