अजय पवार पत्रकार // बैतूल
Toc News
बैतूल- जिला प्रशासन कालोनाइजरों को लाइसेंस जारी कर कालोनी निर्माण की अनुमति तो देता है। किन्तु कालोनाइजर और उनके प्रमोटरों पर कोई नियंत्रण नही रख पाता। आलम यह है की कालोनाइजर कालोनी का विकास विगत 3 वर्ष की समयावधि बीत जाने के बाद भी प्रारम्भ नही कर पाता है और कालोनाइजर अवैध एवम् अविकसित कालोनी में प्लाट बेचकर निकल जाते है। कालोनाइजर और प्रमोटर विकास कार्य की जवाबदारी एक दूसरे पर डालते रहते है।
चिंतामणि dehvleprs, नागपुर की फर्म द्वारा बैतुल में शासन के समस्त नियमो की अनुमति प्राप्त करके ग्राम बटामा स्थिति प ह न 64 में ख न 88/1 रकबा 3.035 में से 2.188भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित करने की अनुमति प्राप्त कर नागपुर निवासी कालोनाइजर ने बेतुल के ब्रह्मदेव कुबड़े को वास्तु पार्क कालोनी का प्रमोटर नियुक्त कर दिया।कालोनी के ब्रोसर में कालोनाइजर का लाइसेंस नम्बर भी नही है। लेकिन वास्तु पार्क के प्रमोटर का नाम एवम् मो नो अंकित है। वही कालोनी में बुनियादी आवश्यकता बिजली, पानी सड़क, नाली आदि की बिना ही प्लाटो का विक्रय कर दिया गया। वास्तु पार्क कालोनी में प्रमोटर ब्रह्मदेव कुबड़े ने कई प्लाटो के सौदो की राशि कभी अपने बैंक खाते में तो कभी अपने रिश्तेदारो के खाते में क्रेता से डलवा कर राशि प्राप्त कर लेते थे और कालोनाइजर प्लाटो की रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर कर देते थे।
कलोनाइजर कालोनी के विकास के जिम्मेदारी प्रमोटर ब्रम्हदेव कुबड़े पर डाल रहे है। तो दूसरी तरफ कालोनाइजर मिलिंद डोर्लिकर बताते है की हमारे द्वारा किये सभी वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी ब्रम्हदेव कुबड़े की है। और इस जिम्मेदारी को पूरा करने के एवज में ब्रम्हदेव कुबड़े ने कालोनाइजरों से 28 प्लाट लिए है जिसे बेचकर विकास कार्य पूर्ण करवाया जायेगा। इधर कालोनी के विकास कार्य की जिम्मेदारी लेने वाले ब्रह्मदेव कुबड़े साफ इंकार करते है। और कहते ही की प्लाट बिक ही नही रहे तो विकास किस बात का।
इस तरह वास्तु पार्क में कालोनाइजर और प्रमोटर के बीच प्लाट खरीदने वाली आम जनता अपने आपको ठगा महसूस कर रही है। सवाल यह कि जिस प्रमोटर ने इसी कालोनी में इतने प्लाट बेचे अब उससे विकास के नाम पर 28 प्लाट क्यू नही बिक रहे है या फिर कलोनजर और प्रमोटर मिलकर आम जनता को बेवकूफ बना रहे है।
क्या दो व्यक्तियो के लिए अलग अलग कानून है या फिर वास्तु पार्क के कर्ता धर्ताओं से प्रसासनिक आधिकारियो की अवैध बसूली के चलते इस मामले को ढ़ील दी जा रही है।
एक तरफ जिला प्रशासन सिद्धि विनायक कालोनी के कालोनाइजर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कर अपनी वाहवाही लूटता है तो दूसरी तरफ वास्तु पार्क कालोनी के कालोनाइजर और प्रमोटर के खिलाफ कार्यवाही करने में गुरेज कर रहा है।
नियमानुसार तो वास्तु पार्क कालोनी का विकास कार्य समयवधि में पूर्ण नही होने से यह कालोनी अवैध हो चुकी है।कृपया जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाये।
