क्राइम रिपोर्टर// लखनलाल (कटनी// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी . पुलिस प्रशासन के क्या कहने, इन्हें तो जैसे शासन से लाइसेन्स प्राप्त हो गया हो, कि दबंगो को कोदवाली में संरक्षण देने को रहता है, इसी वजह से आरोपी एवं दबंग व्यक्ति सीना तान कर कोतवाली में आते है और सीना तानकर बाहर निकल जाते है, कुर्सियां मुहैया कराई जाती है! आवेदक को धुतकार एवं तिरष्कार मिलता है! रविवार की सुबह कोतवाली में इसी तरह घटना घटी! जिला कोतवाली अंतर्गत रफी अहमद किदवई वार्ड प्रेमनगर निवासी पारो बाई वंशकार पति शिवनाथ वंशकार के साथ ऐसा ही हुआ! सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार करीब 11 बजे रिपोर्ट लिखवाने आई तो उसकी कोई सुनने को तैयार नहीं था,ना ही संातवना देने वाला था। महिला कोतवाली गेट के पास खड़े थक गई, एवं चक्कर खा कर गिर गई मौके में आवेदक महिला के साथ उसके परिजन साथ मे थे जो महिला को लेकर जिला चिकित्सालय पहूॅये एवं महिला पारो बाई वंशकार का ईलाज करवाया है एक घंटे बाद महिला को होश आया इससे साफ जाहिर होता है पुलिस प्रशासन कहा तक संवेदनशील है। किस हद तक अपने काम के प्रति सजक है। ये है मामला रफी अहमद किदवई वार्ड प्रेम नगर तिलक कॉंलेज में रहने वाले शिवनाथ वंशकार परिवार का पालतु जानवर शीलचंद वश्कार के घर घुस गया तथा घर का समान फै ला दिया।
शीलचंद घर की स्थिति देखकर आग बबूला हो गया तथा जानवर को पहचान कर मुकेश वंशकार एंव सुनील को लेकर शिवनाथ के घर पहुॅंचा शिवनाथ घर पर नहीं था घर में शिवनाथ की पत्नि पारो बाई वंशकार मिली जिससे शीलचंद एवं उसके सहयोगी मुकेश एवं सुनील ने बाली गलोच करते हुये बेरहमी से मार पीट की। बावजूद उसके गाली गलोच एवं मार पीट से पेट भी जब नही भरा तो घर के सामान में आग लगा दी। जब इसकी रिपोर्ट लिखवाने महिला कोतवाली पहॅुची तो उसे डांटकर फटकार वहां से भगा दिया गया। उसकी रिपोर्ट भी नही लिखी गई जबकि आवेदक महिला रो-रोकर अपनी व्यथा सुना रही थी उसकी सुनने वाला कोई नही था उस महिला का रो रो कर बुराहाल था इससे साफ जाहिर होता है कि थाना प्रभारी डी.एल. तिवारी ने अपने सिपाहियो को इतनी छूट दे रखी है। कि सिपाही खुले आम किसी से भी अभद्रता करते नजर आते है।
निर्देशो को दिखाते है ठेंगा
पुलिस प्रशासन महिने दो महिनें मे मीटिंग भी होती है। उस पर उच्चाधिकारी साफ तौर पर बताते है कि मुजरिम एवं फरियादी से फरियाद को अच्छे से सुना जाये एवं उनके साथ शालीनता से पेश आये किन्तु सिपाही कर्मियों को इन निर्देशो को ठेंगा दिखाते रहते है यही वजह है कि मुजरिम शान से कहता है मेरा कुछ नही होना वहां अपनी बड़ी जान पहचान हो जाओ और मेरे नाम कि रिपोर्ट लिखवा दो होना कुछ भी नही। इसी तरह की घटना मारपीट की 28/10/11 को नई बस्ती में मकान मालिक एवं किरायेदार के बीच हुई थी कोतवाली मे एक तरफ केस किरायेदार पर बनाया गया था जब भी फरियादी एडिशनल एस. पी. अमित सांधी के पास अपनी फरियाद सुनाई और का हस्ताक्षर इस मामले में हुआ तो उसके बाद स्वयं टी.आई. डी.एल. तिवारी ने रोजनामचे दोनों पक्ष पर मामला कायम कर काउन्टर केस बनाया। आखिर ये सब कब तक चलता रहेगा और सामने वाला पावरफुल या पैसो से सम्पन्न नही है तो इनकी और ध्यान भी नही दिया जाता है और कोई सुनवाई भी नही होती हैं
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