Tocnews @ bhopal
एम. एन. बुच का शनिवार देर शाम 7.30 बजे ब्रेनहेमरेज के कारण निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा रविवार को अरेरा कॉलोनी ई-4 सेक्टर स्थित आवास से 11.30 बजे भदभदा विश्रामघाट के लिए निकलेगी. तीन वर्ष पूर्व श्री बुच को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
वे विगत तीन दिन से बन्सल अस्पताल में भर्ती थे जहाँ उनकी एन्जिओप्लास्टी हुई थी, लेकिन आज शाम उन्हें पक्षाघात का गंभीर दौरा पड़ा और वे चल बसे. अस्पताल के डायरेक्टर एवं कार्डियोलाजिस्ट डाँ. स्कन्द त्रिवेदी के अनुसार दो दिन पहले उनकी सफल एंजियोप्लास्टी की गई थी और आज भी परीक्षण में सब कुछ ठीक पाया गया था लेकिन शाम को तबियत बिगड़ी और उनको मेसिव स्ट्रोक पड़ा. डाँक्टरों की कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका.
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वर्ष 1964 बैच के आईएएस बुच एक ज़माने में राजधानी भोपाल और नई दिल्ली में वे प्रखर प्रशासक के तौर पर जाने जाते थे, उनकी ख्याति एक दबंग अफसर के तौर पर रहीं है. एक मर्तबा तो उन्होंने रिश्वत की पेशकश करने वाले को पकड़वा दिया था। नगर व ग्राम निवेश का संचालक रहते हुए बुच ने भोपाल का पहला मास्टर प्लान भी तैयार किया था। 1984 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। उन्होंने बैतूल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था. हाँलाकि वे चुनाव हार गए थे मगर सार्वनिक क्षेत्र में उनकी सक्रियता पिछले चार दशक से निरंतर बनी हुई थी. वे एनजीओ के जरिए विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे।
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वे नगर नियोजन के विशेषज्ञ के नाते दक्षिण के चार राज्यों के परामर्शदाता रहें हैं. इसके अलावा श्री बुच की निर्भीक वक्ता और लेखक के रूप में भी देशव्यापी पहचान थी. उनके परिवार में पत्नी श्रीमती निर्मला बुच और एक बेटा विनीत है. श्री बुच के ही बैच की आईएएस श्रीमती बुच पटवा सरकार के दौरान प्रदेश की मुख्य सचिव थी. सम्प्रति वे कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए हॉस्टल तथा बाल श्रमिकों के कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत है. विनीत कानपुर आईआईटी से बीटेक है और 20-22 वर्षो से अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में बिल गेट की टीम में शामिल है.
एम. एन. बुच का शनिवार देर शाम 7.30 बजे ब्रेनहेमरेज के कारण निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा रविवार को अरेरा कॉलोनी ई-4 सेक्टर स्थित आवास से 11.30 बजे भदभदा विश्रामघाट के लिए निकलेगी. तीन वर्ष पूर्व श्री बुच को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
वे विगत तीन दिन से बन्सल अस्पताल में भर्ती थे जहाँ उनकी एन्जिओप्लास्टी हुई थी, लेकिन आज शाम उन्हें पक्षाघात का गंभीर दौरा पड़ा और वे चल बसे. अस्पताल के डायरेक्टर एवं कार्डियोलाजिस्ट डाँ. स्कन्द त्रिवेदी के अनुसार दो दिन पहले उनकी सफल एंजियोप्लास्टी की गई थी और आज भी परीक्षण में सब कुछ ठीक पाया गया था लेकिन शाम को तबियत बिगड़ी और उनको मेसिव स्ट्रोक पड़ा. डाँक्टरों की कोशिशों के बाद भी नहीं बचाया जा सका.
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वर्ष 1964 बैच के आईएएस बुच एक ज़माने में राजधानी भोपाल और नई दिल्ली में वे प्रखर प्रशासक के तौर पर जाने जाते थे, उनकी ख्याति एक दबंग अफसर के तौर पर रहीं है. एक मर्तबा तो उन्होंने रिश्वत की पेशकश करने वाले को पकड़वा दिया था। नगर व ग्राम निवेश का संचालक रहते हुए बुच ने भोपाल का पहला मास्टर प्लान भी तैयार किया था। 1984 में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। उन्होंने बैतूल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था. हाँलाकि वे चुनाव हार गए थे मगर सार्वनिक क्षेत्र में उनकी सक्रियता पिछले चार दशक से निरंतर बनी हुई थी. वे एनजीओ के जरिए विभिन्न सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे।
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वे नगर नियोजन के विशेषज्ञ के नाते दक्षिण के चार राज्यों के परामर्शदाता रहें हैं. इसके अलावा श्री बुच की निर्भीक वक्ता और लेखक के रूप में भी देशव्यापी पहचान थी. उनके परिवार में पत्नी श्रीमती निर्मला बुच और एक बेटा विनीत है. श्री बुच के ही बैच की आईएएस श्रीमती बुच पटवा सरकार के दौरान प्रदेश की मुख्य सचिव थी. सम्प्रति वे कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए हॉस्टल तथा बाल श्रमिकों के कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत है. विनीत कानपुर आईआईटी से बीटेक है और 20-22 वर्षो से अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में बिल गेट की टीम में शामिल है.
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