ब्यूरो प्रमुख // मनीष साहू 'बन्टी' (नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9424995001
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नरसिंहपुर. मप्र की सरकार चाहती है कि कृषक योजनाओं का लाभ लेकर कृषि को लाभ का धंधा बनाये जिससे उनकी दशा और दिशा में बदलाव हो इस हेतु शासकीय उद्यनिकी को दायित्व सौंपे गये हैं पर यहां पदस्थ अधिकारी कर्मचारी शासकीय योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उद्यानिकी व्यवसाय से जुड़े कृषकों को प्रशिक्षण तो दूर की बात है उन्हें अधिकारी कर्मचारी ही नहीं मिलते हैं। उक्ताशय का आवेदन मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर संजीव ङ्क्षसह को दिया गया है। आवेदकों का आरोप है कि ग्राम बोहानी के शासकीय निकुंज में अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और शासकीय योजनाओं को चूना लगा रहे हैं। जिसकी उच्चस्तरीय जांच होना चाहिए।
आरटीआई में कांट-छांट
आवेदन में आवेदकों का कहना है कि यहां पदस्थ कर्मचारी कार्यालय से नदारद पाये जाते हैं वहीं सूचना अधिकार के तहत मंागी गई जानकारी में कांट छांट गोले लगाकर जानकारी में गोलमटोल किया गया है तथा कार्य दिनांक का उल्लेख भी नहीं किया गया है। इसके अलावा वृक्षारोपण के नाम पर प्रति हेक्टेयर 1 लाख 25 हजार 5 सौ की राशि व्यय की गई जिसमें 1255 रूपये की दर से पौधे रोपने का व्यय दर्शाया गया है।
भूमि 25 और वृक्षारोपण 41 एकड़ में
एक जानकारी के मुताबिक नर्सरी के पास कुल 45 एकड़ जमीन है जिसमें उद्यानिकी के लिए 25 एकड़ भूमि दर्शायी गई है। विभागीय रिकार्ड के अनुसार 41 एकड़ से अधिक जगह में विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्य किया गया है लेकिन यह कागजों तक ही सीमित है। इस संबंध में विभाग का कहना है कि हमने वृक्षारोपण किया पर पौधे सूख गये।
नर्सरी में कहां क्या है
उक्त भूमि पर वर्ष 2008-09 में आम तथा अमरूद के 200 पौधे 5 एकड़ में लगाये गये थे इसके बाद आंवले का वृक्षारोपण 15 एकड़ में 7 लाख 53 हजार रूपये की लागत से किया गया और रतनजोत के पौधे 2 हजार 4 सौ 76 मीटर की लंबाई में 3 लाख 87 हजार की लागत से लगाये गये हैं वहीं आम का वृक्षारोपण 15 एकड़ में तथा रतनजोत के पौधे 824 मीटर लंबाई में 8 लाख 79 हजार रूपये की लागत से पौधारोपण किया गया है। वहीं वर्तमान में अनार का वृक्षारोपण 5 एकड़ में कर 475 पौधे लगाये गये हैं जो अब उचित देखरेख के अभाव में सूखने लगे हैं।
कहां गया 45 लाख
संजय निकुंज उद्यानिकी विभाग बोहानी में वर्ष 08-09 में अलग-अलग मदों से एमजीएनआरईजीएस योजना के अंतर्गत 45 लाख 96 हजार 2 सौ 66 रूपये स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से बारवेट फेसिंग संरक्षण दीवार एवं वृक्षारोपण में 3 करोड़ 33 लाख 1 हजार रूपये, 1430 नग पोल निर्माण मेें 3 लाख 57 हजार रूपये की लागत दर्शायी गई है जबकि बाजार में पोल की वास्तविक कीमत 130-200 रूपये के मध्य है। वहीं वर्ष 09-10 में नर्सरी के लिए एक सीमेंट सडक़ भी स्वीकृत हुई थी जिसकी कार्य एजेंसी सहायक संचालक उद्यानिकी नरङ्क्षसहपुर हैं। इस सडक़ को 95 हजार 7 सौ रूपये की लागत से बनाया जाना था जो नर्सरी में कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
