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भोपाल, 14 जुलाई। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने पूर्व संसदीय कार्यमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा की विधासभा की सदस्यता को लेकर वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया द्वारा गुरूवार को राज्य मंत्रि-परिषद के बाद प्रेस ब्रीफ्रिंग के दौरान दिये गये उस वक्तव्य को असंवैधानिक निरूपित किया है, जिसमें उन्होंने श्री नरोत्तम मिश्रा का बचाव करते हुए यह कहा, कि अभी तक कोर्ट का फैसला नहीं आया है कि ‘‘नरोत्तम विधानसभा सदस्य नहीं हैं,
नरोत्तम यदि विधायक या विधानसभा के सदस्य न भी रहे, तो 6 माह तक मंत्री रह सकते हैं।’’ उनका यह कथन संवैधानिक व्यवस्था के तहत गठित भारत के निर्वाचन आयोग के उस निर्णय की सीधी तौर पर अवमानना है, जिसमें आयोग ने न केवल श्री नरोत्तम मिश्रा के निर्वाचन को शून्य घोषित किया है, बल्कि उन्हें आगामी तीन वर्षों के लिए निर्वाचन हेतु अयोग्य भी घोषित कर दिया है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री मिश्रा ने श्री मलैया को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (1बी) के अध्ययन किये जाने की सलाह का आग्रह करते हुए कहा है कि इस अनुच्छेद में वर्णित व्यवस्था के अनुरूप यदि कोई व्यक्ति विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो वह स्वमेव ही मंत्री पद के भी अयोग्य हो जाता है। इस लिहाज से वित्तमंत्री का कथन संवैधानिक व्यवस्था की अवमानना व उनके अंहकार को दर्शित करने वाला है, क्योंकि अनुच्छेद के उक्त प्रावधानों के तहत कोई ‘‘अयोग्य’’ घोषित व्यक्ति बिना विधानसभा के सदस्य 6 माह तक मंत्री पद पर काबिज कैसे रह सकता है? जबकि वह आगामी तीन वर्षों तक विधायक बनने की योग्यता ही धारित नहीं करता।
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