मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता
में सम्पन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में 'मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना' को
सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। योजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने
निवास पर वृद्धजन पंचायत में की थी। योजना में सभी धर्मों और समुदायों के
व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार किसी भी धर्म-स्थल की यात्रा कर सकते हैं। इस
कार्य के लिये धार्मिक-न्यास एवं धर्मस्व विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त
किया गया है।
योजना के नियम आदि निर्धारण करने के लिये एक उप-समिति
के गठन का निर्णय लिया गया, जो एक सप्ताह के भीतर यह कार्य पूरा कर लेगी।
समूह आवेदनों को प्राथमिकता दी जायेगी। प्रतिवर्ष न्यूनतम एक लाख लोगों को
योजना का लाभ दिया जायेगा।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास नीति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में युवाओं को अधिक से अधिक
रोजगार योग्य बनाने के उद्देश्य से तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास नीति को
सैद्धांतिक स्वीकृति दी। नीति का उद्देश्य प्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं
व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रणाली की उत्तरोत्तर उन्नति के लिये समर्थ वातावरण
उपलब्ध करवाना है। इसमें तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का विस्तार
करने के लिये उपयुक्त कदम उठाये जायेंगे। विद्यालय छोड़ चुके, वर्तमान में
कार्यरत श्रमिकों, बाल-श्रमिकों तथा ऐसे श्रमिकों को प्रशिक्षण एवं
प्रमाणीकरण के अवसर उपलब्ध करवाये जायेंगे, जो पूर्व से ही अनौपचारिक रूप
से प्रशिक्षण प्राप्त कर कार्य कर रहे हैं। परस्पर हितों के लिये तकनीकी
शिक्षण संस्थाओं के उद्योगों से लिंकेज को और मजबूत बनाया जायेगा। उद्योगों
की जरूरत के मुताबिक निरंतर पाठ्यक्रमों के माध्यम से कौशल उन्नयन तथा नये
उभरते क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाये जायेंगे।
विद्यार्थियों को विश्व-स्तरीय कौशल प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया
जायेगा और समाज के सभी वर्गों को शामिल करते हुए बिना किसी लिंग भेद के
कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाये जायेंगे।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के अंतर्गत संचालित
प्रमाण-पत्र, पत्रोपाधि एवं स्नातकोत्तर स्तर के सभी पाठ्यक्रम यथा एम.ई.,
एम. फार्मा, एम.टेक, पी.एच.डी., एम.बी.ए., बी.ई., बी.फार्मा, एम.सी.ए., डी.
फार्मा, तकनीकी और गैर-तकनीकी संकायों में डिप्लोमा, आई.टी.आई. में
संचालित ट्रेड्स, कौशल विकास केन्द्रों एवं वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाइडर्स
के माध्यम से अल्पावधि पाठ्यक्रम आदि तथा उन्हें संचालित करने वाली सभी
संस्थाएँ नीति के कार्यक्षेत्र में शामिल होंगी।
इस नीति के जरिये औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में
गुणात्मक सुधार किया जायेगा और जिन विकासखण्डों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर
नहीं हैं, वहाँ उनकी स्थापना की जायेगी।
सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी
लिमिटेड में कम्पनी कैडर के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60
वर्ष करने का निर्णय लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि मध्यप्रदेश राज्य
विद्युत मण्डल के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के जिन कार्मिकों की
सेवाओं का अंतिम रूप से मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड में
संविलियन किया गया है, उनको यह विकल्प दिया जाये कि वे अपनी इच्छा अनुसार
60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु का विकल्प स्वीकार कर सकते हैं, परंतु चतुर्थ
श्रेणी के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु यथावत 60 वर्ष बनी रहेगी।
मुरैना-सबलगढ़ मार्ग
मंत्रि-परिषद ने मुरैना-सबलगढ़ मार्ग को बी.ओ.टी. (टोल
+ एन्यूटी) के अंतर्गत विकसित करने की स्वीकृति दी। कुल 71.864 किलोमीटर
लम्बी इस सड़क के विकास के लिये 145 करोड़ 57 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई।
इस मार्ग की कन्सेशन अवधि 15 वर्ष रहेगी। कन्सेशनायर का चयन एन्यूटी की
न्यूनतम बोली को आधार मानकर किया जायेगा। इस मार्ग पर टोल टैक्स से छूट
नियमानुसार दी जायेगी।
ई-टेण्डरिंग
मंत्रि-परिषद ने ई-टेण्डरिंग कार्य के लिये मैप-आई.टी.
