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यूं तो भारत राजा महाराजों का देश रहा है जहां बहुत से अलग अलग राजा हुए, कई राजा आज भी लोगों को याद हैं और कुछ के बारे में बहुत से लोग जानते तक नहीं. राजाओं के अलग अलग शौक भी हुआ करते थे. ऐसे ही पटियाला के राजा भुपिंदर सिंह अपनी रंगीन मिजाजी के लिए मशहूर रहे. इस रंगीन मिजाजी के सच्चे किस्से आपको चौंका देंगे. पटियाला के इन महाराजा की गतिविधियों का ज्रिक महाराजा भूपिंदर सिंह के दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब महाराजा में किया है.
आपको बता दें कि राजा साहब ने पटियाला में लील भवन या रंगरलियों का महल बनवाया था. जहां केवल निर्वस्त्र लोगों को ही प्रवेश मिलता था. यह महल पटियाला शहर में भूपेंद्र नगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के करीब बना हुआ है. महल का एक खास कमरा महाराजा के लिए रिजर्व था. कमरे की दीवारों पर चारों तरफ बने चित्रों में सैकड़ों तरह से आसनों में प्रेम क्लाप में डूबे औरत-पुरुष को दिखाया गया है. कमरे को हिन्दुस्तानी ढंग से सजाया गया है. फर्श पर कीमती जवाहरात जड़े मोटे-मोटे कालीन बिछे हैं. महाराजा के भोग विलास का पूरा साजा सामान मौजूद है.
महाराजा ने महल के बार एक स्विमिंग पूल बनवाया था. पूल इतना बड़ा था कि 150 मर्द-औरत एक साथ नहा सकें. यहां बड़ी शानदार पार्टियां होती थीं. पार्टियों में सभी निर्वस्त्र होकर शामिल होते थे. इन पार्टियों में राजा अपनी प्रेमिकाओं को बुलाते थे जो उनके कुछ खास दोस्तों के साथ नहाती थी. इस पार्टी में उनके राज्य के अंग्रज अधिकारी, उनकी पत्नियां और अन्य अंग्रेज देसी महिलाएं शामिल होती थीं. दीवान जरमनी दास ने महाराजा, महारानी नामक बेस्ट सेलर बुक्स लिखी हैं जिनमें उन्होंने खुल कर बताया है कि इस अवसर पर क्या होता था.
महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म पटियाला में 12 अक्टूबर 1891 को मोती बाग पैलेस, पटियाला में हुआ था. पिता महाराजा राजिंदर सिंह की मौत के बाद राज्य के शासक भूपिंदर सिंह बने और उन्होंने 38 वर्षां तक राज्य किया. सिख परिवार में पैदा हुए इस शासक के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 10 से अधिक बार शादी की और एक अनुमान के अनुसार उनके 88 बच्चे हुए थे.
यूं तो भारत राजा महाराजों का देश रहा है जहां बहुत से अलग अलग राजा हुए, कई राजा आज भी लोगों को याद हैं और कुछ के बारे में बहुत से लोग जानते तक नहीं. राजाओं के अलग अलग शौक भी हुआ करते थे. ऐसे ही पटियाला के राजा भुपिंदर सिंह अपनी रंगीन मिजाजी के लिए मशहूर रहे. इस रंगीन मिजाजी के सच्चे किस्से आपको चौंका देंगे. पटियाला के इन महाराजा की गतिविधियों का ज्रिक महाराजा भूपिंदर सिंह के दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब महाराजा में किया है.
आपको बता दें कि राजा साहब ने पटियाला में लील भवन या रंगरलियों का महल बनवाया था. जहां केवल निर्वस्त्र लोगों को ही प्रवेश मिलता था. यह महल पटियाला शहर में भूपेंद्र नगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के करीब बना हुआ है. महल का एक खास कमरा महाराजा के लिए रिजर्व था. कमरे की दीवारों पर चारों तरफ बने चित्रों में सैकड़ों तरह से आसनों में प्रेम क्लाप में डूबे औरत-पुरुष को दिखाया गया है. कमरे को हिन्दुस्तानी ढंग से सजाया गया है. फर्श पर कीमती जवाहरात जड़े मोटे-मोटे कालीन बिछे हैं. महाराजा के भोग विलास का पूरा साजा सामान मौजूद है.
महाराजा ने महल के बार एक स्विमिंग पूल बनवाया था. पूल इतना बड़ा था कि 150 मर्द-औरत एक साथ नहा सकें. यहां बड़ी शानदार पार्टियां होती थीं. पार्टियों में सभी निर्वस्त्र होकर शामिल होते थे. इन पार्टियों में राजा अपनी प्रेमिकाओं को बुलाते थे जो उनके कुछ खास दोस्तों के साथ नहाती थी. इस पार्टी में उनके राज्य के अंग्रज अधिकारी, उनकी पत्नियां और अन्य अंग्रेज देसी महिलाएं शामिल होती थीं. दीवान जरमनी दास ने महाराजा, महारानी नामक बेस्ट सेलर बुक्स लिखी हैं जिनमें उन्होंने खुल कर बताया है कि इस अवसर पर क्या होता था.
महाराजा भूपिंदर सिंह का जन्म पटियाला में 12 अक्टूबर 1891 को मोती बाग पैलेस, पटियाला में हुआ था. पिता महाराजा राजिंदर सिंह की मौत के बाद राज्य के शासक भूपिंदर सिंह बने और उन्होंने 38 वर्षां तक राज्य किया. सिख परिवार में पैदा हुए इस शासक के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 10 से अधिक बार शादी की और एक अनुमान के अनुसार उनके 88 बच्चे हुए थे.
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