ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क: 99934 54490
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कटनी . कटनी जिला में दिखावें के लिए कि जाती है मोटरसाइकिल एवं आटो की चालानी कार्यवाही। जब जैसे जरूरत पड़ी वहीं खड़े हो गये रसीद लेकर और करने लगे चालान की कार्यवाहीं इन्ही चालानी कार्यवाही के कारण यातायात विभाग का सारा खर्च निकलता है। परन्तु कभी भी बड़े वाहनों को रोककर न तो उनकी जॉच कि जाती है और न कभी चालान किया जाता है। जबकि नियम के अनुसार सभी वाहनों की अगर नियम से जॉच करके चालानी कार्यवाही कि जाए तो 100 प्रतिशत में 35 प्रतिशत वाहन फर्जी तरीकें से चलायें जाते पाये जा सकते है। मगर नियम बनानें वालों को आम आदमी नियम याद नहीं दिला सकता क्योंकि अगर नियम के विषय में अधिकारियों को बताता है। तो बताने वाले के ऊपर सामत आ जाती है। उसको ही भला बुरा बोलकर भगा दिया जाता है। क्योंकि सच का सामना सच्चा व्यक्ति ही कर पाता है। और सच हमेशा कड़वा होता है। जिसका सामना या सुनना भ्रष्ट व्यक्ति को हजम नहीं होता है।
नहीं होती कभी ट्रकों एवं बसों के चालान
जिले में बहुत से टंरासपोर्ट शहर के बीचो बीच स्थित है जिनसे सैकड़ो ट्रक रोजाना चांडक चौक, मिशन चौक एवं शहर के हर गली में खड़े एवं चलते हुए देखे जा सकते है। जबकि दिन में नो एण्ट्री के समय शहर के अन्दर कोई भी भारी वाहन पूर्णरूप से वर्जीत है किन्तु कभी भी किसी भी समय दिन में शहर के अन्दर भारी वाहनों की घमाचौकड़ी नजर आती रहती है। क्योकि शहर का यातायात विभाग एवं आला अफसर कुंम्भ करण की नींद मे सोते हुए नजर आते हैं। ऐसा नही है कि इन आला अधिकारियों को मालूम नहीं है। सभी अधिकारी एवं आला दर्जे के लोगों को सब पता रहता है। फिर भी नींद की गोली खाकर सोते रहते है।
शायद इन्तजार रहता है बड़े हादसों का
शहर के सारे बड़े अधिकारी गुपचुप तमाशा देखते रहते है। इन्हे अपनी कुर्सी से इतना प्यार हो गया है कि अपने एसी लगे ऑफि स से बाहर निकलना ही नहीं चाहते है। सब से ज्यादा चौकानें वाली बात तो यह होती है कि इन आला अफसरों को कोई बड़ी दुर्घटना घटने का बेसब्री से इन्तजार रहता है। और जब कोई बड़़़ा हादसा होता है तब ये आला अधिकारी नींद से जागते है। या यू कहों कि नोटों की खुशबु न बंद हो जायें इसलिए एक जांमवत आकर बंजरगबली बने अधिकारियों को जगाता है और बताता है कि अगर आप आज अपनी शक्ति का उपयोग नहीं करगे तो जो नोटों की खुशबु आती है वो बंद हो जाएगी। और उसके बाद अधिकारी अपने पद का पावर दिखाते हुये छोटी मोटी कार्यवाही करके फिर कुम्भ करण की नींद तरह सो जाते हैं और सिपाहियों से कह दिया जाता है कि मेरे पास शिकायत नहीं आनी चाहिये।
पूरा महकमा करता है नेताओं की जी हजूरी
शहर में राजनीती इतनी हावी हो चुकी है कि पूरा का पूरा महकमा इतनी जी हजूरी करता नजर आता है, जब शहर में सबसे ज्यादा भारी वाहन भा.ज.पा के या कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं या फिर किसी बड़े पद पर बैठे हुये लोगों के चल रहे हैं। अगर किसी प्रकार का कोई हादसा इनके भारी वाहन से होता है तो इनके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती बल्कि दिखावे के लिये इनके भारी वाहनों पर छुटपुट कार्यवाही जनता को दिखाने के लिये की जाती है। और उसके बाद इन्हे ऑफिस में बैठाकर चाय नाश्ता कराया जाता है। इनकी पूरी तरीके से मदद की जाती है। चांडक चौक में खड़े होने वाले सिपाही एवं मिशन चौक में खड़े सिपाही के चेहरे पर राजनैतिक खौफ साफ साफ झलकता नजर आता है।
प्रशासन को जनता समझने लगी पंगू
अब तो शहर कि जनता प्रशासन को नेतागिरी के आगे पंगू समझने लगी है। और तो और शहर की यह दशा का जिम्मेदार सिर्फ प्रशासन को ही मानती है। अधिकारी इन सब लब्जों को सुननें के बाद भी कुछ नहीं करते क्योकि अधिकारी भी डरते है कि अगर किसी नेता के ऊपर में कोई कार्यवाही करता हूॅ तो मेरा तबादला कहीं बीहड़ जैसे इलाके में न कर दिया जाये।
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