नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की कथित
अश्लील सीडी भले ही सार्वजनिक नहीं हो पाई हो, लेकिन इसका असर उनके
राजनीतिक करियर पर पड़ ही गया। चारों तरफ से पड़ते दबाव के बाद सोमवार शाम
अभिषेक मनु सिंघवी ने कानून मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद
से इस्तीफा दे दिया है।
साथ ही उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता के पद से भी इस्तीफा दे दिया है। स्थायी
समिति के अध्यक्ष पद से सिंघवी का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है।
कुछ दिन पहले सोशल नेटवर्किंग साइट पर आई कथित अश्लील सीडी विवाद का
खामियाजा कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी को भुगतना ही पड़ा। हालांकि,
कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह सीडी सार्वजनिक नहीं हो पाई थी। । सिंघवी ने
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर उन्हें अपने फैसले के
बारे में सूचित किया है। इस मौके पर सिंघवी ने कहा कि चूंकि मैं पार्टी का
एक अनुशासित सिपाही हूं। मैं यह ठीक नहीं समझता कि पार्टी को इस मामले में
किसी प्रकार की असुविधा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी आरोप पूरी तरह से
निराधार और गलत हैं।
गौरतलब है कि कानून मामलों की स्थायी समिति ने ही लोकपाल बिल का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया था। सीडी जारी होने के अगले ही दिन यह खबर आई थी कि टीवी चैनल को यह कथित सीडी सौंपने वाले ड्राइवर के साथ सिंघवी का समझौता हो गया है। कोर्ट में उनके ड्राइवर ने हलफनामा भी दिया था। कोर्ट की रोक और सीडी देने वाले ड्राइवर के हलफनामे के बाद चैनल भी इस विवादित सीडी को लौटाने पर राजी हो गया था। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने संकेत दिया है कि अभिषेक सीडी मामले को संसद की आचरण या विशेषाधिकार समिति के पास ले जाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि यदि सीडी असली है तो यह आचरण समिति का मामला बनता है और अगर गढी गई है तो यह किसी सांसद के विशेषाधिकार का मामला है। सिंघवी के इस्तीफे के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार से इस बारे में संसद में जवाब तलब किया जायेगा। इसका आशय यह हुआ कि इन इस्तीफों के बाद भी कांग्रेस को मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के सत्र में विपक्ष के सवालों से जूझना पड़ सकता है। भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस प्रकरण को कास्टिंग काउच बताते हुए कहा कि हाईकोर्ट में किसी को जज बनवाने का प्रलोभन देना इस श्रेणी में आता है।
सिंघवी विवाद पर कांग्रस की अधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि ये जो भी स्थिति सामने आई उस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने ये कदम उठाया है, और मैं समझता हूं कि अभिषेक मनु सिंघवी ने सही कदम उठाया है। अगर उन्होंने अपने आप इस्तीफा दिया और पार्टी ने स्वीकार कर लिया या पार्टी ने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा, दोनों बातें ही एक है।
गौरतलब है कि कानून मामलों की स्थायी समिति ने ही लोकपाल बिल का अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया था। सीडी जारी होने के अगले ही दिन यह खबर आई थी कि टीवी चैनल को यह कथित सीडी सौंपने वाले ड्राइवर के साथ सिंघवी का समझौता हो गया है। कोर्ट में उनके ड्राइवर ने हलफनामा भी दिया था। कोर्ट की रोक और सीडी देने वाले ड्राइवर के हलफनामे के बाद चैनल भी इस विवादित सीडी को लौटाने पर राजी हो गया था। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने संकेत दिया है कि अभिषेक सीडी मामले को संसद की आचरण या विशेषाधिकार समिति के पास ले जाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि यदि सीडी असली है तो यह आचरण समिति का मामला बनता है और अगर गढी गई है तो यह किसी सांसद के विशेषाधिकार का मामला है। सिंघवी के इस्तीफे के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार से इस बारे में संसद में जवाब तलब किया जायेगा। इसका आशय यह हुआ कि इन इस्तीफों के बाद भी कांग्रेस को मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के सत्र में विपक्ष के सवालों से जूझना पड़ सकता है। भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने इस प्रकरण को कास्टिंग काउच बताते हुए कहा कि हाईकोर्ट में किसी को जज बनवाने का प्रलोभन देना इस श्रेणी में आता है।
सिंघवी विवाद पर कांग्रस की अधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी प्रवक्ता जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि ये जो भी स्थिति सामने आई उस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने ये कदम उठाया है, और मैं समझता हूं कि अभिषेक मनु सिंघवी ने सही कदम उठाया है। अगर उन्होंने अपने आप इस्तीफा दिया और पार्टी ने स्वीकार कर लिया या पार्टी ने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा, दोनों बातें ही एक है।
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