अभी कारनामे और भी हैं
संजय निकुंज बोहानी सहित सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की हदों को पार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक चारा कटाई के नाम पर लाखों की हेराफेरी की बात सामने आ रही है तो वहीं विभाग द्वारा वर्मीकम्पोस्ट योजना सहित कृषक प्रशिक्षण व भ्रमण योजना में भी व्यापक फर्जीवाड़ा किया गया है।
आरटीआई में कांट-छांट
आवेदन में आवेदकों का कहना है कि यहां पदस्थ कर्मचारी कार्यालय से नदारद पाये जाते हैं वहीं सूचना अधिकार के तहत मंागी गई जानकारी में कांट छांट गोले लगाकर जानकारी में गोलमटोल किया गया है तथा कार्य दिनांक का उल्लेख भी नहीं किया गया है। इसके अलावा वृक्षारोपण के नाम पर प्रति हेक्टेयर 1 लाख 25 हजार 5 सौ की राशि व्यय की गई जिसमें 1255 रूपये की दर से पौधे रोपने का व्यय दर्शाया गया है।
भूमि 25 और वृक्षारोपण 41 एकड़ में
एक जानकारी के मुताबिक नर्सरी के पास कुल 45 एकड़ जमीन है जिसमें उद्यानिकी के लिए 25 एकड़ भूमि दर्शायी गई है। विभागीय रिकार्ड के अनुसार 41 एकड़ से अधिक जगह में विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्य किया गया है लेकिन यह कागजों तक ही सीमित है। इस संबंध में विभाग का कहना है कि हमने वृक्षारोपण किया पर पौधे सूख गये।
नर्सरी में कहां क्या है
उक्त भूमि पर वर्ष 2008-09 में आम तथा अमरूद के 200 पौधे 5 एकड़ में लगाये गये थे इसके बाद आंवले का वृक्षारोपण 15 एकड़ में 7 लाख 53 हजार रूपये की लागत से किया गया और रतनजोत के पौधे 2 हजार 4 सौ 76 मीटर की लंबाई में 3 लाख 87 हजार की लागत से लगाये गये हैं वहीं आम का वृक्षारोपण 15 एकड़ में तथा रतनजोत के पौधे 824 मीटर लंबाई में 8 लाख 79 हजार रूपये की लागत से पौधारोपण किया गया है। वहीं वर्तमान में अनार का वृक्षारोपण 5 एकड़ में कर 475 पौधे लगाये गये हैं जो अब उचित देखरेख के अभाव में सूखने लगे हैं।
कहां गया 45 लाख
संजय निकुंज उद्यानिकी विभाग बोहानी में वर्ष 08-09 में अलग-अलग मदों से एमजीएनआरईजीएस योजना के अंतर्गत 45 लाख 96 हजार 2 सौ 66 रूपये स्वीकृत किये गये हैं जिनमें से बारवेट फेसिंग संरक्षण दीवार एवं वृक्षारोपण में 3 करोड़ 33 लाख 1 हजार रूपये, 1430 नग पोल निर्माण मेें 3 लाख 57 हजार रूपये की लागत दर्शायी गई है जबकि बाजार में पोल की वास्तविक कीमत 130-200 रूपये के मध्य है। वहीं वर्ष 09-10 में नर्सरी के लिए एक सीमेंट सडक़ भी स्वीकृत हुई थी जिसकी कार्य एजेंसी सहायक संचालक उद्यानिकी नरङ्क्षसहपुर हैं। इस सडक़ को 95 हजार 7 सौ रूपये की लागत से बनाया जाना था जो नर्सरी में कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
अभी कारनामे और भी हैं
संजय निकुंज बोहानी सहित सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार की हदों को पार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक चारा कटाई के नाम पर लाखों की हेराफेरी की बात सामने आ रही है तो वहीं विभाग द्वारा वर्मीकम्पोस्ट योजना सहित कृषक प्रशिक्षण व भ्रमण योजना में भी व्यापक फर्जीवाड़ा किया गया है।
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