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सेवाएँ देने में देरी पर फाइन करें, स्वप्रेरणा से बनाये अपील का प्रकरण, संभागीय आयुक्त न्यायालय को ई-कोर्ट बनाने के निर्देश, वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संभागायुक्तों, पुलिस महानिदेशकों से चर्चा
सेवाएँ देने में देरी पर फाइन करें, स्वप्रेरणा से बनाये अपील का प्रकरण, संभागीय आयुक्त न्यायालय को ई-कोर्ट बनाने के निर्देश, वीडियो कान्फ्रेंसिंग में संभागायुक्तों, पुलिस महानिदेशकों से चर्चा
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि लोगों को समय पर सेवाएँ उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जो अधिकारी सेवाएँ देने में असफल होंगे या विलम्ब करेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। श्री चौहान ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के लिये संभाग आयुक्त न्यायालय को ई-कोर्ट में परिवर्तित
करने के लिये सभी संभागायुक्तों को आवश्यक तैयारियाँ करने के निर्देश
दिये। उन्होंने ग्वालियर संभाग का माडल अपनाने को कहा।
श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में वीडियो
कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों और संभागायुक्तों से
चर्चा कर रहे थे। इस बार वीडियो कांन्फ्रेस लोक सेवा के प्रदान की गारंटी
अधिनियम के क्रियान्वयन, राजस्व प्रकरण के निराकरण और कौशल विकास मिशन
स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर केन्द्रित थी। कौशल विकास विषय पहली बार शामिल
किया गया। वीडियो कान्फ्रेसिंग करीब छह घंटे तक चली। लघु, मध्यम एवं बड़े
उद्योगों की स्थापना से संबंधित मुद्दों के निराकरण के संबंध में भी विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि वे स्वयं लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति का मैदानी जायजा लें। अचानक निरीक्षण करें और हितग्राहियों से सीधी चर्चा करें। उन्होंने कहा कि अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप कार्य करना जरूरी है। पूरी व्यवस्था लोगों के लिये है। उन्होंने संभागवार लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम के क्रियान्वयन एवं सेवाओं के प्रदाय के संबंधी व्यवस्थाओं के संचालन की विस्तार से समीक्षा की।
श्री चौहान ने आनलाइन, आफलाइन प्राप्त आवेदनों के निराकरण की स्थिति, अपील की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी सेवा देने की निर्धारित
अवधि समाप्त होने पर स्व-प्रेरणा से अपील का प्रकरण बनायें। संबंधित
अधिकारियों के विरूद्ध फाइन करें। ऐसा नहीं करने पर भी संबंधित अधिकारी के
विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। श्री चौहान ने सेवा देने में विलम्ब होने के कारण आवेदकों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रदान करने के निर्देश दिये। इससे आम लोगों में अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने का संदेश जायेगा और सेवा प्रदान करने वाले अमले पर नैतिक दबाव भी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने आवेदन-पत्रों में प्राप्ति
रसीद नहीं दिये जाने संबंधी शिकायतों को देखते हुए निर्देश दिये कि
प्राप्ति रसीद नहीं देने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी
कार्रवाई करें। लोगों को परेशानी नहीं होना चाहिए, यही अधिनियम की मूल भावना है। उन्होंने निर्देश दिये कि संभाग आयुक्त अपने स्तर पर भी लोक सेवा प्रदाय की स्थिति की समीक्षा और आकलन करें। उन्होंने कहा कि लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम से जुड़े मुद्दों, प्रगति की समीक्षा हर महीने होने वाली वीडियो कान्फ्रेंस में की जायेगी। आगामी 25 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक लोक सेवा सप्ताह मनाया जायेगा। प्रदेश में 336 लोक सेवा केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। पाँच जिलों में परीक्षण के बतौर इन केन्द्रों का प्रायोगिक संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री आगामी कलेक्टर-कमिश्नर कान्फ्रेंस में लोक सेवा प्रदाय की विशेष समीक्षा करेंगे।
राजस्व संबंधी आँकड़ें समय पर दें
मुख्यमंत्री
श्री चौहान ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण, फसल कटाई, नक्शों के
डिजिटाइजेशन, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान, भूमि संबंधी अभिलेखों का
संधारण, ई-बस्तों के प्रयोग, मजरे-टोलों को राजस्व ग्रामों में बदलने की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने संभागायुक्तों को निर्देश दिये कि राजस्व संबंधी आँकड़ों
का पूरी शुद्धता के साथ, मैदानी स्तर पर दोबारा परीक्षण के बाद राज्य शासन
को समय पर उपलब्ध करवायें। उन्होंने कहा कि राज्य और भारत शासन के स्तर पर
समय से आँकड़ें प्राप्त होने पर विकास की वास्तविक स्थिति रेखांकित होती है। इस कार्य में विलम्ब से विकास की गति मापने में भी परेशानी होती है।
