Present by - Toc News
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है। घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है।
अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए। यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए?
क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।सिंघवी का खान घोटाला क्या सीएम तक जाएगा
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है। घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है।
अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए। यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए?
क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।सिंघवी का खान घोटाला क्या सीएम तक जाएगा
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है।
घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है। अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए।
यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए? क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है। घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है।
अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए। यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए?
क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।सिंघवी का खान घोटाला क्या सीएम तक जाएगा
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है। घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है।
अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए। यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए?
क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।सिंघवी का खान घोटाला क्या सीएम तक जाएगा
दो सौ करोड़ रुपए का जो खान घोटाला एसीबी ने उजागर किया है, क्या वह राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे तक जाएगा। यह सवाल इसलिए उठा है कि इस मामले में राज्य सरकार के खान विभाग के प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी भी गिरफ्तार है। इस मामले में एक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
चर्चा है कि इस केन्द्रीय मंत्री की वजह से ही खान घोटाला उजागर हुआ है। भाजपा हाई कमान तक यह बात पहुंचाई गई कि राजस्थान में खान विभाग में करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है। यह बात भी जानकारी में लाई गई कि खान विभाग सीधे सीएम राजे के अधीन है, क्योंकि खान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा तो नाम मात्र के मंत्री है। इस बात की पुष्टि रिणवा के ताजा बयान से भी होती है।
घोटाले के उजागर होने के बाद रिणवा ने साफ कहा कि खान आवंटन से संबंधित कोई भी फाइल उनके पास नहीं आती है। अब सवाल उठता है कि आखिर अशोक सिंघवी किसके कहने पर खुला भ्रष्टाचार कर रहे थे? सिंघवी अभी सीएम राजे के अधीन आने वाली एसीबी के कब्जे में है। अभी सिंघवी वो ही बोलेंगे जो एसीबी कहेगी। एसीबी सीएम के कितने दबाव में है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब 16 सितम्बर को यह घोटाला उजागर हुआ तो एसीबी के डीजी नवदीपसिंह और आईजी दिनेश एनम सीएम से मिलने के लिए विधानसभा भवन गए।
यहां यह सवाल महत्वपूर्ण है कि एसीबी के ये दोनों अधिकारी सीएम से मिलने क्यों गए? क्या एसीबी के पास इतने अधिकार नहीं है कि वे अपने स्तर पर किसी आईएएस को गिरफ्तार कर सके। एसीबी की दयनीय स्थिति को देखते हुए ही अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग होने लगी है। बताया जाता है कि जिस केन्द्रीय मंत्री ने घोटाले को उजागर करने में भूमिका निभाई नहीं मंत्री अब सीबीआई जांच की मांग भी इधर-उधर से करवा रहा है। यदि सीबीआई की जांच होती है तो यह राजनीतिक दृष्टि से सीएम के लिए नुकसानदेय होगा। राजे पहले ही ललित गेट मामले में उलझी हुई है। इसी वजह से पहले संसद ठप रही और अब राजस्थान विधानसभा नहीं चलने दी जा रही हैं।
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