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बैतूल- जिला प्रशासन कालोनाइजरों को लाइसेंस जारी कर कालोनी निर्माण की अनुमति तो देता है। किन्तु कालोनाइजर और उनके प्रमोटरों पर कोई नियंत्रण नही रख पाता। आलम यह है की कालोनाइजर कालोनी का विकास विगत 3 वर्ष की समयावधि बीत जाने के बाद भी प्रारम्भ नही कर पाता है और कालोनाइजर अवैध एवम् अविकसित कालोनी में प्लाट बेचकर निकल जाते है। कालोनाइजर और प्रमोटर विकास कार्य की जवाबदारी एक दूसरे पर डालते रहते है।
चिंतामणि dehvleprs, नागपुर की फर्म द्वारा बैतुल में शासन के समस्त नियमो की अनुमति प्राप्त करके ग्राम बटामा स्थिति प ह न 64 में ख न 88/1 रकबा 3.035 में से 2.188भूमि पर आवासीय कालोनी विकसित करने की अनुमति प्राप्त कर नागपुर निवासी कालोनाइजर ने बेतुल के ब्रह्मदेव कुबड़े को वास्तु पार्क कालोनी का प्रमोटर नियुक्त कर दिया।कालोनी के ब्रोसर में कालोनाइजर का लाइसेंस नम्बर भी नही है। लेकिन वास्तु पार्क के प्रमोटर का नाम एवम् मो नो अंकित है। वही कालोनी में बुनियादी आवश्यकता बिजली, पानी सड़क, नाली आदि की बिना ही प्लाटो का विक्रय कर दिया गया। वास्तु पार्क कालोनी में प्रमोटर ब्रह्मदेव कुबड़े ने कई प्लाटो के सौदो की राशि कभी अपने बैंक खाते में तो कभी अपने रिश्तेदारो के खाते में क्रेता से डलवा कर राशि प्राप्त कर लेते थे और कालोनाइजर प्लाटो की रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर कर देते थे।
कलोनाइजर कालोनी के विकास के जिम्मेदारी प्रमोटर ब्रम्हदेव कुबड़े पर डाल रहे है। तो दूसरी तरफ कालोनाइजर मिलिंद डोर्लिकर बताते है की हमारे द्वारा किये सभी वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी ब्रम्हदेव कुबड़े की है। और इस जिम्मेदारी को पूरा करने के एवज में ब्रम्हदेव कुबड़े ने कालोनाइजरों से 28 प्लाट लिए है जिसे बेचकर विकास कार्य पूर्ण करवाया जायेगा। इधर कालोनी के विकास कार्य की जिम्मेदारी लेने वाले ब्रह्मदेव कुबड़े साफ इंकार करते है। और कहते ही की प्लाट बिक ही नही रहे तो विकास किस बात का।
इस तरह वास्तु पार्क में कालोनाइजर और प्रमोटर के बीच प्लाट खरीदने वाली आम जनता अपने आपको ठगा महसूस कर रही है। सवाल यह कि जिस प्रमोटर ने इसी कालोनी में इतने प्लाट बेचे अब उससे विकास के नाम पर 28 प्लाट क्यू नही बिक रहे है या फिर कलोनजर और प्रमोटर मिलकर आम जनता को बेवकूफ बना रहे है।
क्या दो व्यक्तियो के लिए अलग अलग कानून है या फिर वास्तु पार्क के कर्ता धर्ताओं से प्रसासनिक आधिकारियो की अवैध बसूली के चलते इस मामले को ढ़ील दी जा रही है।
एक तरफ जिला प्रशासन सिद्धि विनायक कालोनी के कालोनाइजर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कर अपनी वाहवाही लूटता है तो दूसरी तरफ वास्तु पार्क कालोनी के कालोनाइजर और प्रमोटर के खिलाफ कार्यवाही करने में गुरेज कर रहा है।
नियमानुसार तो वास्तु पार्क कालोनी का विकास कार्य समयवधि में पूर्ण नही होने से यह कालोनी अवैध हो चुकी है।कृपया जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाये।
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