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पटना। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर बेनामी संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने लालू प्रसाद के पुत्र और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव पर औरंगाबाद में 20 वर्ष की उम्र में 45 डिसमिल जमीन खरीदने और उसका विवरण चुनाव आयोग के हलफनामे में नहीं देने का आरोप लगाया। इधर, राजद के नेताओं ने भी मोदी पर पलटवार करते हुए उनके सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
मोदी ने पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तेजप्रताप ने वर्ष 2010 में औरंगाबाद में सात लोगों से 53़34 लाख रुपये भुगतान कर 45़24 डिसमिल जमीन ली। इस जमीन को मध्य ग्रामीण बैंक, औरंगाबाद के पास गिरवी रख 2012 में 2़29 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त किया गया।
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उन्होंने आरोप लगाया है कि बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के वक्त तेजप्रताप ने चुनाव आयोग को दिए जाने वाले हलफनामे में इस संपत्ति का जिक्र नहीं किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एकबार फिर ऐसे मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग की है।
इधर, राजद ने भी सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए उन पर ही बेनामी संपत्ति का मालिक होने का आरोप लगाया है। राजद के प्रवक्ता मनोज झा एवं प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने शुक्रवार को कहा कि मोदी के सभी आरोप मनगढंत एवं झूठे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी हमारी ही सूचना को गलत तरीके से पेश कर हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं।
राजद नेता ने कहा, “हमलोग उन्हें खुली बहस की चुनौती देते हैं। गांधी मैदान हो या भाजपा कार्यालय हम हर जगह बहस के लिए तैयार हैं। सुशील मोदी खुद बेनामी संपत्ति के मालिक हैं। इनके ऊपर कई तरह के आरोप लगे हैं।”
दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेनामी संपत्ति पर कठोर कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि इस कानून में सबसे पहले सुशील मोदी और भाजपा नेताओं की ही संपत्ति जब्त होगी। उल्लेखनीय है कि सुशील मोदी पहले भी लालू परिवार पर कई कंपनी बनाकर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगा चुके हैं।
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