जबलपुर. दैनिक भास्कर के खिलाफ प्रकाशन और मालिकाना हक से
संबंधित फर्जी घोषणापत्र के मामले में अपर कलेक्टर की अदालत में बुधवार को
सुनवाई होगी। भोपाल के अजय झा तथा कलिनायक के प्रकाशक संजीव जैन व प्रेम
जैन ने कोर्ट में आवेदन दायर कर दैनिक भास्कर के घोषणा पत्रों को निरस्त
करने की मांग की है। हाईकोर्ट ने 25 नवंबर को जिला दण्डाधिकारी को मामले का
जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए थे। आवेदकों ने प्रेस रजिस्ट्रेशन एवं
बुक एक्ट 1867 की धारा 8 बी के तहत दैनिक भास्कर के प्रधान संपादक मनमोहन
अग्रवाल, संचालक अजय अग्रवाल, सीएमडी कैलाश अग्रवाल, संचालक राकेश अग्रवाल
तथा प्रकाश अग्रवाल के खिलाफ 11 नवंबर को आवेदन दायर किया था। आवेदन में
अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी द्वारा 21 अगस्त 2003 को जारी पत्र स्थगित करने
की मांग की गई। सुनवाई के बाद अदालत ने सभी अनावेदकों को नोटिस जारी किए।
16 नवंबर को आवेदक के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अनावेदक जानबूझकर
नोटिस लेने से इनकार कर रहे हैं।
जवाब के लिए मोहलत
जबलपुर. भास्कर पब्लिकेशन एण्ड एलाइड इंडस्ट्रीज ग्वालियर के नाम से दैनिक भास्कर का प्रकाशन करने वाली कंपनी के खिलाफ मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में मंगलवार को सुनवाई के बाद भास्कर को जवाब के लिए मोहलत दे दी। मामले की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। कलिनायक प्रकाशन के संजीव जैन और प्रेम जैन की ओर से ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई।
कर कहा था कि जिला अदालत ने उनकी सीआरपीसी की धारा 340 के तहत आवेदन का निराकरण करने पहले सीपीसी आदेश 7 के नियम 11 के तहत दायर आवेदन खारिज कर दिया। दरअसल, कलिनायक में दैनिक भास्कर और उसके प्रकाशन को लेकर प्रकाशित तथ्यों पर भास्कर पब्लिकेशन ने कलिनायक प्रकाशकों के खिलाफ मानहानि का दावा किया था।
sabhar --patrika
जवाब के लिए मोहलत
जबलपुर. भास्कर पब्लिकेशन एण्ड एलाइड इंडस्ट्रीज ग्वालियर के नाम से दैनिक भास्कर का प्रकाशन करने वाली कंपनी के खिलाफ मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में मंगलवार को सुनवाई के बाद भास्कर को जवाब के लिए मोहलत दे दी। मामले की अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी। कलिनायक प्रकाशन के संजीव जैन और प्रेम जैन की ओर से ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई।
कर कहा था कि जिला अदालत ने उनकी सीआरपीसी की धारा 340 के तहत आवेदन का निराकरण करने पहले सीपीसी आदेश 7 के नियम 11 के तहत दायर आवेदन खारिज कर दिया। दरअसल, कलिनायक में दैनिक भास्कर और उसके प्रकाशन को लेकर प्रकाशित तथ्यों पर भास्कर पब्लिकेशन ने कलिनायक प्रकाशकों के खिलाफ मानहानि का दावा किया था।
sabhar --patrika
No comments:
Post a Comment