गाडरवारा नगर पालिका की प्रशासनिक व्यवस्था ठप्प
सिटी चीफ// जगदीश प्रसाद राव (गाडरवारा //टाइम्स ऑफ क्राइम)
सिटी चीफ से संपर्क:- 9806420411
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गाडरवारा. जिन लोक लुभावने वादे एवं नगर के सर्वांगीण विकास के साथ गाडरवारा नगर में नागरिकों ने प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा में अनुरूप गाडरवारा नगर पालिका में बहुमत प्रदान किया था चुनाव के दो वर्ष बाद सारी आशायें धूल धूसारित होती नजर आ रही है नगर पालिका की बदतर कार्यप्रणाली का आलम यह है कि इस समय पूरी प्रशासनिक व्यवस्था चौपट होने के कगार पर खड़़ी है। पूर्ण बहुमत के साथ 2 वर्ष से सत्तारूढ़ पार्टी की गाडरवारा परिषद से अब नागरिकों को निराशा ही हाथ लगती नजर आ रही है एक ओर पूरे गाडरवारा नगर एवं नगर पालिका परिसर में अतिक्रमण की बाढ़ से वाहन चलाना तो दूर अपितु नागरिकों को पैदल चलना भी दूभर नजर आ रहा है वहीं नगर पालिका का राजनैतिक जनप्रतिनिधित्व इस विकराल समस्या से राजनैतिक लाभ हानि के लिये कन्नी काटता नजर आ रहा है।
नगर पालिका के कर्मचारी केवल अपने रोज की वसूली से ही कत्र्तव्य की इतिश्री कर रहे है नगर पालिका कार्यालय की दुर्दशा का आलम यह है कि यहां चपरासी से लेकर सभी अधिकारी पूरे दिन अपनी कार्यालय सीट से लापता रह रहे है व किसी के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नही है।
नामांतरण प्रकरणों का अंबार
म.प्र. शासन द्वारा स्थानीय निकायों का गठन एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम का प्रस्ताव एवं निर्माण इस दृष्टिकोण से किया गया था ताकि नगर के नागरिकों की समस्याओं व कार्यो का त्वरित निराकरण हो सके लेकिन गाडरवारा नगर पालिका में इस समय तमाम नियम कायदे कानूनों की पूरी तरह धज्जियाँ उड़ रही है व सैकड़ो नामांतरण प्रकरण नगर पालिका में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मनमानी कार्यप्रणाली से कछुएं की चाल से रेंगते हुये धूल खा रहे है वहीं नपा के सूत्रों के अनुसार चहेते के प्रकरणों का तत्काल प्राथमिकता से निराकरण हो रहा है।
नगर के सराफा व्यापारी रवि खजांची के अनुसार उनके द्वारा भवन नामांतरण हेतु 26 अक्टूबर को नगर पालिका के तमाम शुल्कों का भुगतान कर न्यायालय आदेश की प्रतिलिपि संलग्न कर नामांतरण हेतु आवेदन दिया लेकिन ढाई माह व्यतीत हो जाने के बाद भी उक्त प्रकरण में न तो नामांतरण किया गया न ही कोई कारण बताया जा रहा है वहीं आवेदक द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम में 30 दिन में आवेदन के निराकरण हेतु कोई जानकारी नही दी जा रही है।
बिना अनुमति के धड़ल्ले से भवन निर्माण
एक ओर सामान्य नागरिक विधिवत भवन नामांतरण के साथ भवन निर्माण की अनुमति हेतु महिनों से नगर पालिका के चक्कर लगा रहा है वही नगर पालिका सीमा क्षेत्र में सैकड़ों भवन एवं कालोनी नाइजरों द्वारा तमाम नियम व कायदे कानूनों की खुलेआम अनदेखी कर जमकर भवन निर्माण किया जा रहा है इन मनमाने भवन निर्माण एवं व्यवसायिक परिसरों में न तो मापदंडो का पालन किया जा रहा है न ही इनके पूर्ण निर्माण के नक्शे नगर पालिका में स्वीकृत किये जा रहे है वर्षो पुरानी नपा सीमा क्षेत्र के अंदर व्यस्त आवासीय जगहों पर व्यवसायिक परिसरों के निर्माण में आवागमन के मार्ग व वाहन पार्किंग की जगह न होने से अब हर सडक़ पर जाम लगता नजर आ रहा है
वहीं नगर पालिका सीमा क्षेत्र से लगी जगह पर भवन निर्माण कर जहां कालोनी व नागरिकों द्वारा नपा से सडक़ पेयजल व प्रकाश एवं साफ सफाई की मांग की जा रही र्है वही यह क्षेत्र नपा के सीमा क्षेत्र में विधिवत न होने से इन्हे नपा के सफाई कर, समेकित कर व संपत्ति कर से पूरी तरह छूट मिलने पर प्रतिवर्ष पालिका को लाखों रूपया का चूना लग रहा है व बिना विधिवत अनुमति के निर्माण से आये दिन गंभीर दुर्घटनाओं की आशंका बनी है जिसका ज्वलंत उदाहरण शक्कर पुल से श्मशान घाट बाईपास है जहां कि 1 वर्ष में 3 वाहन सडक़ से नीचे जा गिरे जहां कि अवैध निर्माणों पर आये दिन जान माल की क्षति हो रही है।
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