श्री चौहान ने संभागायुक्तों को शासकीय राजस्व भूमि की नवीनतम स्थिति अवगत करवाने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे शासकीय भूमि का विकास के लिये बेहतर उपयोग हो सकेगा। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र में रतनजोत की खेती के लिये जिन्हें जमीन उपलब्ध करवाई गई थी उसे तत्काल वापस लेने की कार्रवाई शुरू करें। उन्होंने बड़े मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने मंदिरों की संपत्तियों की जानकारी भी लोगों को उपलब्ध करवाने के लिये इसे आनलाइन करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने तीर्थ-दर्शन योजना की समीक्षा करते हुए रामेश्वरम जाने वाले तीर्थ-यात्रियों की सूची
को एक सप्ताह पहले अंतिम रूप देने के निर्देश दिये ताकि तीर्थ-यात्रियों
को तैयारी के लिये जरूरी समय मिल सके। उन्होंने बताया कि अगली ट्रेन अजमेर
शरीफ के लिये 13 सितम्बर को रवाना होगी। यह भोपाल-उज्जैन होते हुए जायेगी।
इस साल 31 दिसम्बर तक विभिन्न तीर्थ के लिये 22 ट्रेन रवाना होगी।
कानून व्यवस्था की समीक्षा
श्री चौहान ने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा
करते हुए विभिन्न त्यौहारों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये
जिला, पुलिस प्रशासन के सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने अति वर्षा के
कारण उत्पन्न स्थिति में लोगों की जान-माल बचाने और सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में संबंधित पुलिस प्रशासन, होमगार्ड, सेना के जवानों की प्रशंसा की। उन्होंने समय पर फसल नुकसान का मुआवजा और राहत राशि बाँटने की भी प्रशंसा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि कोई कितना ही बड़ा क्यों न हो आपराधिक संलिप्तता पर उसके विरूद्ध कार्रवाई हो। प्रदेश में कहीं
कोई माफिया पनपने नहीं पाये। उन्होंने महिलाओं और बेटियों पर होने वाले
अपराधों पर विशेष संवेदना के साथ त्वरित दण्डात्मक कार्रवाई के निर्देश
दिये।
बालाघाट क्षेत्र में कानून-व्यवस्था के संबंध में श्री चौहान ने कहा कि नक्सलवाद को हतोत्साहित करने के लिये समुदाय आधारित विकास कार्यों में तेजी लायें और लोगों के प्रति संवेदनशील बनें। उन्होंने ग्वालियर पुलिस महानिदेशक की डाकू उन्मूलन तथा कानून व्यवस्था पर नियंत्रण रखने एवं बड़ी घटनाओं में त्वरित एवं सफल कार्रवाई करने की प्रशंसा की।
उद्योगों को प्राथमिकता - टाल मटोल नहीं हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये हैं कि निवेशकों को राज्य स्तर पर दिये जा रहे महत्व की तरह जिलों में भी
प्राथमिकता दी जाय। कहीं भी अनापेक्षित टाल मटोल नहीं हो। उद्योगों के
लिये जिलेवार 16 हजार हेक्टर राजस्व भूमि उद्योगों के लिये चयनित की गयी है। यह 30 सितम्बर तक उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी हालत में विलम्ब नहीं होना चाहिये। सभी क्लीयरेंस निश्चित समय में हो जाये, जहाँ क्लीयरेंस नहीं हो सकता वहाँ अविलम्ब मना कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश आवश्यक है और इसके लिये अच्छा-स्वस्थ वातावरण जरूरी है। श्री चौहान ने निर्देश दिये कि जल्दबाजी में कहीं भी किसानों के हितों की अनदेखी नहीं हो।
मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये विशेष सतर्कता बरतें
वीडियो कान्फ्रेंस में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये। विशेष रूप से स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी बीमारियों की रोकथाम
के लिये पर्याप्त दवाएँ तथा अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवा दी गयी है।
जहाँ स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं वहाँ जिला स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक कर बीमारी की रोकथाम के निर्देश दिये गये। संभागायुक्त से कहा गया कि तेज बुखार तथा गले की बीमारी जैसे स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीजों के इलाज में विशेष ध्यान दिया जाय। स्वाइन फ्लू मिलने पर आस-पास के क्षेत्रों में भी बचाव के उपाय किये जाये। बैठक में बताया गया कि आगामी कमिश्नर-कलेक्टर कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री स्वास्थ्य विभाग की जिलेवार समीक्षा करेंगे।
संभाग में लगेंगे रोजगार मेले, युवाओं को मिलेगा रोजगार-तीन पारियों में आईटीआई
वीडियो कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार देने के लिये कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों में उद्योगों की जरूरत वाले कम से कम चार ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाय। स्थापित आई.टी.आई. का उन्नयन, उपकरण आदि आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ तीन पारी में अध्ययन-अध्यापन करवाया जाय। प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों में रोजगार मेले लगाये जाये। स्थापित हो रहे उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को नौकरी दिलाने की पहल की जाय। उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रशिक्षित युवा मिल सकें इसके लिये औद्योगिक-स्थल के ही आस-पास पीपीपी मोड पर आई.टी.आई की स्थापना के लिये प्रेरित किया जाय।
इस
अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे,
अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा, प्रमुख सचिव श्रीमती अजिता वाजपेयी
पांडे, अपर मुख्य सचिव श्री पी.के. दाश, अपर मुख्य सचिव श्री एंटोनी जे सी
डिसा, अपर मुख्य सचिव श्री आई.एस. दाणी सहित विभिन्न विभाग के प्रमुख सचिव
उपस्थित थे।
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