अवधेश पुरोहित @ Toc News
भोपाल । पिछले दिनों रीवा में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी द्वारा राज्य के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल के नाम पर पैसा वसूली करने का मामला प्रकाश में आया था, ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों हरदा के प्रभारी ईई लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदारों के बिलों के भुगतान के एवज में प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रमोद अग्रवाल के नाम पर राशि मांगे जाने का मामला भी प्रकाश में आया है, इन दोनों घटनाओं से यह जाहिर होता है कि राज्य में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के नाम पर ठेकेदारों से वसूली क दौर चारों तरफ जारी है। हालांकि जैसा होता आया है जब इस तरह के मामलों को दबाने और झुठलाने का प्रयास भी किया जाएगा जिसके चलते वह हकीकत भी दफ न हो जाएगी जो इन दिनों लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली का दौर चलाया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि यदि रीवा का मामला गलत था तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ प्रमुख अभियंता द्वारा सख्त कार्यवहाी नहीं की गई यदि ऐसा होता तो हरदा के प्रभारी ईई लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदारों से प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली का यह मामला सामने नहीं आ पाता इन दोनों मामलों से यह साफ जाहिर होता है कि राज्य मे लोनिवि के प्रमुख सचिव के नाम पर कुछ न कुछ अवैध वसूली का दौर जारी है तभी तो रीवा की घटना के बाद हरदा की यह घटना प्रकाश में आई है और इन अधिकारियों के खिलाफ प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रमोद अग्रवाल कार्यवाही करने से क्यों हिचक रहे हैं इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं और लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि यह मामला अकेले लोनिवि का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में वल्लभ भवन मंत्रालय में बैठे अधिकारियों के नाम पर जिले में बैठे अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से अवैध वसूली का सिलसिला चहुंओर जारी है इमसें कितनी सच्चाई है इसकी जाँच होनी चाहिए और जो अधिकारी अपने विभाग के प्रमुख सचिव के नाम पर ठेकेदारों से इस तरह की धन वसूली कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। इससे यह साफ जाहिर है कि यह सब खेल वल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत से ही चल रहा है।
भोपाल । पिछले दिनों रीवा में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी द्वारा राज्य के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल के नाम पर पैसा वसूली करने का मामला प्रकाश में आया था, ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों हरदा के प्रभारी ईई लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदारों के बिलों के भुगतान के एवज में प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रमोद अग्रवाल के नाम पर राशि मांगे जाने का मामला भी प्रकाश में आया है, इन दोनों घटनाओं से यह जाहिर होता है कि राज्य में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग के नाम पर ठेकेदारों से वसूली क दौर चारों तरफ जारी है। हालांकि जैसा होता आया है जब इस तरह के मामलों को दबाने और झुठलाने का प्रयास भी किया जाएगा जिसके चलते वह हकीकत भी दफ न हो जाएगी जो इन दिनों लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली का दौर चलाया जा रहा है। सवाल यह उठता है कि यदि रीवा का मामला गलत था तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ प्रमुख अभियंता द्वारा सख्त कार्यवहाी नहीं की गई यदि ऐसा होता तो हरदा के प्रभारी ईई लोक निर्माण विभाग के द्वारा ठेकेदारों से प्रमुख सचिव के नाम पर वसूली का यह मामला सामने नहीं आ पाता इन दोनों मामलों से यह साफ जाहिर होता है कि राज्य मे लोनिवि के प्रमुख सचिव के नाम पर कुछ न कुछ अवैध वसूली का दौर जारी है तभी तो रीवा की घटना के बाद हरदा की यह घटना प्रकाश में आई है और इन अधिकारियों के खिलाफ प्रमुख सचिव लोक निर्माण प्रमोद अग्रवाल कार्यवाही करने से क्यों हिचक रहे हैं इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं और लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि यह मामला अकेले लोनिवि का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में वल्लभ भवन मंत्रालय में बैठे अधिकारियों के नाम पर जिले में बैठे अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से अवैध वसूली का सिलसिला चहुंओर जारी है इमसें कितनी सच्चाई है इसकी जाँच होनी चाहिए और जो अधिकारी अपने विभाग के प्रमुख सचिव के नाम पर ठेकेदारों से इस तरह की धन वसूली कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। इससे यह साफ जाहिर है कि यह सब खेल वल्लभ भवन में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत से ही चल रहा है।
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