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सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में हिंदू देवी देवताओं को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा मच गया। दरअसल सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में कहा कि 'विस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान। सियावर रामचंद्र की जय'। उनके इस बयान पर राज्य सभा में भारी हंगामा हुआ। हालांकि बाद में हंगामे के बाद नरेश अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि राम सीता के बारे में मेरा अपना बयान नहीं है मैंने दीवार पर लिखे नारे को पढ़ा। नरेश अग्रवाल के बयान को बाद में राज्यसभा की कार्रवाई से हटा दिया गया। हिंदू देवी देवताओं पर दिए नरेश अग्रवाल का बयान 'विस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान।
सियावर रामचंद्र की जय' सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्विटर पर लोगों ने हिंदू देवी देवताओं के अपमान करने पर जमकर आलोचना की तो वहीं कई लोगों चुटकी ली। ट्विटर पर रविकांत नाम के यूजर ने लिखा कि जब फेसबुक पोस्ट पर एक नाबालिग को गिरफ्तार किया जा सकता है तो सांसद नरेश अग्रवाल को क्यों नहीं?
जेटली ने नरेश अग्रवाल से पूछा, हिन्दुओं को छोड़ किसी और धर्म का अपमान करने का साहस है क्या ?
सांसद नरेश अग्रवाल से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सीधे-सीधे पूछा कि क्या उनमें हिन्दू धर्म को छोड़कर किसी और धर्म को लेकर इस तरह का बयान देने का साहस है.
जेटली ने अग्रवाल को चेतावनी दी कि अगर वो ये बयान संसद से बाहर देते तो उन पर मुकदमा हो जाता. जेटली की बात को दुहराते हुए अनंत कुमार ने कहा कि सदन में सदस्यों को मिले संरक्षण का गलत फायदा उठाकर अग्रवाल ने देश के बहुसंख्यक लोगों का अपमान किया है.
मॉब लिंचिंग पर राज्यसभा में बहस के दौरान सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा था कि कुछ लोग हिंदू धर्म के ठेकेदार हो गए हैं. उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान हम जेल गए थे. उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जेल की दीवारों पर चार पक्तियां लिखी थीं."
नरेश अग्रवाल ने जैसे ही हिन्दू देवी-देवताओं की शराब से तुलना करने वाली विवादित लाइन पढ़ीं वैसे ही राज्यसभा में बीजेपी नेताओं ने जोरादार हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी नेताओं ने इस दौरान नारा लगाना शुरू कर दिया कि श्री राम का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान.
बीजेपी सांसदों के हंगामे के बीच उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि वो बयान को देखेंगे और तय करेंगे कि उसे कार्यवाही से बाहर निकाला जाए या नहीं. इस पर मुख्तार अब्बास नकवी उठे और उन्होंने कहा कि जब तक उपसभापति नरेश अग्रवाल का विवादित बयान देख नहीं लेते और उसे सदन की कार्यवाही से निकाल नहीं देते, सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाए.
नरेश अग्रवाल से माफी की मांग को लेकर बीजेपी सांसदों के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. बाद में विवाद बढ़ता देख नरेश अग्रवाल ने अपने बयान को वापस ले लिया और उसके लिए खेद जताया लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया. अग्रवाल के खेद जताने के बाद उनका बयान राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है.
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