निर्मल बाबा पर लखनऊ में दर्ज़ हुई एफआईआर !
नई दिल्ली, निर्मल बाबा के लुभावने वादों से आम आदमी को ललचाने और फंसाने की तमाम घटनाओं के मद्देनज़र लखनऊ के दो बच्चों को उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरु करवाने में सफलता मिल गई है। ये बच्चे आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार डॉ नूतन ठाकुर की संताने तान्या और आदित्य हैं. लखनऊ के गोमती नगर थाने में आज पुलिस ने उनकी तहरीर पर बाबा के खिलाफ़ फर्ज़ीवाड़े का मुकद्दमा दर्ज़ कर लिया।तान्या की उम्र सोलह साल और आदित्य की उम्र तेरह साल है. दोनों ने निर्मल बाबा के तमाम कृत्यों को सामने रखते हुए थाना गोमतीनगर, लखनऊ में शिकायत की थी. प्रार्थनापत्र इन बच्चों ने मंगलवार की रात स्वयं ले जा कर थाने पर जमा करवाया था, लेकिन थानाध्यक्ष ने एफआईआर दर्ज़ करने से मना कर दिया था. थानाध्यक्ष ने तर्क यह दिया कि मामला बाहर का है इसीलिए मुक़द्दमा लखनऊ में दर्ज नहीं हो सकता.
तान्या और आदित्य ने जवाब में कहा था कि कोई भी एफआईआर पूरे हिंदुस्तान में कही भी दर्ज हो सकती है, दूसरे यह मामला तो खुद लखनऊ का है क्योंकि टीवी पर आने के नाते इसका घटनास्थल लखनऊ स्थित उनका घर है जहां टीवी पर निर्मल बाबा का दरबार हर रोज दिखाया जाता है.
हालांकि थानाध्यक्ष ने उनसे यह कह दिया था कि एफआईआर दर्ज नहीं होगा, और वे पीआईएल करने के लिए स्वतंत्र हैं. जब बच्चों ने यह कहा कि थानाध्यक्ष कम से कम इस प्रार्थनापत्र को रिसीव कर लें. इस पर थानाध्यक्ष ने प्रार्थनापत्र को रिसीव करने से भी मना कर दिया था.
यह है थाने पर दी गयी एफआईआर की कॉपी-
सेवा में,
थाना अध्यक्ष,
थाना गोमतीनगर,
जनपद- लखनऊ
विषय- श्री निर्मल बाबा के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने हेतु
महोदय,
हम तनया ठाकुर और आदित्य ठाकुर निवासी 5/426, विराम खंड, गोमतीनगर, लखनऊ संपर्क नंबर 9415534525 हैं. हमारे पिता श्री अमिताभ ठाकुर यूपी में एक आईपीएस अधिकारी हैं और माँ डॉ नूतन ठाकुर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. हम दोनों यद्यपि युवा हैं किन्तु अपनी क्षमता के अनुसार सामाजिक कार्यों में संलग्न रहते हैं. हम अन्य कार्यों के अलावा समाज में अन्धविश्वास दूर भगाने और लोगों को धार्मिक भावनाओं के आधार पर ठगने की स्थिति के विरुद्ध भी कार्य करते हैं.
हम आपके समक्ष एक ऐसा प्रकरण ले कर उपस्थित हो रहे हैं जिसमे एक व्यक्ति द्वारा सीधे-सीधे देश के लाखों लोगों को धर्म का भय दिखा कर, अपनी झूठी महत्ता दिखा कर और लोगों को बेवकूफ बना कर अपना उल्लू सीधा किया जा रहा है. इस प्रकार की हरकतों से अंधविश्वास को भारी बढ़ावा मिल रहा है, प्रगतिशील विचारों को पीछे ढकेला जा रहा है और पूरी तरह से ठगी की जा रही है.
