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संत आसाराम और उनके भक्तों के लिए खुशखबरी है क्योंकि नाबालिक छात्रा के दुष्कर्म के आरोप में सजा काट रहे आसाराम को गुरुवार को एडीजे कोर्ट से आंशिक राहत मिली है, एडीजे कोर्ट ने आसाराम को IPC की धारा 384 एवं 66A आईटी एक्ट से बरी कर दिया है. जानकारी के लिए बता दें कि आसाराम के खिलाफ नाबालिक छात्रा के दुष्कर्म के आरोप के साथ साथ पुलिस के खिलाफ दुष्प्रचार करने एवं धमकाने का भी आरोप लगा था और इसी के तहत उनपर IPC की धारा 353, 355, 384, 117, 189, 120 एवं आईटी एक्ट की धारा 66A के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उदयमीर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी हरजीराम ने आसाराम के खिलाफ पुलिस को धमकाने एवं दुष्प्रचार का मामला दर्ज किया था, पुलिस ने इस मामले में आसाराम के खिलाफ IPC की धारा 353, 355, 384, 117, 189, 120 एवं आईटी एक्ट की धारा 66A में जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या तीन की अदालत में चालान पेश किया था.
मजिस्ट्रेट ने चालान पेश होने के बाद आईपीसी की धारा 384 के तहत आसाराम को तलब किया था जिसके खिलाफ आसाराम के पक्ष ने एडीजे कोर्ट संख्या 6 में निगरानी याचिका पेश की थी. आसाराम की तरफ से एडीजे कोर्ट में अधिवक्ता नीलेश वोहरा एवं गोकुलेश बोहरा ने पैरवी की, जबकि सरकार की तरफ से सरकारी वकील नरेश मूलचंदानी ने पक्ष रखा,
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आसाराम को आंशिक राहत देते हुए उन्हें IPC की धारा 384 एवं 66A आईटी एक्ट से बरी कर दिया, अब आसाराम के खिलाफ महानगर मजिस्ट्रेट संख्या तीन के सपक्ष आईपीसी की धारा 353, 355, 117, 189 एवं 120 के तहत ही मुकदमा चलेगा और इन मामलों में भी बरी होने की संभामना है.
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