मुलताई राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन का मामला गरमाया
बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैतूल जिला कलैक्टर को एक विभाग से परेशान दुसरे विभाग को उसकी जवाबदेही तय करने के लिए उस पर कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाने के लिए आरटीआई का रास्ता अपनाने की सलाह देनी पड़ी। बीते वर्ष 2008 में स्वास्थ्य विभाग में डे्रसरों की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच और जांच के बाद कार्रवाई को लेकर पिछले दो महीने से मामला टीएल की बैठक में है। हर बैठक में कलैक्टर सीएमएचओ से जवाब-तलब करकिया जाता हैं। मामले में एफआईआर के आदेश हंै लेकिन स्थिति यह है कि पुलिस स्वास्थ्य विभाग को एफआईआर की कॉपी तक नहीं दे रही है। इसी मामले को लेकरी कलैक्टर बैतूल ने स्वास्थ विभाग के आला अफसर से कहा कि वे आरटीआई में आवेदन प्रस्तुत करके एफआईआर की कापी प्राप्त करे और मुझे कापी देवे। जिला स्तरीय बैठक में जिला कलैक्टर ने कहा कि यदि जिले के सभी अधिकारी सिस्टम से काम करें तो कुछ मुश्किल नहीं है। बैठक में कलैक्टर पे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से सवाल किया कि सीएमएचओ साहब, बताओ कहां तक पहुंची अपनी गाड़ी? सीएमएचओ ने कहा कि सर..फर्जी भर्ती वालों को हटा रहे हैं और एफआईआर के लिए थाने में आवेदन दिया है। कलैक्टर ने फिर सवाल किया कि एफआईआर हो चुकी ना..? सीएमएचओ ने बताया कि हां, सर...हो..तो..गई है। फिर कलैक्टर ने कहा कि ऐसा है तो चलो एफआईआर की कॉपी दिखाओ? कलैक्टर के सवाल जवाब से बगले झांकते अधिकारी ने कुछ सकुचाते हुए कहा कि सर कॉपी पुलिस वाले दे नहीं रहे हैं। सर आप हर बार टीएल में पूछते हैं इसलिए मैं बड़ा गंभीर हूं और दो बार थाने जा चुका हूं। इस बार अत्यंत गंभीर होकर कलैक्टर ने कहा कि अगर नहीं दे रहे हैं तो आरटीआई किस मर्ज की दवा है आरटीआई में आवेदन क्यों नहीं लगाया? कलैक्टर की नसीहत पर सीएमएचओ ने कहा कि सर अब आप कह रहे हैं तो आरटीआई में आवेदन देकर देख लेता हूं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में डे्रसरों की फर्जी भर्ती के मामले में चार ड्रेसरों को आने वाले तीन दिनों में बर्खास्त करने की जानकारी सामने आ रही है। बताया गया कि इन चारों के पास बड़वानी के सीएमएचओ द्वारा दिया गया ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र फर्जी पाया गया है। जिन पर कार्रवाई होने वाली है उनमें राजेंद्र नागा, भानू प्रसाद, आलोक दुबे और राजेंद्र पंडाग्रे बताए जा रहे हैं। सीएमएचओ ने भी चर्चा में इसकी पुष्टि की है।
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