के स्थान पर मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम को नोडल एजेंसी
बनाने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि निविदा प्रक्रिया में निष्पक्षता,
तेजी और पारदर्शिता बढ़ाने में ई-टेण्डरिंग प्रक्रिया का बहुत महत्वपूर्ण
योगदान है। सुशासन के क्षेत्र में यह एक अभिनव कदम है। भविष्य में इसे
ठेकेदारों के ई-पंजीयन तथा ई-पेमेंट व्यवस्था से जोड़ने तथा वर्तमान
व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित, कम खर्चीली, आधुनिक और उपयोगकर्ता के लिये
आसान बनाये जाने का भी निर्णय लिया गया।
मध्यप्रदेश में ई-टेण्डरिंग सबसे पहले लोक निर्माण,
जल-संसाधन एवं नर्मदा घाटी विकास विभाग में लागू की गई थी। वर्तमान में
मध्यप्रदेश के 62 विभाग/कार्यालय में इसका सफलता से क्रियान्वयन किया जा
रहा है। ई-टेण्डरिंग के माध्यम से 20 मार्च, 2012 तक कुल 27 लाख 61 हजार
105 करोड़ के 13 हजार 999 टेण्डर जारी किये जा चुके हैं।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय महत्व के आई.आई.टी. संस्थान
के भवन निर्माण के लिये इंदौर के ग्राम सिमरोल (तहसील महू) में आई.आई.टी.
की स्थापना के लिये किसानों से 16.315 हेक्टेयर जमीन लेकर 16.153 हेक्टेयर
शासकीय भूमि के विनिमय पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन फीस से छूट
देने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने बैतूल विकासखण्ड के ग्राम गोराखार में
उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया। यह आदिवासी बहुल विकासखण्ड
है। इस उप-केन्द्र तथा बैतूल जिले में 2 अन्य उप-केन्द्र की स्थापना के
लिये आवश्यक पदों के सृजन की मंजूरी दी गई।
मंत्रि-परिषद ने स्पाईसेस बोर्ड, भारत सरकार वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय को गुना तहसील के ग्राम मावन में 40.500 हेक्टेयर भूमि
उप-पट्टे पर आवंटित करने का निर्णय लिया। यह जमीन स्थाई पट्टे पर कतिपय
शर्तों के अधीन नि:शुल्क प्रब्याजी एवं एक रुपया वार्षिक भू-भाटक पर आवंटित
करने का निर्णय लिया। आवेदक संस्था द्वारा यह आवंटित भूमि उप-पट्टे पर
देने का अनुरोध किया गया है। अत: कतिपय शर्तों के अधीन यह जमीन उप-पट्टे पर
आवंटित की जायेगी।
मंत्रि-परिषद ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त
अधिकारी श्री एस.डी. अग्रवाल को विशेष न्यायालय अधिनियम-2011 के
क्रियान्वयन के लिये सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत गठित प्रकोष्ठ में
एक वर्ष की संविदा नियुक्ति देने का निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने मध्यम एवं लघु अवधि के विद्युत क्रय
के लिये भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में समय-समय पर हुए
संशोधनों तथा आर.एफ.पी. में निहित प्रक्रिया को पूर्व की भाँति आगे भी जारी
रखने तथा मध्यम अवधि के क्रय के लिये भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय
द्वारा जारी आर.एफ.पी. दस्तावेजों को अपनाने का निर्णय लिया। इसमें
आवश्यकता अनुसार किये जाने वाले संशोधनों के लिये नियामक आयोग से समुचित
अनुमोदन प्राप्त किया जायेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि भारत सरकार द्वारा
यदि भविष्य में लघु अवधि विद्युत क्रय के लिये दिशा-निर्देश एवं दस्तावेज
जारी किये जाते हैं तो इनका पालन राज्य में लघु अवधि विद्युत क्रय के लिये
किया जायेगा। ऐसा होने तक वर्तमान में पालन की जा रही प्रक्रिया को यथावत
रखा जायेगा।
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