श्री निर्मल बाबा नाम के इन कथित साधू का दरबार दिल्ली, कोलकाता, मुंबई जैसे कई बड़े शहरों में लगातार लगता रहता है. इन सभी दरबार के प्रोग्राम विभिन्न टीवी चैनलों के माध्यम से लखनऊ से ले कर पूरे देश में कई बार प्रसारित किये जाते हैं. हम दोनों ने स्वयं भी इन कार्यक्रमों को अपने विराम खंड, गोमती स्थित आवास पर देखा है.
हमने इन कार्यक्रमों में यह देखा है कि श्री निर्मल बाबा नाम से जाने जाने वाले ये व्यक्ति निरंतर अपना दरबार या समागम लगाते हैं जिनमे सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित होते हैं. इन दरबार में कई लोग अपनी अलग-अलग तरह की समस्याएं ले कर आते हैं. श्री निर्मल बाबा इन सभी समस्यायों के बहुत ही सरल, अविश्वसनीय और भ्रामक किस्म के उपाय बताते हैं. उदाहरण के लिए जब एक भक्त ने श्री निर्मल बाबा से अपनी एक समस्या कही तो उन्होंने उस व्यक्ति से पूछा कि तुम अपनी कमीज की बटन जल्दी-जल्दी खोलते हो या धीरे-धीरे. जब भक्त ने कहा कि कभी जल्दी और कभी धीरे, तो निर्मल बाबा ने उन्हें कहा कि बटन आराम से खोला करो, सब समस्या का हल को जाएगा.
इसी प्रकार से एक दूसरे मामले में समस्या से घिरे व्यक्ति से श्री निर्मल बाबा ने पूछा कि बाल कहाँ कटवाते हो. भक्त ने कहा कि नाई से. इस पर श्री निर्मल बबा ने कहा कि पार्लर में बाल कटवाना शुरू काटो, कृपा आनी शुरू हो जायेगी. गंभीर समस्याओं से घिरी बिहार की एक गरीब महिला को श्री निर्मल बाबा ने कहा कि तुम छठ पूजा करती हो. उस महिला के हाँ कहने पर पूछा कि कितने रुपये का सूप चढाती हो. महिला ने कहा कि बारह रुपये का. इस पर श्री निर्मल बाबा ने कहा कि यदि तुम तीस रुपये का सूप चढाने लगोगी तो समस्याएं स्वयं ठीक हो जायेंगी. इसी तरह एक दूसरी महिला से उन्होंने पूछा कि कितने रुपये का चढावा मंदिर में चढाती हो. महिला ने कहा कि दस रुपये का. श्री निर्मल बाबा ने हँसते हुए कहा कि दस रुपये में कहाँ से कृपा आएगी. चालीस रुपये का चढावा डालने लगो, कृपा स्वयं ही आनी शुरू हो जायेगी.
श्री निर्मल बाबा इसी प्रकार की अत्यंत सरलीकृत बातें और समाधान प्रस्तुत कर पूरे देश की गरीब, अनपढ़ जनता को ठग रहे हैं और उनके प्रति चीटिंग कर रहे हैं जो भारतीय दंड विधान की धारा 415 तथा 416 में परिभाषित हैं जिनके सम्बन्ध में आईपीसी की धारा 417, 419 के 420 के तहत दंड के प्रावधान दिये गए हैं. श्री निर्मल बाबा का यह कृत्य ठगने का अपराध इसीलिए है क्योंकि वे समागम/दरबार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से दो हज़ार रुपये की फीस लेते हैं. यह फीस इन लोगों को दरबार में आने से पहले जमा करना होता है. यह फीस दो साल से ऊपर आयु के प्रत्येक व्यक्ति पर लगता है. इसके साथ ही ये अपने आप को तीसरी आँख वाला ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त विशिष्ठ व्यक्ति बताते हैं. साथ ही वे 508 आईपीसी के भी अभियुक्त हैं क्योंकि वे ईश्वरीय नाराजगी का भय दिखा कर भी लोगों को गलत सही समाधान देते हैं और इसके बदले पैसे ऐंठ रहे हैं.
