रंभा में किराना दुकान में चल रही है सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया क्योस्क बैंकिंग
बोरीखुर्द में एसबीआई के 73 उपभोक्ताओं के 20 लाख रूपयो का गबन का मामला
Toc News @ betul
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी योजना जनधन योजना का कड़वा सच सामने आने लगा है। हर आदमी का अपना बैंक खाता खोलने के लिए वित्त मंत्रालय के निर्देश पर आरबीआई ने अपने अधिनस्थ सभी राष्ट्रीयकृत बैंको को (क्योस्क बैंक)बैंक मित्र के माध्यम से पंचायत स्तर पर क्योस्क बैंक खोलना था। बैतूल जिले की भीमपुर एवं आमला तहसील की दो ग्राम क्योस्क बैंकिंग इन दिनो सुर्खियों में है।
भीमपुर तहसील के पांच ग्राम पंचायतो के लिए सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया भैसदेही शाखा से अधिकृत दो क्योस्क बैंक रंभा की एक किराना दुकान से चल रही है जबकि आमला तहसील के एसबीआई शाखा से अधिकृत बोरीखुर्द की क्योस्क बैंक से 73 खातेदारो की मेहनत की कमाई के 20 लाख रूपयों क्योस्क बैंकिंग की आड़ में हेराफेरी का मामला सामने आया है। एसबीआई के बैतूल स्थित मुख्य महाप्रबंधक श्री पीएस बेन्द्रे ने स्वीकार किया कि 73 खातेदारो के खातो से लगभग 20 लाख रूपयों का आहरण कर लिया गया है जो खातेदारो को पता भी नहीं है।
यहां पर क्योस्क बैंक की आक्सीजन नामक कंपनी पर संदेह की ऊंगलियां उठ रही है। आमला एसबीआई शाखा के प्रबंधक रमेश शर्मा ने स्वीकार किया कि क्योस्क बैकिंग में हमेशा ऐसी संभावनाए बनी रहती है। श्री शर्मा ने खातेदारो को विश्वास दिलाया कि खातेदारो के 20 लाख रूपये उन्हे जल्द लौटायें जाएगें। इस पूरे मामले में चार दिनो से एसबीआई की पूरी टीम गांव - गांव जाकर उन खातेदारो के दस्तावेजो को एकत्र करने में लगी हुई है जिनके द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खुलवाया गया था या जिनके द्वारा अपनी मेहनत की कमाई बैंक में जमा की गई थी। अभी तक 20 लाख रूपये के गबन की बात सामने आई है। ग्राम बोरीखुर्द में स्थित आक्सीजन नामक क्योस्क बैंकिंग द्वारा मात्र दो माह पूर्व ही अपना काम शुरू किया था। इतने कम समय में 20 लाख रूपये के गबन से लोगो का प्रधानमंत्री की जनधन योजना के तहत खाते खुलवा कर बचत करने का सपना चकनाचूर हो गया।
एसबीआई ने 20 लाख रूपये के गबन के मामले में आज दिनांक तक पुलिस थाने में गबन करने वाली आक्सीजन नामक क्योस्क बैकिंग के खिलाफ गबन के मामले की रिर्पोट तक दर्ज नहीं की गई है। एक अन्य घटनाक्रम में भीमपुर जनपद की नांदा,उत्ती,रंभा,पलस्या,जामू ग्राम पंचायतो के लिए दो सगे भाईयों को सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया ने अपनी क्योस्क बैकिंग के लिए अधिकृत किया है। ग्रामिणो एवं स्कूली छात्र - छात्राओं तथा खातेदारो का सीधा आरोप है कि बैंकिंग सुविधायें पंचायत स्तर पर नहीं दी जा रही है उन्हे भुगतान या जमा करने के लिए रंभा स्थित लखन आर्य की किराना दुकान जाना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम रंभा निवासी लखन आर्य के दोनो पुत्र कृष्णा आत्मज लखन आर्य एवं श्याम आत्मज लखन आर्य को क्योस्क बैंकिंग के लिए बैंक मित्र नियुक्त किया गया है। बैंक मित्र का खातेदारो के संग व्यवहार मित्रता का होना चाहिए लेकिन यहां पर भुगतान से लेकर जमा राशी तक के लिए उपभोक्ताओ के संग लूट खसोट की जा रही है। पांचो ग्राम पंचायतो के सचिवो ने भी इस संदर्भ में जानकारी दी कि शासन की विभिन्न योजनाओं के भुगतान के लिए खातेदारो को पंचायत तक आने के बाद रंभा स्थित किराना दुकान तक जाना पड़ता है और वहां पर उसी को रूपैया मिलता है जो भुगतान के बाद कुछ पैसा बतौर कमीशन के रूप में दोनो भाईयों या उसके पिता को दे।
सेन्ट्रल बैंक भैसदेही के शाखा प्रबंधक सुनील यादव का कहना है कि सेन्ट्रल बैंक की ओर से क्योस्क बैंकिग का काम कर रही एजेंसी या एजेंट को स्वंय बैंक की ओर से कमीशन दिया जाता है जो भुगतान एवं जमा राशी दोनो पर समान होता है। अलग से किसी भी उपभोक्ता से बैकिंग के नाम पर कमीशन वसूल किया जाना गंभीर अपराध है। बैतूल जिले में रंभा या बोरीखुर्द कोई पहली क्योस्क बैकिंग सुविधा नहीं है जिस पर ऊंगलियां उठाई जा रही है।
