स्कूल को अपनी बपौती समझने लगे
ब्यूरो प्रमुख // संतोष प्रजापति (बैतूल// टाइम्स ऑफ क्राइम)
Present by : toc news internet channal
बैतूल. स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक या प्राचार्य यदि किसी स्कूल को अपनी बपौती समझने लगे तो टकराव की स्थिति आ ही जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ ग्राम सेहरा में जहां पर पदस्थ प्राचार्य के तबादले से खफा हायर सेकेंडरी स्कूल सेहरा के सैकड़ों स्कूली बच्चों को कथित मोहरा बना कर प्राचार्य द्वारा अपना तबादला रूकवाने का मामला अब प्रशासन के सरदर्द बनते जा रहा है। इधर तबादले से खफा लगभग पांच सौ छात्रों ने सप्ताह के पहले दिन से ही स्कूल पर साइकिलों के दर्जनों ताले लगाकर गेट बंद करके अनोखा प्रदर्शन किया। बरसते पानी में स्कूल के गेट पर अपने बैग रखकर प्राचार्य का तबादला निरस्त करने की मांग की। प्रदर्शन के चलते शिक्षकों को घंटों बाहर ही खड़ा रहना पड़ा। मौके पर अधिकारी भी पहुंचे। छात्रों ने किसी की नहीं सुनी और अपनी मांग पर अड़े रहे। छात्रों द्वारा अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर चक्काजाम तक करने का फरमान जारी कर दिया। बैतूल जिले में ही नहीं पूरे देश-दुनिया में सुर्खिया में छाया रहा कुंजीलाल विश्वकर्मा के गृह ग्राम सेहरा के हायर सेकेंडरी स्कूल के 500 से अधिक विद्यार्थियों ने पहले ही स्कूल पहुंचकर स्कूल के चैनल गेट पर अपनी साइकिल के ताले जड़ दिए। प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने ताले खोलने का प्रयास किया तो विद्यार्थियों का आक्रोश बढ़ गया और एक भी शिक्षक को अंदर नहीं जाने दिया। छात्र अपने स्कूल प्राचार्य आरके चौहान का तबादला निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए थे। छात्रों कृष्णा धाकड़, दीपक हरोड़े, आरती निरापूरे, शशीकांत जावलकर ने बताया कि प्राचार्य का तबादला बोरदेही कर दिया है। सभी छात्र प्राचार्य का तबादला निरस्त करना चाहते हैं।अपनी मांग को लेकर सैकड़ों छात्र स्कूल के सामने ही घंटों प्रदर्शन करते रहे। छात्रों ने स्कूल के सामने ही नारेबाजी की। प्रदर्शन का दौर सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक चला। इस दौरान स्कूल के शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी बीएल लोधी को प्यून भिजवाकर इसकी सूचना दी। जिला शिक्षा अधिकारी दो घंटे देरी से पहुंचे। इसके बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। मौके पर जाकर छात्रों को समझाने का प्रयास किया है। छात्रों ने शाम तक स्कूल का ताला नहीं खोला था। स्कूल की समस्या से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। स्कूल के छात्रों ने बताया कि प्राचार्य आर के चौहान वर्ष 2008 में यहां पर पदस्थ हुए थे। प्राचार्य के कार्यकाल में स्कूल के परिणाम में भी सुधार आया है। स्कूल में अनुशासन बना हुआ है। सभी शिक्षक समय से स्कूल आते हैं और अध्यापन कार्य करवाते हैं। प्राचार्य द्वारा गरीब बच्चों की मदद की जाती है। कई बार अपनी जेब से गरीब बच्चों की फीस जमा करते हैं। छात्रों ने बताया कि क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के छात्रों का भविष्य प्राचार्य से जुड़ा हुआ है। मांग पूरी नहीं हुई तो स्कूल नहीं जाएंगे। इधर तस्वीर का दुसरा पहलू यह बताया जा रहा है कि गांव के ही कुछ शिक्षको के द्वारा श्री चौहान का तबादला करवा कर अपनी पंसद के प्रार्चाय की पोस्टींग के लिए मोटी रकम संग्रहित की दी गई थी। एक जनप्रतिनिधि के माध्यम से अपनी नई पदस्थापना पर प्रभार लेने आए प्राचार्य को पूर्व प्राचार्य द्वारा प्रभार न देने तथा उसे यहां से हटाने के बाद के परिणामों की चेतावनी दी गई। पूरे मामले में टकराव की स्थिति तब हुई जब स्कूल के दबंग छात्रो ने शाला प्राचार्य का दामन थाम लिया और वे आरपार की लड़ाई के लिए मैदान में उतर गए। इधर प्रशासनिक सूत्रो का कहना है कि पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के दबाव के बाद पैदा हुई परिस्थिति के चलते ग्राम सेहरा के शाला प्राचार्य अपने तबादले को निरस्त करवाने के लिए कुछ दबंग छात्रों को मोहरा बना कर शाला नवागत शाला प्राचार्य को प्रभार न देने की पूरी कुटरचित साजिश की गई। बरहाल दो प्राचार्य के बीच प्रभार को लेकर जबरदस्त नुराकुश्ती चल रही है और कुंजीलाल का सेहरा ग्राम एक बार फिर सुर्खियों में छाने लगा है। खबर लिखे जाने तक ग्राम सेहरा के स्कूल में ताले जड़े हुए है।
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