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मजीठिया मांगने वाले हेमकांत चौधरी को ट्रांसफर पर स्टे के बावजूद ऑफिस में नहीं घुसने देने वाले दैनिक भास्कर के अफसरों पर कोर्ट ने शुरू की अवमानना कार्रवाई
तीन महीने जेल की सजा और 5000 जुर्माना होना तय, भास्कर के अफसरों में हड़कंप
मजीठिया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद से प्रकाशित होने वाले दैनिक भास्कर के अखबार के मराठी अखबार दिव्य मराठी से आई है।
यहाँ प्रबंधन की लगातार धुलाई कर रहे हेमकांत चौधरी ने अबकी बार प्रबंधन के चमचों को पटखनी देते हुए एक ही दांव में न केवल धूल चटा दी है बल्कि चारों खाने चित्त कर दिया है। मजीठिया वेजबोर्ड के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लगाने पर दैनिक भास्कर मैनेजमेंट ने चौधरी का डेपुटेशन के नाम पर रांची ट्रांसफर कर दिया था।
इसके खिलाफ औरंगाबाद इंडस्ट्रियल कोर्ट से चौधरी को स्टे मिल गया था। इसके बावजूद ताकत के खोखले नशे में चूर भास्कर के अहंकारी अफसरों ने चौधरी को ऑफिस में घुसने नहीं दिया और धक्के देकर बाहर कर दिया था। इससे आहत चौधरी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया था। मामले में भास्कर के वकील पिछले लगभग एक साल से तारीख पर तारीख ले रहे थे।
कुछ दिन पहले हुई सुनवाई में भी जब भास्कर के वकीलों ने तारीख लेने की कोशिश की तो हेमकांत चौधरी के वकीलों ने जोरदार विरोध करते हुए आरोपियों पर अवमानना कार्रवाई शुरू करने की अपील कोर्ट से की थी। तब कोर्ट ने बाद में आदेश जारी करने का कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी।
अंततः पिछले हफ्ते कोर्ट ने दिव्य मराठी महाराष्ट्र के सीओओ निशित जैन और सीनियर एचआर एग्जीक्यूटिव अनवर अली को अवमानना का दोषी मानते हुए दोनों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। आगामी दिनों में आरोपियों की गिरफ्तारी होगी और कोर्ट की अवमानना मामले में दोनों को तीन महीने जेल की सलाखों के पीछे काटना पड़ेंगे साथ ही 5 हजार रुपए जुर्माना भी भरना पड़ेगा। उधर, जब से इस आदेश की खबर आरोपियों और कर्मचारियों का शोषण कर रहे भास्कर प्रबंधन के दूसरे चमचों को लगी है उनके खेमे में हड़कंप मचा हुआ है। अब उन्हें भी जेल जाने का डर सता रहा है।
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