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बीते सोमवार को आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर अंधाधुध फायरिंग की, जिसमें 7 लोगों की जान चली गई, जबकि 32 लोगों सहित कई पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे है।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमले के समय बस में लगभग 60 अमरनाथ यात्री मौजूद थे। जिनको बचाने के लिए बस के ड्राइवर सलीम ने अपनी जान जोखिम में डाली।
सलीम ने अपनी जान जोखिम में डालकर बस को तेज गति में भगाया और सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। बस ड्राइवर के भाई जावेद ने बताया कि सलीम ने सुबह 9:30 बजे फोन कर फायरिंग की जानकारी दी थी, सलीम ने अपने भाई से कहा कि जब आतंकी फायरिंग कर रहे थे तब उसने गाड़ी को तेज दौड़ाया जिससे बाकी के यात्रियों की जान बच सके।
बस ड्राइवर के भाई जावेद ने यह भी कहा कि सलीम 7 लोगों की जान बचाने में असफल रहा लेकिन उसने 50 से ज्यादा जिंदगियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने भाई पर गर्व है। वहीं बस में मौजूद टूर ऑपरेटर हर्ष देसाई का कहना है, "मैंने देखा कि एक आतंकवादी बस में घुसने की कोशिश कर रहा था।
इसी दौरान हेल्पर ने उसे चलती बस से धक्का देकर बाहर धकेल दिया और बस का दरवाजा बंद कर लिया। उसकी बहादुरी से आतंकी बस में नहीं घुस पाया।"
इस हमले की सीएम मुफ्ती ने निंदा की, और वह पीड़ित श्राद्लुओं से मिलने गई।
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