बैतूल जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर साहुकारो एवं व्यापारियों के परिजनो को क्योस्क बैकिंग सुविधा देने की आड़ में जिले की अधिकांश राष्ट्रीयकृत बैंको के प्रबंधको द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर अपने - अपने दलाल बनाये जा रहे है जिनकी आड़ में फजी किसान क्रेडिट कार्ड का गोरखधंधा चलाया जा सके। रंभा स्थित आदिम जाति सहकारी सेवा समिति के प्रबंधक हरि यादव भी स्वीकार करते है कि दलालो की आड़ में एक ही व्यक्ति की एक ही बही की नकली बही पर अन्य बैंको से भी केसीसी के माध्यम से सरकारी राशी के दुरूप्रयोग की घटनायें सामने आ रही है।
श्री यादव ने स्वीकर किया कि यदि भैसदेही एवं भीमपुर जनपद क्षेत्र की राष्ट्रीय कृत बैंक जिले की सहकारी बैंको के साथ सामाजंस्य बैठाल कर काम करे तो ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सकता है। श्री यादव कहते है कि दलालों द्वारा किसानो की फर्जी बही की आड़ में लाखो रूपैयों का किसान के्रडिट कार्ड पर बिना ब्याज के रूपैया लेकर उसे भोले - भाले ग्रामिणो को दस से बीस प्रतिशत मासिक ब्याज की दर से दिया जाता है। कई बार जो जरूरत मंदो को चालिस और पचास प्रतिशत की मासिक दर पर उनके जेवर और जमीन को गिरवी रख कर क्षेत्र में नासूर की तरह फैले सेठ साहुकारो एवं व्यापारियों द्वारा उक्त गैर कानूनी काम किया जाता है। इनमें से कुछ विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के नेता से लेकर कार्यकत्र्ता तक होते है।
बैतूल जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सौरभ सुमन स्वीकार करते है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए पचास हजार से अधिक खातों में एक रूपैया भी नही है। ऐसे में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को भी पलीता लग रहा है। जिन खातों में रूपैया नहीं है वहां पर रूपयों का टोटा बना हुआ है और जहां पर रूपैया है वहां पर उसमें गबन होने लगा है।
बोरीखुर्द में एसबीआई के 73 उपभोक्ताओं के 20 लाख रूपयो का गबन का मामला
Toc News @ betul
बैतूल,(रामकिशोर पंवार): देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की अतिमहत्वाकांक्षी योजना जनधन योजना का कड़वा सच सामने आने लगा है। हर आदमी का अपना बैंक खाता खोलने के लिए वित्त मंत्रालय के निर्देश पर आरबीआई ने अपने अधिनस्थ सभी राष्ट्रीयकृत बैंको को (क्योस्क बैंक)बैंक मित्र के माध्यम से पंचायत स्तर पर क्योस्क बैंक खोलना था। बैतूल जिले की भीमपुर एवं आमला तहसील की दो ग्राम क्योस्क बैंकिंग इन दिनो सुर्खियों में है।
भीमपुर तहसील के पांच ग्राम पंचायतो के लिए सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया भैसदेही शाखा से अधिकृत दो क्योस्क बैंक रंभा की एक किराना दुकान से चल रही है जबकि आमला तहसील के एसबीआई शाखा से अधिकृत बोरीखुर्द की क्योस्क बैंक से 73 खातेदारो की मेहनत की कमाई के 20 लाख रूपयों क्योस्क बैंकिंग की आड़ में हेराफेरी का मामला सामने आया है। एसबीआई के बैतूल स्थित मुख्य महाप्रबंधक श्री पीएस बेन्द्रे ने स्वीकार किया कि 73 खातेदारो के खातो से लगभग 20 लाख रूपयों का आहरण कर लिया गया है जो खातेदारो को पता भी नहीं है।
यहां पर क्योस्क बैंक की आक्सीजन नामक कंपनी पर संदेह की ऊंगलियां उठ रही है। आमला एसबीआई शाखा के प्रबंधक रमेश शर्मा ने स्वीकार किया कि क्योस्क बैकिंग में हमेशा ऐसी संभावनाए बनी रहती है। श्री शर्मा ने खातेदारो को विश्वास दिलाया कि खातेदारो के 20 लाख रूपये उन्हे जल्द लौटायें जाएगें। इस पूरे मामले में चार दिनो से एसबीआई की पूरी टीम गांव - गांव जाकर उन खातेदारो के दस्तावेजो को एकत्र करने में लगी हुई है जिनके द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खुलवाया गया था या जिनके द्वारा अपनी मेहनत की कमाई बैंक में जमा की गई थी। अभी तक 20 लाख रूपये के गबन की बात सामने आई है। ग्राम बोरीखुर्द में स्थित आक्सीजन नामक क्योस्क बैंकिंग द्वारा मात्र दो माह पूर्व ही अपना काम शुरू किया था। इतने कम समय में 20 लाख रूपये के गबन से लोगो का प्रधानमंत्री की जनधन योजना के तहत खाते खुलवा कर बचत करने का सपना चकनाचूर हो गया।
