भोपाल। जीना है तो घी पीकर जिओ चाहे उधार ही क्यों ने लेना पड़े। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार चल रही है। हजारों करोड़ के कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री और मंत्रियों के दौरों व सैर सपाटों को लिए जेअ प्लेन खरीदने जा रही है। 80 करोड़ की लागत वाला यह दो इंजन वाला पेवर टरबाइन जेट ऐयरो प्लेन है।
दरअसल विमान की कमी से जूझ रही सरकार को मुख्यमंत्री दौरे के लिए किराए के प्लेन से काम चलाना पड़ रहा है। विमान खरीदी के लिए बीते माह कैबिनेट ने करीब 80 करोड़ रुपए की लागत से विमान खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इसके साथ ही सरकार ने इसे खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। तीन अक्टूबर तक इच्छुक कंपनियों को अपने प्रस्ताव राज्य सरकार को देने होंगे। इसमें कोई भी कंपनी शामिल हो सकती है, लेकिन बिड के लिए किसे बुलाया जाए, इसका अधिकार सरकार के पास होगा।
क्या होगा पुराने विमानों का
इस समय राज्य सरकार के हवाई बेड़े में एक विमान और तीन हेलीकॉप्टर हैं लेकिन इसमें से सिर्फ दो ही रनिंग पोजिशन में हैं। एक हेलीकॉप्टर (बी 430) को डिस्पोज ऑफ करने की प्रक्रिया विमानन विभाग पिछले छह माह से कर रहा है, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है।
ढाई साल से विचारधीन था प्रस्ताव
जेट प्लेन की खरीदी का प्रस्ताव करीब ढाई साल से विचारधीन था। इसके लिए अपर मुख्य सचिव अजय नाथ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी जिसने जेट प्लेन खरीदने की अनुशंसा की थी।
हवाई पट्टियों का करना होगा विस्तार
नया विमान आने के बाद प्रदेश की 30 हवाई पट्टियों का विस्तार करना पड़ेगा। यह विमान भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन के अलावा सिर्फ नीमच, मंडला, दतिया, छिंदवाड़ा, सतना, सीधी और उमरिया हवाई पट्टी पर ही उतर पाएगा। इसकी वजह यह है कि लगभग 100 करोड़ रुपए कीमत के नए विमान के टेक ऑफ और लैडिंग के लिए न्यूनतम 5 हजार फीट का रनवे होना चाहिए। प्रदेश में कुल 5 एयर पोर्ट और 37 हवाई पट्टियां है।
यह क्षति पूर्ति
इस विमान में टाइप सर्टिफिकेट अनिवार्य है, जिसे डीजीसीए ने मान्य किया हो।
यह विमान पूरी तरह से वीएफआर और आईएफआर उपकरर्णों लैस हो, जिसे डीजीसीए ने मान्य किया हो।
इसमें वे इंजन लगे हो जो थ्रस्ट रिवर्सल सिसटम पर आधारित हो।
इन इंजनों में आग्जीलरी पावर यूनिट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
इस विमान की क्षमता छह से सात यात्री और दो पायलट वाली होना जरूरी होगी।
साथ ही तीस मिनट अतिरिक्त उड़ान भरने लायक ईधन की क्षमता वाले हो।
रखरखाव और मरमत और उपकरण उपलब्ध कराने की लिए कंपनी का प्रतिनिधि का देश में होना जरूरी है
साभार: (बिच्छू रोज़ाना)
दरअसल विमान की कमी से जूझ रही सरकार को मुख्यमंत्री दौरे के लिए किराए के प्लेन से काम चलाना पड़ रहा है। विमान खरीदी के लिए बीते माह कैबिनेट ने करीब 80 करोड़ रुपए की लागत से विमान खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इसके साथ ही सरकार ने इसे खरीदने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। तीन अक्टूबर तक इच्छुक कंपनियों को अपने प्रस्ताव राज्य सरकार को देने होंगे। इसमें कोई भी कंपनी शामिल हो सकती है, लेकिन बिड के लिए किसे बुलाया जाए, इसका अधिकार सरकार के पास होगा।
क्या होगा पुराने विमानों का
इस समय राज्य सरकार के हवाई बेड़े में एक विमान और तीन हेलीकॉप्टर हैं लेकिन इसमें से सिर्फ दो ही रनिंग पोजिशन में हैं। एक हेलीकॉप्टर (बी 430) को डिस्पोज ऑफ करने की प्रक्रिया विमानन विभाग पिछले छह माह से कर रहा है, लेकिन अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है।
ढाई साल से विचारधीन था प्रस्ताव
जेट प्लेन की खरीदी का प्रस्ताव करीब ढाई साल से विचारधीन था। इसके लिए अपर मुख्य सचिव अजय नाथ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी जिसने जेट प्लेन खरीदने की अनुशंसा की थी।
हवाई पट्टियों का करना होगा विस्तार
नया विमान आने के बाद प्रदेश की 30 हवाई पट्टियों का विस्तार करना पड़ेगा। यह विमान भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन के अलावा सिर्फ नीमच, मंडला, दतिया, छिंदवाड़ा, सतना, सीधी और उमरिया हवाई पट्टी पर ही उतर पाएगा। इसकी वजह यह है कि लगभग 100 करोड़ रुपए कीमत के नए विमान के टेक ऑफ और लैडिंग के लिए न्यूनतम 5 हजार फीट का रनवे होना चाहिए। प्रदेश में कुल 5 एयर पोर्ट और 37 हवाई पट्टियां है।
यह क्षति पूर्ति
इस विमान में टाइप सर्टिफिकेट अनिवार्य है, जिसे डीजीसीए ने मान्य किया हो।
यह विमान पूरी तरह से वीएफआर और आईएफआर उपकरर्णों लैस हो, जिसे डीजीसीए ने मान्य किया हो।
इसमें वे इंजन लगे हो जो थ्रस्ट रिवर्सल सिसटम पर आधारित हो।
इन इंजनों में आग्जीलरी पावर यूनिट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
इस विमान की क्षमता छह से सात यात्री और दो पायलट वाली होना जरूरी होगी।
साथ ही तीस मिनट अतिरिक्त उड़ान भरने लायक ईधन की क्षमता वाले हो।
रखरखाव और मरमत और उपकरण उपलब्ध कराने की लिए कंपनी का प्रतिनिधि का देश में होना जरूरी है
साभार: (बिच्छू रोज़ाना)
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