श्री निर्मल बाबा की ठगी इस बात से भी साबित हो जाती है कि मीडिया की खबरों के मुताबिक़ स्वयं श्री निर्मल बाबा का सवा करोड रुपये का बैंक को दिये चेक की हूबहू कॉपी बना कर एक व्यक्ति ने लुधियाना में उनके बैंक अकाउंट से सवा करोड रुपये निकाल लिए. यह इस बात को सिद्ध करता है कि जो व्यक्ति अपने एकाउंट की रक्षा नहीं कर सकता, उसके बताए इन सरल उपायों से भला किसका लाभ हो सकता है.
मीडिया की खबरों के अनुसार श्री निर्मल बाबा का असल नाम श्री निर्मलजीत सिंह नरूला पुत्र श्री एस एस नरूला है. ये झारखण्ड के वरिष्ठ राजनेता और लोक सभा सांसद श्री इन्दर सिंह नामधारी के सगे साले बताए जा रहे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि श्री निर्मल बाबा पूर्व में चूना पत्थर, ठेकेदारी जैसे कई काम कर चुके हैं और उनमे असफल रहे. तब जा कर उन्होंने यह कार्य शुरू कर दिया. स्वयं श्री इन्दर सिंह नामधारी का मीडिया में यह कथन आया है कि वे खुद कई बार श्री निर्मल को यह सलाह दे चुके हैं कि वे लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करें पर श्री निर्मल इन सलाहों को नहीं मानते हैं. इन खबरों के अनुसार श्री नामधारी तक श्री निर्मल के इन कथित चमत्कारों से इत्तेफाक नहीं करते और उन्हें ढोंग बताते हैं.
मीडिया में तो यहाँ तक खबर आई है कि सुश्री निधि नामक एक जूनियर आर्टिस्ट, जो कई सारे टीवी सीरियल में काम कर चुकी है, ने यह कहा है कि अपने प्रारंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए श्री निर्मल बाबा नोयडा फिल्मसिटी स्थित स्टूडियो में अपने प्रोग्राम की शूटिंग कराते थे. उस वक्त उनके सामने जो लोग अपनी समस्या ले कर उपस्थित दिखाए जाते थे वे असल लोग नहीं हो कर जूनियर आर्टिस्ट हुआ करते थे. सुश्री निधि के अनुसार वे स्वयं इन प्रोग्राम में दस हज़ार रुपये रोज के हिसाब से काम कर चुकी हैं. उनका यह कहना है कि शुरू में श्री निर्मल बाबा अपने लोगों और जूनियर आर्टिस्ट से ही प्रश्न पुछवाया करते थे.
श्री निर्मल बाबा के सारे कार्यक्रम, जो लखनऊ में हमारे आवास पर भी टीवी के माध्यम से प्रदर्शित होते हैं, में उनके द्वारा बहुत सरल, मूर्खतापूर्ण तरीके से बहुत ही गंभीर समस्याओं का समाधान बताया जाता है. उनके द्वारा यह दावा किया जाता है कि उनके पास एक तीसरी आँख है और उन्हें ईश्वरीय आशीर्वाद है. वे इस नाम पर तमाम गंभीर बीमारियों तक का बहुत ही सरल उपाय बताते रहते हैं जो सीधे तौर पर धोखाधड़ी है. इस तरह ईश्वर का नाम ले कर लोगों को ठगना एक गंभीर अपराध है. मैंने जो जानकारी हासिल की है उसके अनुसार यह सब धारा 417, 419, 420, 508 आईपीसी में अपराध है.
अतः हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस प्रार्थना पत्र के अनुसार उपयुक्त धाराओं में नियमानुसार आपराधिक मुक़दमा पंजीकृत कर विवेचना करने की कृपा करें.
भवदीय,
तान्या ठाकुर
आदित्य ठाकुर
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