एसबीआई ने 20 लाख रूपये के गबन के मामले में आज दिनांक तक पुलिस थाने में गबन करने वाली आक्सीजन नामक क्योस्क बैकिंग के खिलाफ गबन के मामले की रिर्पोट तक दर्ज नहीं की गई है। एक अन्य घटनाक्रम में भीमपुर जनपद की नांदा,उत्ती,रंभा,पलस्या,जामू ग्राम पंचायतो के लिए दो सगे भाईयों को सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया ने अपनी क्योस्क बैकिंग के लिए अधिकृत किया है। ग्रामिणो एवं स्कूली छात्र - छात्राओं तथा खातेदारो का सीधा आरोप है कि बैंकिंग सुविधायें पंचायत स्तर पर नहीं दी जा रही है उन्हे भुगतान या जमा करने के लिए रंभा स्थित लखन आर्य की किराना दुकान जाना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम रंभा निवासी लखन आर्य के दोनो पुत्र कृष्णा आत्मज लखन आर्य एवं श्याम आत्मज लखन आर्य को क्योस्क बैंकिंग के लिए बैंक मित्र नियुक्त किया गया है। बैंक मित्र का खातेदारो के संग व्यवहार मित्रता का होना चाहिए लेकिन यहां पर भुगतान से लेकर जमा राशी तक के लिए उपभोक्ताओ के संग लूट खसोट की जा रही है। पांचो ग्राम पंचायतो के सचिवो ने भी इस संदर्भ में जानकारी दी कि शासन की विभिन्न योजनाओं के भुगतान के लिए खातेदारो को पंचायत तक आने के बाद रंभा स्थित किराना दुकान तक जाना पड़ता है और वहां पर उसी को रूपैया मिलता है जो भुगतान के बाद कुछ पैसा बतौर कमीशन के रूप में दोनो भाईयों या उसके पिता को दे।
सेन्ट्रल बैंक भैसदेही के शाखा प्रबंधक सुनील यादव का कहना है कि सेन्ट्रल बैंक की ओर से क्योस्क बैंकिग का काम कर रही एजेंसी या एजेंट को स्वंय बैंक की ओर से कमीशन दिया जाता है जो भुगतान एवं जमा राशी दोनो पर समान होता है। अलग से किसी भी उपभोक्ता से बैकिंग के नाम पर कमीशन वसूल किया जाना गंभीर अपराध है। बैतूल जिले में रंभा या बोरीखुर्द कोई पहली क्योस्क बैकिंग सुविधा नहीं है जिस पर ऊंगलियां उठाई जा रही है।
बैतूल जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर साहुकारो एवं व्यापारियों के परिजनो को क्योस्क बैकिंग सुविधा देने की आड़ में जिले की अधिकांश राष्ट्रीयकृत बैंको के प्रबंधको द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर अपने - अपने दलाल बनाये जा रहे है जिनकी आड़ में फजी किसान क्रेडिट कार्ड का गोरखधंधा चलाया जा सके। रंभा स्थित आदिम जाति सहकारी सेवा समिति के प्रबंधक हरि यादव भी स्वीकार करते है कि दलालो की आड़ में एक ही व्यक्ति की एक ही बही की नकली बही पर अन्य बैंको से भी केसीसी के माध्यम से सरकारी राशी के दुरूप्रयोग की घटनायें सामने आ रही है।
श्री यादव ने स्वीकर किया कि यदि भैसदेही एवं भीमपुर जनपद क्षेत्र की राष्ट्रीय कृत बैंक जिले की सहकारी बैंको के साथ सामाजंस्य बैठाल कर काम करे तो ऐसी धोखाधड़ी को रोका जा सकता है। श्री यादव कहते है कि दलालों द्वारा किसानो की फर्जी बही की आड़ में लाखो रूपैयों का किसान के्रडिट कार्ड पर बिना ब्याज के रूपैया लेकर उसे भोले - भाले ग्रामिणो को दस से बीस प्रतिशत मासिक ब्याज की दर से दिया जाता है। कई बार जो जरूरत मंदो को चालिस और पचास प्रतिशत की मासिक दर पर उनके जेवर और जमीन को गिरवी रख कर क्षेत्र में नासूर की तरह फैले सेठ साहुकारो एवं व्यापारियों द्वारा उक्त गैर कानूनी काम किया जाता है। इनमें से कुछ विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के नेता से लेकर कार्यकत्र्ता तक होते है।
बैतूल जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सौरभ सुमन स्वीकार करते है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खोले गए पचास हजार से अधिक खातों में एक रूपैया भी नही है। ऐसे में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को भी पलीता लग रहा है। जिन खातों में रूपैया नहीं है वहां पर रूपयों का टोटा बना हुआ है और जहां पर रूपैया है वहां पर उसमें गबन होने लगा है।
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