साध्वी चिदर्पिता अति महात्वाकांक्षा रखने के कारण ही स्वामी चिन्मयानंद की गोद में जा बैठी | डेल्ही के कॉल सेंटर में नौकरी करने वाली साध्वी अचानक स्वामी की निजी सचिव बन गयी |
साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता और स्वामी चिन्मयानंद का प्यार है या एक सोची समझी साजिश | जब साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता को अपना निजी सचिव नियुक्त किया था. तभी से कोमल गुप्ता ने दिमाग लगाना शुरू कर दिया था | सूत्रों के अनुसार ये पूरा जाल साध्वी चिदर्पिता ने खुद बुना था जिसमे स्वामी दिनों दिन फसते जा रहे थे |
वह तो साध्वी चिदर्पिता को सम्मान देना चाहते थे परन्तु साध्वी चिदर्पिता का दिमाग शुरू से कुछ और काम कर रहा था | वह अरबो के सपने सजा चुकी थी | साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता और स्वामी की उम्र में जमीन आसमान का फर्क था अगर कहे तो देखने में बाप और बेटी रिश्ता लगता था |
वह तो साध्वी चिदर्पिता को सम्मान देना चाहते थे परन्तु साध्वी चिदर्पिता का दिमाग शुरू से कुछ और काम कर रहा था | वह अरबो के सपने सजा चुकी थी | साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता और स्वामी की उम्र में जमीन आसमान का फर्क था अगर कहे तो देखने में बाप और बेटी रिश्ता लगता था |
प्यार के रिश्ते के पीछे साध्वी चिदर्पिता की इच्छा स्वामी की संपत्ति हथियाने की हो चुकी थी उम्र दराज स्वामी ने वह सब कुछ दिया जो उसे देना चाहिए था | फर्श से अर्श का सफ़र कराने वाले स्वामी अब साध्वी चिदर्पिता उर्फ कोमल गुप्ता के प्यार में अपने ठगा महसूस कर थे | वह साध्वी चिदर्पिता को बेटी के स्वरुप देख रहे थे और सम्मान दे रहे थे |
साध्वी चिदर्पिता के चलते स्वामी चिन्मयानंद के पुराने शिष्य इतने खफा हुए कि उनसे दूर हो गये साध्वी चिदर्पिता नहीं चाहती थी कौई और उसकी जगह ले |
बाप की उम्र का स्वामी साध्वी चिदर्पिता को हर पल खुश रखने की कोशिश कर रहा था ? साध्वी किसी कीमत पर समझने को तैयार नहीं थी |
इसलिए दोनों में धीरे धीरे झगड़े बढ़ने लगे. झगड़ा इस कदर बढ़ा कि दोनों में गाली गलौज और जूतम बाजी होने लगी. साध्वी चिदर्पिता पैसो को लेकर झगडा करती तो स्वामी बात बात पर जूता निकल लेता था |
इसलिए दोनों में धीरे धीरे झगड़े बढ़ने लगे. झगड़ा इस कदर बढ़ा कि दोनों में गाली गलौज और जूतम बाजी होने लगी. साध्वी चिदर्पिता पैसो को लेकर झगडा करती तो स्वामी बात बात पर जूता निकल लेता था |
साध्वी चिदर्पिता चाहती थी स्वामी जी उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दें. ताकि वह अरबो की संपत्ति की मालिक बन सके | इसके लिए स्वामी चिन्मयानंद तैयार नहीं थे.|
एक दिन वी पी गौतम की एंट्री फेसबुक के जरिये साध्वी चिदर्पिता के दिल में हुई | गौतम ने पत्रकारिता की शुरूआत बदायूं के इस्लामनगर के पास छोटे से गांव नूरपुर पिनौनी से एक दैनिक समाचार पत्र की एजेंसी लेकर की थी।
हकीकत में गौतम का करियर डगमगा रहा था | गौतम के फितूरी दिमाग के चलते ही काफी जगह से नौकरी से निकाला गया | वह स्वत्नत पत्रकारिता करने लगे | स्वतंत्र पत्रकारिता कर मुफलिसी में जीवन काटना आसान नहीं था | गौतम के फितूरी दिमाग ने काम करना शुरू किया और साध्वी चिदर्पिता को स्वामी के खिलाफ भड़काने लगा | माचिस को मिटटी का तेल मिल चुका था | आग तो लगनी थी |
साध्वी चिदर्पिता अक्सर प्रोग्राम में जाया करती थी उसे किसी भी तरीके को रोक टोक नहीं थी | बी पी गौतम का मेल जोल बड़ा तो फ़ोन पर साध्वी चिदर्पिता बातियाने लगी | वी पी के पिता अक्सर आश्रम जाया करते थे फिर कभी कभी मिस्टर गौतम आश्रम जाने लगे | इसकी भनक स्वामी को लग चुकी थी, चिड़िया पिजरे से उड़ने वाली है |
स्वामी ने काफी समझाने बुझाने की कोशिश की मगर सब बेकार था | साध्वी चिदर्पिता के दिमाग में प्यार का भूत चढ़ चुका था साध्वी चिदर्पिता और वी पी गौतम ने प्रेम विवाह कर स्वामी को ब्लैक मेल करने का बिगुल फूक दिया | सूत्रों के अनुसार वी पी गौतम पहले से ही शादी शुदा है | वी पी गौतम के सलाहकार डेल्ही के बड़े पत्रकार है जिनके इशारे पर स्वामी की संपत्ति हथियाने - ब्लैक मेल और राजनीति में अपनी पैठ बनाने की नापाक कोशिश की जा रही है | ताकि वह भी इससे लाभ ले सके |
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