प्रतिनिधि//सावित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
toc news internet channel
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 85581
toc news internet channel
अशोक नगर। पिछले 4 महीने पूर्व मुंगावली में एक बच्चे की झोलाछाप डाक्टर द्वारा किए जा रहे इलाज के दौरान हुई मौत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस मामले में मृत बच्चे के परिजनों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन देकर तत्काल कार्रवाई की मांग की हैं। जिलेभर में झोलाछाप डाक्टरों की लापरवाही के चलते कई लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता हैं। वहीं इसके चलते कई लोगों की मृत्यु तक हो जाती हैं। जिलेभर में प्रशासन द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण इसका खामियाजा आमजन को भुगतना पडता हैं। इसमें गौर करने वाली बात यह हैं कि शासन द्वारा आयुर्वेदिक यूनानी, होम्योपैथिक एवं एलोपैथी द्वारा शासन द्वारा मान्य शिक्षण संस्थाओं से प्रशिक्षित होने के पश्चात ही किसी निजी, शासकीय अस्पताल में लगकर या क्लीनिक खोलकर इलाज कर सकता हैं। इसक बाबजूद भी दिनो-दिन जिले में ऐसे डाक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। मुंगावली के मातापुर मोहल्ला निवासी राजकुमार सेन का डेढ़ वर्ष का पुत्र कार्तिक को बुखार आया था। तभी 15 नवम्बर 2010 को इलाज कराने पति-पत्नि स्टेशन रोड स्थित एक डाक्टर के पास ले गई। वहां डाक्टर द्वारा कार्तिक का इलाज शुरू किया और कहा कि आपका पुत्र जल्द ठीक हो जाएगा। उक्त डाक्टर द्वारा 4-5 दिन तक इलाज चलता रहा, लेकिन हालत मेें सुधार नहीं आया। इस पर डाक्टर से बात की तो उन्होने कहा कि घबराओ नहीं में इसका इलाज कर रहा हॅंू, यह ठीक हो जाएगा। बच्चे के दांत आ रहे हैं, इसलिए ज्यादा बीमार दिख रहा हैं। पांच दिन बाद कार्तिक की स्थित और गंभीर हो गई। बच्चे ने रोना बंद कर दिया तो माता-पिता डाक्टर के यहां पहुंचे। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार अस्पताल में डाक्टर दिनेश त्रिपाठी ने बच्चे को देखकर मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मृत्यु निजी क्लीनिक में ही हो चुकी थी। जिसकी शिकायत बच्चे के पिता ने मुंगावली थाने में की और आज तक उक्त डाक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
No comments:
Post a Comment