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कोयला ब्लाक आवंटन पर भले ही मीडिया में हड़कंप मचा हो लेकिन एक बड़ा मीडिया घराना ऐसा भी है जो इस कोयला घोटाले में 765 करोड़ के घपले का जिम्मेदार है. दैनिक भास्कर समूह से जुड़ी बिजली कंपनी ने अवैध तरीके से दो कोयला ब्लाक लिये और बिजली उत्पादन करने बजाय कोयले का कारोबार किया. यह सब करने के लिए उसने अपने अखबार दैनिक भास्कर के प्रभाव का भी इस्तेमाल किया. और जानते हैं यह खबर कौन सामने ला रहा है? छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पैर जमाने की कोशिश कर रहे पत्रिका समूह.
भारत के नियंत्रक व लेखा महापरीक्षक (सीएजी) ने कोल ब्लॉक आवंटन पर ड्रॉफ्ट रिपोर्ट में खुलासा किया था कि भास्कर ग्रुप की कंपनी डीबी कॉर्प को कोयले के मनमाने आवंटन से 765 करोड़ रू. का अनुचित फायदा पहुंचाया गया। हालांकि अंतिम रिपोर्ट में सीएजी ने मुनाफे का आंकड़ा हटाकर कोयले की मात्रा लिख दी, जिसके मुताबिक, डीबी पॉवर को 6.6 करोड़ मीट्रिक टन कोयला मिला। उसे छत्तीसगढ़ में कोयले के दो ब्लॉक दुर्गापुर-2 व सरिया 7 वर्ष 2007 में आवंटित हुए। बीते साल 6 मई तक यहां बिजली उत्पादन शुरू करना था पर नहीं किया। इसी 30 अप्रैल को मंत्रालय ने नोटिस भेज जवाब मांगे थे। इससे संतुष्ट नहीं होने पर ब्लॉक वापस लेने का जिक्र किया था।
अखबार के इस्तेमाल का आरोप
रायगढ़. भास्कर समूह की जिस कंपनी को कैग ने कोयला आवंटन में अनाप-शनाप मुनाफा कमाने का आरोपी ठहराया है, उसी कंपनी डीबी पॉवर पर रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि उसने माहौल अपने पक्ष में करने के लिए अखबार दैनिक भास्कर के रसूख का गलत इस्तेमाल किया। पर्यावरण पर बुरे असर और विस्थापन के चलते परियोजना का विरोध कर रहे बीएस पोर्ते कॉलेज के प्रोफेसर डीएस माल्या ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों को प्रभावित करने के लिए भास्कर अखबार में न केवल खबरें प्रकाशित की गई, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी की मदद से भी लोगों को धमकाया गया।
भास्कर ने करवाया विरोधियों पर केस
"जोहार छत्तीसगढ़" के संपादक नारायण बाइन ने बताया, हम लगातार सच्चाई उजागर कर रहे थे। पहले डीबी पॉवर ने हमें खरीदने की कोशिश की, जब नहीं बिके तो मुकदमा करवा दिया। बाइन ने बताया, कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने 140 लोगों पर एफआईआर दर्ज की। इनमें 16 स्थानीय पत्रकार थे, जो परियोजना का विरोध कर रहे थे। बाइन ने आरोप लगाया, भास्कर समूह ने रसूख का इस्तेमाल कर केस दर्ज करवाए।
खबरें छाप कर बरगलाया
प्रोफेसर माल्या बताते हैं, जनसुनवाई से पहले और उसी दिन कोल ब्लॉक के पक्ष में भास्कर के रायगढ़ संस्करण में बड़ी-बड़ी खबरें प्रकाशित कीं। इस दौरान "काले हीरे से चमकेगी धरमजयगढ़ की तस्वीर", "डीबी पॉवर के समर्थन में आए ग्रामीण", "उपद्रवियों पर दर्ज होगा केस" जैसी खबरें प्रकाशित कर प्रभावित करने की कोशिश की गई। (ब्यूरो)
यह है मामला
कंपनी की जांजगीर-चांपा जिले में 1320 मेगावॉट की बिजली परियोजना शुरू होने वाली है। इसके लिए कंपनी रायगढ़ में 693.2 हेक्टेयर क्षेत्र के कोल ब्लॉक का अधिग्रहण चाहती है। इसमें से 141 हेक्टेयर जमीन धरमजयगढ़ में हैं, जो आबादी वाला क्षेत्र है। जनसुनवाई में पहुंचे धरमजयगढ़ के 400 लोगों ने परियोजना का विरोध किया था। इसके बाद कोर्ट ने डीबी पॉवर को कोल ब्लॉक क्लियरेंस पर स्टे लगा दिया, जो अब भी जारी है। sabhar- visfot.com
अखबार के इस्तेमाल का आरोप
रायगढ़. भास्कर समूह की जिस कंपनी को कैग ने कोयला आवंटन में अनाप-शनाप मुनाफा कमाने का आरोपी ठहराया है, उसी कंपनी डीबी पॉवर पर रायगढ़ (छत्तीसगढ़) के स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि उसने माहौल अपने पक्ष में करने के लिए अखबार दैनिक भास्कर के रसूख का गलत इस्तेमाल किया। पर्यावरण पर बुरे असर और विस्थापन के चलते परियोजना का विरोध कर रहे बीएस पोर्ते कॉलेज के प्रोफेसर डीएस माल्या ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोगों को प्रभावित करने के लिए भास्कर अखबार में न केवल खबरें प्रकाशित की गई, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी की मदद से भी लोगों को धमकाया गया।
भास्कर ने करवाया विरोधियों पर केस
"जोहार छत्तीसगढ़" के संपादक नारायण बाइन ने बताया, हम लगातार सच्चाई उजागर कर रहे थे। पहले डीबी पॉवर ने हमें खरीदने की कोशिश की, जब नहीं बिके तो मुकदमा करवा दिया। बाइन ने बताया, कंपनी के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने 140 लोगों पर एफआईआर दर्ज की। इनमें 16 स्थानीय पत्रकार थे, जो परियोजना का विरोध कर रहे थे। बाइन ने आरोप लगाया, भास्कर समूह ने रसूख का इस्तेमाल कर केस दर्ज करवाए।
खबरें छाप कर बरगलाया
प्रोफेसर माल्या बताते हैं, जनसुनवाई से पहले और उसी दिन कोल ब्लॉक के पक्ष में भास्कर के रायगढ़ संस्करण में बड़ी-बड़ी खबरें प्रकाशित कीं। इस दौरान "काले हीरे से चमकेगी धरमजयगढ़ की तस्वीर", "डीबी पॉवर के समर्थन में आए ग्रामीण", "उपद्रवियों पर दर्ज होगा केस" जैसी खबरें प्रकाशित कर प्रभावित करने की कोशिश की गई। (ब्यूरो)
यह है मामला
कंपनी की जांजगीर-चांपा जिले में 1320 मेगावॉट की बिजली परियोजना शुरू होने वाली है। इसके लिए कंपनी रायगढ़ में 693.2 हेक्टेयर क्षेत्र के कोल ब्लॉक का अधिग्रहण चाहती है। इसमें से 141 हेक्टेयर जमीन धरमजयगढ़ में हैं, जो आबादी वाला क्षेत्र है। जनसुनवाई में पहुंचे धरमजयगढ़ के 400 लोगों ने परियोजना का विरोध किया था। इसके बाद कोर्ट ने डीबी पॉवर को कोल ब्लॉक क्लियरेंस पर स्टे लगा दिया, जो अब भी जारी है। sabhar- visfot.com
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