प्रमुख से सम्पर्क : 90390 62219
toc news internet channal
शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां
1. मोन्टफोर्ट स्कूल मण्डला में भारी अनियमितता। 2. जनरेटर के नाम से 100000/- (एक लाख) से अधिक रकम वसूल रहा स्कूल। 3. अभिभावक चुप प्रशासन मौन। 4. शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां
toc news internet channal
शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां
1. मोन्टफोर्ट स्कूल मण्डला में भारी अनियमितता। 2. जनरेटर के नाम से 100000/- (एक लाख) से अधिक रकम वसूल रहा स्कूल। 3. अभिभावक चुप प्रशासन मौन। 4. शिक्षा अधिनियम की खुलेआम धज्जियां
मंडला । मण्डला नगर के प्रतिष्ठित एवं सबसे बडें़ स्कूल मोन्टफोर्ट जो सी।बी.एस.ई.पाठ्यक्रम संचालित करने वाला विद्यालय हैं विद्यालय में व्यवस्था के नाम पर अनेक तरह की अवैध फीस की वसूली की जा रही है। हर माह अध्यापन शुल्क के साथ साथ अनेक तरह के एक्टीविटी की फीस वसूली की जाती है। जबकि शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत मात्र अध्यापन शुल्क ही छात्रों से ली जा सकती है। विद्यालय में विकास शुल्क, जनरेटर शुल्क, क्रीड़ा शुल्क संास्कृतिक शुल्क आदि के नाम अनेक तरह की मनमानी शुल्क वसूली की रही हैं। अभिभावक संभ्रात एवं अपने बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा के नाम पर अनेक तरह की अवैध फीस जमा कर अपने बच्चों का अध्यापन करा रहें हैं । मोन्टफोर्ट स्कूल की फीस रशीद देखने से पता चलता हैं कि सभी से जनरेटर की व्यवस्था हेतु 100/-रू. लिए जा रहें हैं ये रकम वर्ष के प्रथम माह में वार्षिक फीस के साथ वसूली की जा रही है। अभिभावक खून का घूट पीकर चुप हैं, अच्छे स्कूल में बच्चे को पढ़ाना जो हैं और स्कूल लगभग 1,20000/-(एक लाख बीस हजार रू.) बच्चों से जबरन वसूल रहा हैं प्रशासन को चाहिए कि इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही करे। प्रशासन यदि मौन रहता हैं तो इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि शासन की जानकारी में ये अनियमितायें हो रही है।
विद्यालय के छात्रों से हमारे ब्यूरो चीफ द्वारा इस सम्बन्ध में जानकारी ली गई तो बच्चों ने कहा कि हां जनरेटर की फीस हमसे ली जाती हैं, क्योकि यहां पढऩा हैं तो वे कहते तो करना पढ़ेगा। यहां ध्यान देने वाली बात हैं कि जनरेटर कितनी देर चलता होगा और इसकी जिम्मेदारी स्कूल व्यवस्थापन की हैं न कि छात्रों की इसी प्रकार यदि अभिभावक चुपचाप लुटते रहें तो कल को बिजली का बिल भी छात्रों को ही भरना पड़ सकता है।
-- जनरेटर का फन्डा --
No comments:
Post a Comment