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भोपाल, 05 जुलाई। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने सोमवार को प्रशासन अकादमी मे सम्पन्न ग्लोबल स्किल्स पार्क के शिलान्यास और ग्लोबल कन्सलटेशन ऑन स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आई.टी.आई. संस्थानों को दुकानदारी बताकर उसे बंद करने की दी गई चेतावनी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गत् 11 मई'2017 को ‘‘रोजगार की पढ़ाई, चले आई.टी.आई.’’ कार्यक्रम के दौरान आई.टी.आई. की वकालत और इंजीनियरिंग कॉलेजों पर जमकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि *‘‘इतने इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गये हैं कि लाखों इंजीनियर तैयार हो गये हैं।
देखता हूँ कि चपरासी की नौकरी के लिए वो लाइनों में खड़े हुए है। ऐसे इंजीनियरिंग कॉलेजों का क्या करेंगें, जहाँ से कुशल या दक्ष लोग नहीं निकलें। इसलिए मैं ऑफर देता हूँ कि इंजीनियरिंग कॉलेज बंद कर आई.टी.आई. शुरू करें’’।* इसे क्या कहा जाएगा? मात्र 53 दिनों में आई.टी.आई. की वकालत करने वाले मुख्यमंत्री जी निगाह में यह संस्थायें दुकानदार कैसे बन गई ?
आज यहाँ जारी अपने बयान में मिश्रा ने मुख्यमंत्री को कमजोर याददाश्त वाला मुखिया निरुपित करते हुए कहा कि ऐसे संबोधनों से तो यही प्रतीत होता है कि या तो सम्बन्धित नौकरशाह विषय से संबंधित वास्तविक जानकारी उन्हें नहीं देते हैं या उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है या वे अत्याधिक बोलने की बीमारी से ग्रसित होने के कारण अतीत के संबोधनों को भूल जाते हैं।
मिश्रा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि है वे मात्र 53 दिनों में ही उनके वैचारिक संबोधनों के अंतर को स्पष्ट करें, ताकि प्रदेश के एक मुखिया के अंतर्विरोधी विचारों से प्रदेश की युवा पीढ़ी दिग्भ्रमित ना हो।
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