मप्र विधानसभा में लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा
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भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक डॉ. कल्पना परूलेकर द्वारा मीडिया को दी गई लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कंप्यूटर के जरिए छेड़छाड़ कर श्री नावलेकर की फोटो बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से सुश्री परूलेकर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री श्री मिश्रा ने ध्यानाकर्षण खत्म होते ही आज यह मामला उठाया। उन्होंने अध्यक्ष को बताया कि विपक्ष की एक सदस्य ने मीडिया को कल लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई है। इसमें श्री नावलेकर को संघ के गणवेश में दिखाया गया है। यह फोटो पूरी तरह से कूटरचित है। असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की है। उसी में काटछांट कर श्री नावलेकर का चेहरा लगाकर नई फोटो तैयार की गई है। श्री मिश्रा ने इस मामले में फोटो देने वाली विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मिश्रा से इस मामले में लिखित शिकायत देने कहा है। साथ ही परीक्षण कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भी श्री मिश्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया। श्री विजयवर्गीय का कहना था कि विपक्ष की सदस्य ने सदन को गुमराह किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने मामले के परीक्षण के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया।
इस दौरान सुश्री परूलेकर सदन में मौजूद नहीं थीं।
महिला विधायक से अभद्रता
सदन शर्मसार
सदन शर्मसार
नियमों
और परंपराओं के लिए प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश विधानसभा में आज एक और काला
अध्याय जुड़ गया। बसपा विधायक परशुराम मुद्गल ने पहले तो ध्यानाकर्षण को
क्षेत्रवाद की बलि चढ़ाते हुए कांग्रेस के रामनिवास रावत और अध्यक्ष
ईश्वरदास रोहाणी पर अन्याय के आरोप लगा दिए। जिद्द पूरी होने के बाद वे
कांग्रेस की इमरती देवी से भिड़ गए। संसदीय मर्यादाओं को धता दिखाते हुए
श्री मुद्गल ने महिला विधायक को अभद्र और ललकार भरे शब्द कहने में भी संकोच
नहीं किया। ध्यानाकर्षण के दौरान ही सारा सदन सन्न गया, जब पीछे की पंक्ति
में बैठे बसपा विधायक श्री मुद्गल कांग्रेस की इमरती देवी को तेज आवाज में
खरीखोटी सुनाने लगे। माइक बंद होने से स्पष्टï शब्द तो सुनाई नहीं दे रहे
थे, लेकिन उनकी तेज आवाज चारों ओर गूंज रही थी। जोर आवाज में बोल रहे श्री
मुद्गल को जवाब देते हुए इमरती देवी ने शब्दों के इस्तेमाल की दुहाई दी।
विवाद बढ़ता देख अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मुद्गल को संसदीय मर्यादाओं
की दुहाई देते हुए उनके व्यवहार को असंसदीय बताया। साथ ही शांत रहने को
कहा। बावजूद इसके श्री मुद्गल शांत नहीं हुए।
इससे सदन की कार्रवाई रुक गई और दोनों पक्ष आपत्ति करने लगे। इसी बीच श्री मुद्गल उठकर बाहर चले गए। उनके जाते ही कांग्रेस सदस्य इमरती देवी ने अध्यक्ष से शिकायत करते हुए कहाकि उन्होंने ऐसे-ऐसे शब्द कहें हैं, जिसे में कह भी नहीं सकती। मेरा सदन में अपमान हुआ है। कांग्रेस के सचेतक नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने श्री मुद्ïगल के खिलाफ निंदा का प्रस्ताव रख दिया। कल्पना परूलेकर ने भी कहाकि जो व्यवहार श्री मुद्गल ने किया है, वह निंदनीय है। अनुसूचित जाति की एक महिला का अपमान सदन में हुआ है। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने कहाकि श्री मुद्गल का व्यवहार निंदनीय है। सदन उनकी निंदा करता है। साथ आने के बाद उनसे माफी मंगवाई जाएगी।
कांग्रेस विधायक डॉ. कल्पना परूलेकर द्वारा मीडिया को दी गई लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कंप्यूटर के जरिए छेड़छाड़ कर श्री नावलेकर की फोटो बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से सुश्री परूलेकर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री श्री मिश्रा ने ध्यानाकर्षण खत्म होते ही आज यह मामला उठाया। उन्होंने अध्यक्ष को बताया कि विपक्ष की एक सदस्य ने मीडिया को कल लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई है। इसमें श्री नावलेकर को संघ के गणवेश में दिखाया गया है। यह फोटो पूरी तरह से कूटरचित है। असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की है। उसी में काटछांट कर श्री नावलेकर का चेहरा लगाकर नई फोटो तैयार की गई है। श्री मिश्रा ने इस मामले में फोटो देने वाली विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मिश्रा से इस मामले में लिखित शिकायत देने कहा है। साथ ही परीक्षण कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भी श्री मिश्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया। श्री विजयवर्गीय का कहना था कि विपक्ष की सदस्य ने सदन को गुमराह किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने मामले के परीक्षण के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया।
इस दौरान सुश्री परूलेकर सदन में मौजूद नहीं थीं।
सच या झूठ का फैसला विधानसभा अध्यक्ष करेंगे : नावलेकर
न तो मैं कभी आरएसएस का सदस्य रहा हूं और न ही आज के अखबारों में छपा फोटो मेरा है। मैंने कभी ऐसे कपड़े पहने तक नहीं हैं। ऐसा लगता है कि फोटो के साथ छेड़छाड़ कर मेरा चेहरा लगाया गया है। मेरा मत है कि ऐसी स्तरहीन राजनीति भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनीं संवैधानिक संस्थाओं के साथ नहीं होना चाहिए। इस पर सभी को विचार करने की आवश्यकता है। विधायक कल्पना परुलेकर द्वारा दिखाए गए फोटो का सच या झूठ देखना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है, मेरे नहीं।