➡ सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को चेतावनी देते हुए कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर सही कदम उठाने या कार्यवाही के लिए तैयार रहने को कहा वहीं ट्राई ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कंपनियों को 15 दिन का अल्टिमेटम दिया।
टेलिकॉम मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने एक पब्लिक इवेंट के दौरान कहा, 'मैं फिलहाल किसी भी प्रकार का जुर्माना लगाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं लेकिन यदि स्थिति नहीं सुधरी तो इसकी संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है क्योंकि यदि कोई मुद्दा है तो उसे हल करना उन लोगों की जिम्मेदारी है जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।'
➡ इकॉनमिस्ट इंडिया सम्मेलन के दौरान प्रसाद ने कहा सरकार प्रत्येक स्तर पर आवश्यक कदम उठा रही है और आपरेटर्स को भी अपने हिस्से का काम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा, 'हमने पहले स्पेक्ट्रम के साझा उपयोग के निर्णय को मंजूरी दी और अब हमने स्पेक्ट्रम की ट्रेडिंग को भी मंजूरी दे दी है। इसलिए वृद्धि को लेकर दूरसंचार आपरेटर्स की जो भी मांग है, हमने वह पूरी की हैं। इसलिए टेलिकॉम ऑपरेटर्स को चाहिए अच्छी सर्विस देकर वो सरकार का सहयोग करें।'
➡ ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने भी भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, और रिलाइंस कम्यूनिकेशन्स सहित सभी लीडिंग ऑपरेटरर्स के टॉप एग्जिक्युटिव्स से बात की और उनसे 15 दिनों में सुधार करने को कहा। उन्होने बताया, 'हमने उन्हें 15 दिन का टाइम दिया है और कहा है कि हम 15 दिनों के बाद एक बार फिर से मुंबई, दिल्ली तथा अन्य स्थानों पर स्थितियों की समीक्षा करके आगे का निर्णय करेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि यदि स्थितियों में ऑपरेटर्स सुधार नहीं ला पाए तो क्या उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी तो शर्मा ने कहा, ' जरुरत पड़ने पर हम सीमा लांघेंगे, लेकिन अभी आपरेटर्स पर अविश्वास करने का हमारे पास कोई कारण नहीं है। वे कह रहे हैं कि वे स्थिति में सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं, इसलिए मैं यह क्यूं मानकर चलूं कि स्थिति में सुधार नहीं आएगा।'
➡ ट्राई ने आपरेटर्स की यह दलील भी खारिज कर दी कि अपर्याप्त स्पेक्ट्रम के चलते कॉल ड्रॉप की समस्या आ रही है। शर्मा ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के बाद कहा, 'यह दलील कि स्पेक्ट्रम कम है, इसे उचित कारण नहीं माना जा सकता क्योंकि स्पेक्ट्रम अचानक नहीं घट गया, बल्कि स्पेक्ट्रम बढा है।'
गौरतलब है कि कॉल ड्रॉप की समस्या हाल के महीनों में एक गंभीर समस्या बन गयी है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस संबंध में चिंता जताई है।
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