क्राइम रिपोर्टर // असलम खान(शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
क्राइम रिपोर्टर से सम्पर्क : 9407170100
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शहडोल । संभागीय एवं जिला मुख्यालय के प्रमुख शाखा गांधी चौक में स्थित भारतीय स्टेट बैंक में पदस्थ कर्मचारी एवं अधिकारियों की तानाशाह रवैये से आम उपभोक्ता परेशान रहता है। कई घंटों कतार मे लगे रहने के बाद भी जब लेन-देन का अवसर मिलता है तो संबंधित कर्मचारी या तो चाय पीने चला जाता है या फिर नियमों का उदाहरण देकर किसी अन्य अधिकारी के पास जाने को कह देता है। लेनदेन के काउण्टर इतने कम हैं कि यदि ग्राहक बैंक में लेनदेन करने चला गया तो उसका सारा दिन समाप्त हो जाता है और वह अन्य कोई कार्य नही कर पाता। बैंक के कर्मचारियों की बात व्यवहार इतना गंदा है कि किसी भी ग्राहक से सीधे मुंह बात नहीं करते न ही उचित सलाह देते बल्कि यह कहते सुने जाते हैं कि हम बुलाने नहीं जाते लोग खुद चलकर आते हैं। चूंकि देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा बैंक होने के नाते शासकीय एवं गैर शासकीय व निजी खाता धारकों की संख्या इतनी अधिक है कि बैंक अथवा बैंक कर्मचारी ग्राहक को अहमियत नहीं देते। छोटी-मोटी त्रुटि या भूल जो कि बैंक प्रबंधन के क्षेत्राधिकार की होती है उसे भी कर्मचारी एवं प्रबंधक महोदय सुलझाने का प्रयास नहीं करते बल्कि ग्राहक को अनाप-शनाप बकने में भी नहीं चूकते। चाहे ग्राहक का ट्रान्जेक्शन कितना भी हो। इसका नतीजा साफ दिख रहा है कि हाल ही मे खुले प्रायवेट बैंको में खाताधारकों की होड़ लगी है जहां उन्हे ससम्मान सुविधा के साथ लेनदेन का अवसर मिल रहा है। कई बार तो बैंक के कर्मचारी अपने प्रबंधक की बातों को भी नकार देते हैं इनके होैंसले इतने बुलंद है कि इन्हें ग्राहक ग्राहक नहीं बल्कि उधार मांगने वाला भिखारी नजर आता है। आम खाताधारकों से पूछा जाए तो वह बैंक की कार्यप्रणाली से दुखी हैं मजबूर होकर किन्ही कारणों से वह अन्य बैंकों में अपने खाता का स्थानान्तरण नहीं करा पा रहे हैं। वहीं दूुसरी ओर किराया का मकान तो ले लिया गया है परंतु बिना अधिग्रहण के ही लाखों रूपए मासिक किराया दिया जा रहा है। इसमें कहां किसकी उदासीनता है यह भी जांच का विषय है।
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