लापरवाही: निजी डाक्टर से प्रमाण पत्र बनवाने का काम लिया जा रहा है
ब्यूरो प्रमुख // जितेन्द्र अग्रवाल (हरदा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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हरदा. निशक्त जनों के लिये विकलांगता के प्रमाण पत्र बनायें जाने के दिन सैकड़ों पीडि़तों को लाइन में लगकर घंटो इंतजार करना पड़ता है जिला चिकित्सालय में संबंधित कैंप समय पर नहीं खुलता है। मंगलवार को प्रात: 11 से 1 के बीच स्थिति का मुआयना किया तो पता चला कि दर्जनों पीडि़त लाइन में लगकर इंतजार कर रहे थे। डॉ. समय खतम होने के बाद करीब 1:30 बजे आये स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज एक निजी चिकित्सक डॉ राजेश छलोत्रे से सेवाएं ली जा रही थी मगर उनका कक्ष निरंतर बंद मिला बहरहाल यहां विकलांगता संबंधित प्रमाण पत्र बनवाने के लिये निशक्तजनों को काफ ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूर दूर से आने वाले इन निशक्त को उनकी निशक्ता का प्रमाण पत्र लेने में काफ ी मशक्कत करनी पड़ रही है। चर्चा है कि एक प्रमाण पत्र के डेढ़ सौ से दो सौ रूपये तक लिये जा रहे थे कभी डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी सामाजिक न्याय कल्याण विभाग के कर्मचारी। शासन की योजना क्या है- प्रदेश सरकार के सामाजिक एवं न्याय कल्याण विभाग द्वारा निशक्तों के हितार्थ हेतु अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। इसके तहत पात्र हितग्राहियों को शासन की और से मासिक पेंशन देने की भी शुरूआत प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की इसमें हितग्राहियों को पॉच सौ रूपये प्रतिमाह की पैंशन दी जाएगी वही आवश्यक उपकरण प्रदान किये जाएगे। मगर इनकी जॉच और प्रमाण पत्र बनायें जाने के लिये लगाए जा रहे तमाम कैंप ढकोसला साबित हो रहे है। यहां हर साल समय समय पर ऐसे शिविर लगाये जाते है। इसमें दूर दूर से आने वाले निशक्तजनों लाइन में लगकर परेशान होना पड़ता है। कभी डॉक्टर नही मिलते तो कभी भोजन प्राप्त नही होता। डॉ. ने पूछने पर बताया कि भीड़ ज्यादा होने से कक्ष का दरवाजा बंद करना पड़ता है आप कहते है तो खोल देते है

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