मुलताई राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन का मामला गरमाया
बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल जिले में बीते एक पखवाड़े से मुलताई के बहुचर्चित राम मंदिर ट्रस्ट की लगभग 19 एकड़ भूमि को भूमाफियाओं के द्वारा 31 जुलाई 12 को सेवानिवृत होने जा रहे है बैतूल एसडीएम सतेन्द्र अग्रवाल से साठगांठ से कर खरीदे - बेचे जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुलताई से लेकर बैतूल तक दो अरब रूपए की उक्त बेशकीमती भूमि को कौडिय़ो के दामो में खरीदे एवं बेचे जाने को लेकर जन आन्दोलन प्रतिदिन आन्दोलन के तहत धरना - प्रदर्शन एवं पुतला दहन का कार्यक्रम कर रहा है। इधर विश्व हिन्दु परिषद ने राम मंदिर को न बना पाने वाली भाजपा के नेताओं से ही सवाल किया है कि क्या अब उसके नेता इतने नीचे गीर चुके है कि अयोध्या के राम मंदिर की जमीन को छोड़ कर सभी राम मंदिरों की एवं ट्रस्टो की जमीनो को खरीदने - बेचने का काम करवाने लगी है। विहीप नेता प्रवीण भाई ने मुलताई में राम मंदिर ट्रस्ट की भूमि को बेचने की अनुमति देने वाले बैतूल एसडीएम के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कर उनकी सेवानिवृति के पूर्व पेशंन सहित समस्त भुगतानों पर रोक लगाने की मांग की है। शिवसेना ने भी राम मंदिर मुलताई की राम मंदिर ट्रस्ट के नाम पर पंजीकृत अरबों की बेशकीमती जमीन को कांग्रेस एवं भाजपा नेताओं का भाईचारा बताजे हुए पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति मंच मध्यप्रदेश ने प्रदेश की सरकार से सवाल किया है कि राम भक्त शिवराज सिंह की सरकार को अपनी आस्था इतने जल्दी राम से रावण की ओर करके अपने दोहरे चरित्र की परिचय दिया है। बैतूल जिले में एक दर्जन से अधिक धार्मिक एवं सामाजिक तथा गैर राजनैतिक संगठनो ने राम मंदिर ट्रस्ट मुलताई की जमीन को बेचे जाने के मामले को लेकर प्रदेश सरकार की निंदा की है। जन आन्दोलन मुलताई के संयोजक रवि यादव ने पूरे मामले को जबलपुर हाईकोर्ट में ले जाने की बाते कहते हुए आरोप लगाया है कि अभी तक जन आन्दोलन की ओर से तीन दर्जन से अधिक ज्ञापन एवं मांगपत्र देने के बाद भी कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं के सांझा गठबंधन से खरीदी गई बेशकीमत जमीन के खरीदी-बिक्री के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज न किया जाना यह सिद्ध करता है कि कहीं न कहीं उक्त मंदिर की भूमि को बिकवाने की अनुमति देने के लिए ही कहीं बैतूल एसडीएम को मुलताई एसडीएम का प्रभार तो नहीं दिया गया था। इधर पूरे मामले में भाजपा का नाम आने पर भाजपा जिलाध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने दावा किया कि तीनो ही खरीददार भाजपा के न तो सदस्य है और न पार्टी के पदाधिकारी यदि कोई भी व्यक्ति भाजपा का पदाधिकारी या सदस्य सिद्ध हुआ तो वे स्वंय पहल करके उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाएगें लेकिन कोई किसी भाजपा पदाधिकारी का नाते-रिश्तेदार है तो उस मामले में पार्टी कुछ नहीं कर सकती है। श्री खण्डेलवाल ने आगे आकर कहा कि वे स्वंय मंदिरों एवं ट्रस्टों की भूमि पर अतिक्रमण एवं उसके कथित एकाधिकार के खिलाफ है। पार्टी के जिलाध्यक्ष के रूप में ऐसी किसी भी नियम विरूद्ध कार्रवाई का वे विरोध करते है तथा कार्रवाई की जनता जर्नादन की मांग का समर्थन करते है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने स्वंय के नाम पर उक्त जमीन खरीदे जाने का खडंन किया है। इन सबसे हट कर मुलताई जन आन्दोलन के नेताओं का आरोप है कि दोनों पार्टी के जिलाध्यक्ष अपने नेताओं को बचाने मे लगे हुए है। भाजपा नेता एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा पंवार के सगे साले एवं कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे के मकान में किरायेदार के नाम पर तथा कांग्रेस जिलाध्यक्ष के सेवक के रूप में कार्य करने वाले आम आदमी के पास लाखों रूपैया कहां से आ गया जिससे उसने उक्त जमीन खरीद ली है।
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