toc news internet channal
टीम अन्ना के अहम सदस्य और रणनीतिकार अरविंद केजरीवाल ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस हालत में उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई, तो नतीजे बहुत बुरे होंगे।
सरकार को इस बात का अंदाजा नहीं है कि हम किस मिट्टी के बने हैं। अरविंद बोलते गए और बारिश में खड़ी भीड़ उनकी एक-एक बात पर तालियां बजाती गई।
वकीलों ने 1860 में बने कानून का हवाला देकर अरविंद को बताया है कि सरकार उन्हें आत्महत्या कि कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर सकती है। अरविंद ने कहा कि गांधीजी महीनों तक अनशन करते थे लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें कभी अनशन के लिए गिरफ्तार नहीं किया तो क्या सरकार अंग्रेजों से भी बुरी है जो 8 दिन में ही उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश करेगी।
एक्सपर्ट की मानें तो अनशन के दौरान 10 फीसदी से ज्यादा वजन कम हो जाने पर हालत चिंताजनक बन जाती है, ऐसे में अनशन पर बैठे शख्स को मेडिकल सहायता देनी चाहिए। लेकिन अभी अरविंद का शुगर लेवल, बीपी नॉर्मल है। अरविंद के वजन का पता लगाया जाना जरूरी है।
वहीं गोपाल राय और मनीष सिसोदिया भी कमजोरी महसूस कर रहे हैं। अन्ना के अनशन का आज चौथा दिन है जबकि बाकी सदस्यों का अनशन आठवें दिन में प्रवेश कर गया है।
लोकपाल की मांग को लेकर आंदोलन शुरू होने के बाद सरकार के फीके रुख को देखते हुए टीम अन्ना अगली रणनीति के लिए अपनी पहली औपचारिक बैठक कर रही है। यह बैठक अन्ना हजारे के नेतृत्व में हो रही है।
इस बैठक में प्रशांत भूषण, किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया मौजूद हैं। दिल्ली से जो सदस्य बाहर हैं उनसे फोन पर बात की जाएगी।
बताया जा रहा है कि बीते आठ दिनों पहले टीम अन्ना का अनशन शुरू होने के बाद यह पहली औपचारिक बैठक है। कल ही सरकार का औपचारिक बयान आया था कि वह टीम अन्ना की मांग पर कोई कदम उठाने नहीं जा रही है। टीम अन्ना में इसी मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति बनाई जा रही है।
देश के नए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से जब इस पर बात की गई तो उन्होंने सीधा सा जवाब दिया। शिंदे ने कहा कि अन्ना का आंदोलन एक अलग आंदोलन है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हम अन्ना के साथ हैं, लेकिन आंदोलन का भी एक दायरा होना चाहिए। हर वक्त खुद को ही सही कहना गलत है।
भ्रष्टाचार निवारक सख्त लोकपाल की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर 25 जुलाई से अनशनरत टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की बिगड़ रही सेहत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। हालांकि दोनों ने चिकित्सकों की सलाह खारिज कर दी और कहा कि वे देश के लिए अपनी जान कुर्बान करेंगे।
अनशनरत चार नेताओं की नियमित स्वास्थ्य जांच के बाद टीम अन्ना के चिकित्सा दल के चिकित्सकों व राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि केजरीवाल और राय की सेहत अच्छी नहीं है। एक चिकित्सक ने जंतर-मंतर पर मंच से घोषणा की कि अन्ना हजारे और मनीष सिसोदिया का स्वास्थ्य स्थिर है, लेकिन केजरीवाल और राय को अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।
राय को सोमवार रात से ही उल्टी हो रही है और उनका पल्स रेट बहुत नीचे आ गया है। जबकि मधुमेह के मरीज केजरीवाल का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है, लेकिन केजरीवाल और राय ने अस्पताल में भर्ती होने या दवा लेने से इंकार कर दिया है।
केजरीवाल ने कहा कि हम यहां देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने आए हैं। अस्पताल में भर्ती होने के लिए नहीं। चिकित्सक हमसे अस्पताल में भर्ती होने के लिए कह रहे हैं, लेकिन हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि हमारे पास अभी भी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पर्याप्त शक्ति है और यदि सरकार ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा।
ज्ञात हो कि केजरीवाल, राय और सिसोदिया 25 जुलाई से ही अनशन पर हैं, जबकि अन्ना ने रविवार को अनशन शुरू किया। इन चारों के साथ 350 अन्य समर्थक भी अनशन पर बैठे हुए हैं।
No comments:
Post a Comment