प्रदेश के गृहमंत्री द्वारा नौंटकी करने की बात पर आग बबूला हुई युवती
बैतूल से रामकिशोर पंवार की रिपोर्ट....
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मध्यप्रदेश में घेरलू हिंसा के बढ़ते प्रकरणों को लेकर पत्रकारों के सवालों के बीच घेरलू हिंसा का शिकार बनी युवती ने जब प्रदेश के गृहमंत्री के समक्ष सवालो की झड़ी लगा दी तब प्रदेश के गृहमंत्री स्वंय पर काबू नहीं रख पाए और वे उस युवती को मीडिया के सामने नौंटकी करने की खरी खोटी बाते सुना गए। मंत्री की कड़वी बातों को सुनकर उस महिला का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया और वह मंत्री पर बरस पड़ी। प्रदेश के गृहमंत्री की ऐसी स्थिति हो गई कि उन्हे महिला पुलिस के अभाव पुरूष पुलिस से महिला को हाथ पकड़ कर सर्किट हाऊस से बाहर निकलवाना पड़ा। अपने साथ मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की मांग करने के लिए हाथो में आवेदन लेकर दर - दर की ठोकरे खाने वाली श्रीमति ज्योति पंकज रावत ने बताया कि उसके साथ शाहपुर ग्राम के श्री राम उसकी पत्नि राधा तथा पीडि़त महिला का पति पंकत एक दो बार नहीं बल्कि तीन बार बुरी तरह से मारपीट कर चुके है। उसकी शिकायत पर शाहपुर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जिससे दुखी होकर वह अपने सटट का अवैध ध्ंाधा करने वाले पति सहित अन्य लोगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने आई है। महिला पत्रकार वार्ता के पहले गृहमंत्री को आवेदन पत्र दे चुकी थी लेकिन पत्रकारों के बीच उपस्थित होकर वह मंत्री जी के बड़बोलेपन पर बिफर गई और मंत्री जी से कहने लगी कि अमीरो की सभी सुनते है गरीबो की कोई नहीं सुनता......? उसके यह कहते ही मंत्री जी बोले आपने अभी आवेदन दे दिया है कार्रवाई हो जाएगी। मंत्री के आश्वासन पर महिला ने कहा कि कब कार्रवाई होगी जब मुझे मार डालेगें तब..? मंत्री ने महिला की खरी-खोटी को स्वंय की तथाकथित बेइज्जती समझ कर महिला को कहा कि वह मीडिया के समक्ष नौंटकी कर रही है..? मंत्री के इतना कहते ही महिला अपने रौद्र रूप में आ गई और उसने मंत्री से कहा कि मेरी जगह आपकी बेटी के साथ ऐसा कुछ होता तब भी आप यही कहते..? महिला के उक्त पलटवार पर मंत्री जी निरूत्तर हो गए और उन्होने पत्रकार वार्ता से महिला को बाहर निकालने का फरमान जारी कर दिया। घेरलू हिंसा का शिकार बनी महिला ने गृहमंत्री सहित पुलिस विभाग के आला अफसरो एवं भाजपा नेताओं के समक्ष यह तक कह डाला कि उसका पति सटट खबाड़ है जो पुलिस को पैसा खिलाता है तथा पुलिस को अपनी जेब में रखने की बात कहता है। ऐसे में उसे पुलिस से न्याय की उम्मीद बिलकुल नहीं है। सर्किट हाऊस की उक्त घटना के बाद स्वंय मंत्री जी तथा पुलिस विभाग के अधिकारी इस घटना के कवरेज को न्यूज चैनलो पर न दिखाए जाने का निवेदन करते रहे।
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